होली के रंग में केमिकल मिला है या नहीं? इन आसान तरीकों से पहचानें

हर बार होली पर केमिकल बेस्ड रंगों की बात जरूर उठती है. ऐसे में अगर आप होली के रंगों में केमिकल्स मिले होने से बचना चाहते हैं तो इसे पहचानने के लिए टेक्सचर, पानी में घुलने, गंध, स्किन टेस्ट और ब्रांड पर ध्यान देना जरूरी है. आप भी ये टिप्स ट्राई करके देखिए.

Mar 13, 2025 - 18:53
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होली के रंग में केमिकल मिला है या नहीं? इन आसान तरीकों से पहचानें
होली के रंग में केमिकल मिला है या नहीं? इन आसान तरीकों से पहचानें

होली का त्योहार रंगों का प्रतीक है, लेकिन बाजार में मिलने वाले कई रंगों में केमिकल्स मिले होते हैं. ये रंग स्किन, आंखों और बालों के लिए खतरनाक हो सकते हैं. इसलिए यह जानना जरूरी है कि आप जिन रंगों का इस्तेमाल कर रहे हैं,वो नेचुरल हैं या उनमें केमिकल्स मिले हुए हैं. अगर आप ये जानना चाहते हैं कि जो रंग आप खरीद रहे हैं वो केमिकल फ्री हैं या नहीं तो ये आर्टिकल आपके लिए है.

इस आर्टिकल में उन सिंपल टिप्स की बात की गई है, जिनकी मदद से आप केमिकल फ्री रंगों की पहचान कर सकते हैं. अगर आप अपनी और बाकियों की स्किन को कोई नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते हैं तो हमेशा नेचुरल और हर्बल रंगों का ही इस्तेमाल करें ताकि त्योहार सुरक्षित और खुशनुमा बना रहे. तो आइए जानते हैं कि होली के रंग में केमिकल मिला है या नहीं.

रंगों को ऐसे पहचानें

रंग का टेक्सचर चेक करें: अगर रंग में केमिकल मिला होता है, तो उसकी बनावट बहुत ज्यादा महीन और चिकनी होती है. आमतौर पर प्राकृतिक रंग हल्के और हल्की मोटी बनावट वाले होते हैं. अगर कोई रंग ज्यादा चमकदार और पाउडर जैसा महसूस हो, तो उसमें केमिकल होने की संभावना ज्यादा होती है.

पानी में घोलकर टेस्ट करें: रंग को टेस्ट करने का सबसे आसान तरीका है उसे पानी में घोलना. नेचुरल रंग पानी में जल्दी घुल जाते हैं और हल्का रंग छोड़ते हैं, जबकि केमिकल वाले रंग जम जाते हैं या उनमें ऑयली लेयर आ जाती है. अगर रंग का पानी कुछ देर में बदबू देने लगे, तो समझ जाइए कि उसमें केमिकल मिला हुआ है.

तेज गंध से पहचानें: अगर होली का रंग बहुत तेज या अजीब गंध दे रहा है, तो उसमें हानिकारक केमिकल हो सकते हैं. प्राकृतिक रंगों में कोई खास गंध नहीं होती, जबकि केमिकल वाले रंगों में डीजल, केरोसिन या किसी अन्य कैमिकल जैसी स्मेल आ सकती है. इसलिए रंग को सूंघकर भी इसकी शुद्धता का अंदाजा लगाया जा सकता है.

हाथ पर रगड़कर देखें: रंग को अपने हाथ पर हल्का सा रगड़कर देखें. अगर यह आसानी से स्किन से हट जाता है और कोई दाग नहीं छोड़ता, तो यह प्राकृतिक हो सकता है. लेकिन अगर यह स्किन पर चिपक जाता है या छुड़ाने के बाद लाल, हरा या नीला दाग छोड़ देता है, तो इसका मतलब है कि इसमें सिंथेटिक डाई और केमिकल मिले हुए हैं.

बालों और स्किन पर असर देखें: अगर रंग लगाने के कुछ देर बाद स्किन में जलन, खुजली या लाल चकत्ते (Rashes) पड़ने लगें, तो यह साफ संकेत है कि इसमें हानिकारक केमिकल्स मिले हुए हैं. साथ ही, अगर रंग बालों में चिपचिपा हो जाता है या धोने के बाद बाल ज्यादा रूखे और बेजान हो जाते हैं, तो इसका मतलब है कि यह रंग नुकसानदायक हो सकता है.

बाजार से खरीदते समय ध्यान दें: रंग खरीदते समय ब्रांड और पैकेजिंग को ध्यान से देखें. प्राकृतिक और ऑर्गेनिक रंग आमतौर पर हल्के और सूक्ष्म पैकेजिंग में आते हैं, जबकि केमिकल वाले रंग ज्यादा चमकदार और आकर्षक पैक में हो सकते हैं. कोशिश करें कि हरबल, ऑर्गेनिक और नेचुरल रंगों को ही चुनें.

घर पर नेचुरल रंग बनाएं: अगर बाजार के रंगों पर भरोसा नहीं है, तो घर पर खुद नेचुरल रंग बनाएं. जैसे कि पीला रंग हल्दी से, गुलाबी रंग चुकंदर से, हरा रंग पालक या पत्तियों से और नीला रंग नीले फूलों से बनाया जा सकता है. ये रंग पूरी तरह से सुरक्षित होते हैं और त्वचा को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते.

घर पर कैसे बनाएं नेचुरल रंग?

घर पर नेचुरल रंग बनाना आसान और सेफ होता है. पीला रंग बनाने के लिए बेसन या कॉर्नफ्लोर में हल्दी मिलाएं. गुलाबी रंग के लिए चुकंदर को उबालकर उसका पानी सुखाकर पाउडर बना लें या सूखे गुलाब की पंखुड़ियों को पीस लें. हरा रंग बनाने के लिए मेहंदी पाउडर या पालक के पत्तों को सुखाकर पीस लें. नीला रंग अपराजिता या जामुन के छिलकों से निकाला जा सकता है. लाल रंग बनाने के लिए सूखे टेसू के फूलों को पीसें या कुमकुम में थोड़ा अरारोट मिलाएं. ये सारे रंग स्किन फ्रेंडली होते हैं और किसी भी केमिकल फ्री होते हैं, जिससे होली खेलना सुरक्षित और मजेदार बनता है.

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,