123 साल पुरानी परंपरा टूटी राम जन्मभूमि में नहीं स्थापित हुआ कलश

1901 से चैत्र नवरात्र में राम जन्मभूमि सेवा समिति मनाती आ रही है राम जन्मोत्सव

123 साल पुरानी परंपरा टूटी राम जन्मभूमि में नहीं स्थापित हुआ कलश

123 साल पुरानी परंपरा टूटी राम जन्मभूमि में नहीं स्थापित हुआ कलश

अयोध्या। राम जन्मभूमि सेवा समिति की ओर से चैत्र नवरात्र में कलश स्थापना कर राम जन्मोत्सव मनाने की परंपरा 123 साल बाद मंगलवार को टूट गई। सेवा समिति का आरोप है कि राम मंदिर ट्रस्ट ने प्राचीन परंपरा के अनुपालन को रोक दिया। समिति के महामंत्री अच्युत शंकर शुक्ला ने बताया कि समिति की स्थापना 1901 में हुई।

तब से लगातार समिति की ओर से चैत्र रामनवमी में रामलला का जन्मोत्सव मनाया जाता रहा है। पहले जन्मोत्सव में समिति के पदाधिकारी भी राम जन्मभूमि परिसर में शामिल होते थे, लेकिन 2003 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद समिति केवल कलश राम जन्मभूमि परिसर में भेजती रही है। इसी परंपरा के अनुपालन में समिति के पदाधिकारी मंगलवार को कलश लेकर राम जन्मभूमि के पुजारी को सौंपने रंग महल बैरियर पर पहुंचे, लेकिन कलश लेने कोई नहीं आया।

1901 से चैत्र नवरात्र में राम जन्मभूमि सेवा समिति मनाती आ रही है राम जन्मोत्सव


■इस संबंध में ट्रस्ट से भी बात की गई, लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिला। घंटों इंतजार के बाद कलश वापस लाकर समिति के कार्यालय में रख दिया गया। इस संबंध में राममंदिर के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्रा ने बताया कि उन्हें जानकारी नहीं है। सुरक्षा कारणों से कलश अंदर ले जाने से रोका गया होगा। संवाद