आरएसएस की बैठक में वायनाड से बंगाल तक मंथन
बंगाल में डाक्टर से दरिंदगी और चुनाव बाद हिंसा पर हुई चर्चा नक्सली हिंसा में कमी और प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों पर भी विमर्श
आरएसएस की बैठक में वायनाड से बंगाल तक मंथन
केरल के पलक्कड़ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की समन्वय बैठक में वायनाड से बंगाल तक से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई। तीन दिवसीय बैठक का रविवार को दूसरा दिन था। पहले दिन चार सत्रों में चर्चा हुई। प्रत्येक सत्र महत्वपूर्ण विषयों पर केंद्रित था। इस दौरान बांग्लादेश पर कोई चर्चा नहीं की गई।
शनिवार को बैठक की शुरुआत केरल में वायनाड त्रासदी के बाद आरएसएस स्वयंसेवकों द्वारा किए गए सेवा और राहत कार्यों पर एक विस्तृत रिपोर्ट के साथ हुई। दूसरा सत्र आरएसएस और उसके सहयोगी संगठनों से संबंधित संगठनात्मक मुद्दों, उनके बीच संरचनात्मक और कार्यात्मक समन्वय पर केंद्रित था। तीसरे सत्र में बंगाल की वर्तमान स्थिति सहित राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई। चर्चा में बंगाल में हिंदुओं के खिलाफ चुनाव के बाद की हिंसा और एक महिला डाक्टर से दरिंदगी पर प्रकाश डाला गया। चौथे सत्र में पंजाब के हालात पर विचार-विमर्श किया गया।
नक्सली हिंसा में कमी और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में केंद्र सरकार के विकास कार्यों पर भी चर्चा हुई। सत्र में इन क्षेत्रों में वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा किए जा रहे कार्यों की भी सराहना की गयी। फाइल विभिन्न संबद्ध संगठनों का समूह बनाकर संगठनात्मक समन्वय से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए एक अलग सत्र आयोजित किया गया था।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सभी सत्रों में सक्रिय रूप से भाग लिया और पूरी चर्चा के दौरान अपनी उपस्थिति सुनिश्चित की। सामान्य बैठकों के विपरीत समन्वय बैठक में संबद्ध संगठनों द्वारा वार्षिक रिपोर्टी प्रस्तुत नहीं की जाती है। इसके बजाय आरएसएस से जुड़े विभिन्न संगठनों के बीच समन्वय बढ़ाने के लिए आगामी कार्यक्रमों और योजनाओं को साझा करने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। बंगाल में डाक्टर से दरिंदगी और चुनाव बाद हिंसा पर हुई चर्चा नक्सली हिंसा में कमी और प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों पर भी विमर्श
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