डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की जीवनी - विचार और योगदान

डॉ. भीमराव अंबेडकर जी का जीवन परिचय, शिक्षा, सामाजिक योगदान और बौद्ध धर्म परिवर्तन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी। विचार, उपलब्धियाँ और प्रेरणादायक सफर।

Jun 7, 2025 - 12:38
Jun 7, 2025 - 12:50
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डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की जीवनी - विचार और योगदान
डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की जीवनी

डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की जीवनी का जीवन परिचय (Ambedkar Biography in Hindi)

डॉ. भीमराव अंबेडकर जी (B.R. Ambedkar) भारतीय इतिहास की एक ऐसी महान विभूति थे, जिन्होंने ना केवल भारतीय संविधान का निर्माण किया, बल्कि दलितों, पिछड़ों और शोषित वर्गों के अधिकारों के लिए आजीवन संघर्ष किया। वे सामाजिक न्याय, समानता और शिक्षा के सशक्त समर्थक थे।


प्रारंभिक जीवन

डॉ. भीमराव अंबेडकर जी का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मौ, मध्य प्रदेश में एक दलित महार परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल था, जो ब्रिटिश भारतीय सेना में सूबेदार थे। जातिगत भेदभाव ने बचपन से ही उनके जीवन को प्रभावित किया।


शिक्षा

डॉ. भीमराव अंबेडकर जी ने एलफिंस्टन कॉलेज, मुंबई से स्नातक किया और आगे की पढ़ाई के लिए कोलंबिया विश्वविद्यालय (अमेरिका) तथा लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स गए। उन्होंने अर्थशास्त्र, राजनीति, कानून और समाजशास्त्र में उच्च शिक्षा प्राप्त की।


⚖️ सामाजिक और राजनीतिक संघर्ष

डॉ. भीमराव अंबेडकर जी ने अछूतों के अधिकारों के लिए कई आंदोलन चलाए।

  • महाड़ सत्याग्रह (1927): पानी पीने के अधिकार के लिए

  • नासिक का कालाराम मंदिर सत्याग्रह

  • उन्होंने "जाति का उन्मूलन (Annihilation of Caste)" नामक क्रांतिकारी पुस्तक भी लिखी।

भारतीय संविधान का निर्माण

1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद, डॉ. भीमराव अंबेडकर जी को संविधान निर्माण समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उन्होंने भारतीय संविधान को सामाजिक समानता, धर्मनिरपेक्षता और न्याय के आधार पर तैयार किया।


बौद्ध धर्म की ओर रुझान

जातिवादी व्यवस्था से तंग आकर, डॉ. अंबेडकर ने 14 अक्टूबर 1956 को नागपुर में बौद्ध धर्म अपनाया, और लाखों अनुयायियों के साथ नवबौद्ध आंदोलन की शुरुआत की।


निधन

डॉ. भीमराव अंबेडकर जी का निधन 6 दिसंबर 1956 को दिल्ली में हुआ। उनकी समाधि "चैत्यभूमि" मुंबई में स्थित है।


डॉ. अंबेडकर जी के प्रसिद्ध विचार

  • “शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो।”

  • “धर्म मानव के लिए है, मानव धर्म के लिए नहीं।”

  • “मैं किसी समाज की प्रगति उस समाज में महिलाओं की स्थिति से मापता हूँ।”


डॉ. अंबेडकर जी की प्रमुख उपलब्धियाँ

  • भारतीय संविधान के प्रमुख वास्तुकार

  • सामाजिक सुधारक और शिक्षाविद

  • प्रथम कानून मंत्री (स्वतंत्र भारत)

  • भारत रत्न से सम्मानित (1990, मरणोपरांत)


डॉ. भीमराव अंबेडकर जी  का जीवन हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो समानता, शिक्षा और मानवाधिकार के लिए संघर्ष कर रहा है। उन्होंने भारत को न केवल एक संविधान दिया, बल्कि एक नई सोच और आत्म-सम्मान की भावना भी दी।

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