केरल सरकार का बड़ा कदम ITI छात्राओं को पीरियड्स के दौरान 2 दिन की छुट्टी

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Nov 29, 2024 - 20:44
Nov 29, 2024 - 20:48
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केरल सरकार का बड़ा कदम ITI छात्राओं को पीरियड्स के दौरान 2 दिन की छुट्टी

केरल सरकार का बड़ा कदम: ITI छात्राओं को पीरियड्स के दौरान 2 दिन की छुट्टी

केरल में इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट्स (ITIs) में पढ़ाई करने वाली छात्राओं के लिए राज्य सरकार ने एक अहम कदम उठाया है। राज्य सरकार ने पीरियड्स के दौरान छात्राओं को हर महीने 2 दिन की छुट्टी देने का फैसला किया है। इस निर्णय का उद्देश्य छात्राओं की शारीरिक जरूरतों को समझते हुए उन्हें आराम देने का है, ताकि वे अपने अध्ययन और प्रशिक्षण में बेहतर प्रदर्शन कर सकें।

राज्य शिक्षा मंत्री ने किया ऐलान

यह घोषणा केरल के स्टेट जनरल एजुकेशन मिनिस्टर वी शिवनकुट्टी द्वारा की गई। उन्होंने कहा कि यह कदम महिलाओं की शारीरिक और मानसिक स्थिति का सम्मान करते हुए उठाया गया है, ताकि वे अपनी स्किल-ट्रेनिंग में बेहतर तरीके से भाग ले सकें और उन्हें किसी भी प्रकार की शारीरिक असुविधा से बचाया जा सके।

छात्राओं को मिलेगा आराम और ध्यान

यह फैसला ITI कार्यक्रमों के दौरान छात्राओं को होने वाली समस्याओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, जहां बहुत से छात्राएं अपने मासिक धर्म के दौरान शारीरिक परेशानी महसूस करती हैं। कई बार यह स्थिति उनके पढ़ाई और प्रदर्शन में बाधा डालती है। इस छुट्टी से छात्राओं को अपना ख्याल रखने का पर्याप्त समय मिलेगा, जिससे उनका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहेगा।

स्किल-ट्रेनिंग में महिला प्रदर्शन

केरल सरकार ने यह फैसला इसलिए भी लिया क्योंकि राज्य के ITIs में महिला छात्राओं का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है। राज्य में स्किल-ट्रेनिंग में महिला छात्रों की भागीदारी बढ़ी है और उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में सफलता हासिल की है। सरकार का मानना है कि इस तरह के फैसले से महिला छात्रों की संख्या और प्रदर्शन में और सुधार होगा।

राज्य सरकार के इस कदम की अहमियत

यह फैसला अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल हो सकता है, जहां महिला छात्रों को उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए जरूरी सुविधाएं नहीं मिल पातीं। केरल का यह कदम यह दिखाता है कि शिक्षा और प्रशिक्षण में महिलाओं के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करना जरूरी है, ताकि वे बिना किसी परेशानी के अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें और समाज में अपनी पहचान बना सकें।

यह पहल केरल में महिला सशक्तिकरण और समान अवसरों की दिशा में एक और कदम साबित हो सकती है, और उम्मीद की जा रही है कि अन्य राज्य भी इस तरह के फैसले को लागू करेंगे।

पीरियड्स  क्या है पूरी जानकारी

पीरियड्स (मासिक धर्म) एक प्राकृतिक जैविक प्रक्रिया है जो महिलाओं में हर महीने होती है। यह गर्भाशय (यूटरस) से संबंधित एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है, जिसमें गर्भाशय की अस्तर (एंडोमेट्रियम) का ऊतक झड़कर बाहर निकलता है। यह प्रक्रिया आमतौर पर 12 से 15 साल की उम्र में शुरू होती है और लगभग 50 साल की उम्र तक चलती है, जब महिला रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) तक पहुंच जाती है।

पीरियड्स की प्रक्रिया:

  1. हॉर्मोनल बदलाव: मासिक धर्म के पहले, शरीर में हॉर्मोनल बदलाव होते हैं। अंडाशय (ओवरी) से दो प्रमुख हॉर्मोन, एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन, रिलीज होते हैं, जो गर्भाशय की अस्तर को तैयार करते हैं ताकि अगर अंडाणु निषेचित हो जाए, तो वह गर्भ में समा सके।

  2. अंडोत्सर्ग (Ovulation): अंडाशय से एक अंडाणु (Egg) का उत्सर्जन होता है, जिसे ओवुलेशन कहा जाता है। यह आमतौर पर मासिक धर्म के 14वें दिन के आसपास होता है।

  3. गर्भाधान का अभाव: अगर अंडाणु निषेचित नहीं होता है, तो गर्भाशय की अस्तर का ऊतक टूटने लगता है और शरीर से बाहर निकलता है, जिसके साथ रक्त भी आता है। यही मासिक धर्म है।

  4. रक्तस्राव: मासिक धर्म में लगभग 3 से 7 दिन तक रक्तस्राव होता है, और इसमें रक्त के साथ शारीरिक ऊतक, मृत कोशिकाएं और म्यूकस (बलगम) बाहर आते हैं।

पीरियड्स के लक्षण:

  • रक्तस्राव: सामान्य रूप से लगभग 20 से 80 मिलीलीटर रक्त बहता है।
  • पेट में ऐंठन: कई महिलाओं को पेट के निचले हिस्से में दर्द और ऐंठन का सामना होता है।
  • मूड स्विंग्स: हॉर्मोनल बदलाव के कारण मूड में उतार-चढ़ाव भी हो सकता है।
  • सिर दर्द: कुछ महिलाओं को सिरदर्द और थकान महसूस होती है।

पीरियड्स के दौरान ध्यान देने योग्य बातें:

  • स्वच्छता: पीरियड्स के दौरान पैड्स, टैम्पॉन्स या कप के इस्तेमाल से स्वच्छता बनाए रखना जरूरी होता है।
  • संतुलित आहार: आहार में पर्याप्त विटामिन, खनिज और पानी का सेवन करना चाहिए।
  • व्यायाम: हल्के व्यायाम से पीरियड्स के दौरान दर्द को कम किया जा सकता है।
  • शरीरिक और मानसिक स्वास्थ्य: मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखें, क्योंकि पीरियड्स के दौरान कुछ महिलाएं अवसाद और तनाव महसूस कर सकती हैं।

पीरियड्स की अनियमितता:

कुछ महिलाओं को मासिक धर्म अनियमित रूप से होता है, जो तनाव, आहार, व्यायाम, हॉर्मोनल असंतुलन या अन्य शारीरिक समस्याओं के कारण हो सकता है। अगर यह समस्या लगातार बनी रहती है, तो डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी होता है।

पीरियड्स और प्रजनन स्वास्थ्य:

मासिक धर्म महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य का संकेत होता है। यदि पीरियड्स नियमित होते हैं, तो यह स्वस्थ प्रजनन प्रणाली का संकेत है। यह गर्भावस्था की संभावनाओं, हार्मोनल संतुलन और ओव्यूलेशन को प्रभावित कर सकता है।

अंत में, पीरियड्स एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है जो महिलाओं के जीवन का हिस्सा होती है और इससे संबंधित स्वच्छता, स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है।

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