Google सर्च कैसे काम करता है, इंटरनेट का जन्म कब हुआ था
इंटरनेट का जन्म कब हुआ था गूगल सर्च - जानें कि Google Search कैसे काम करता है
Google सर्च कैसे काम करता है: विस्तार से समझाया
Google एक शोध इंजन है जो इंटरनेट पर उपलब्ध सूचनाओं को खोजता है और प्रयोक्ताओं को उनकी खोज की अनुरोधों के लिए परिणाम प्रदान करता है। गूगल सर्च का उद्देश्य उपयोगकर्ताओं को सटीक और उपयुक्त जानकारी प्रदान करना है। यहाँ हम गूगल सर्च के काम करने की प्रक्रिया को समझेंगे।
वैसे तो इंटरनेट का जन्म 1960 के दशक में हुआ था, जब अमेरिकी आर्पानेट (ARPANET) की स्थापना हुई। यह एक परियोजना थी जो अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के आईएचटीआई (ARPA) द्वारा आरंभ की गई थी। आर्पानेट का मुख्य उद्देश्य विज्ञान और अनुसंधान संगठनों के बीच डेटा साझा करना था। इसके बाद, इंटरनेट का विस्तार और विकास धीरे-धीरे हुआ, और आज यह दुनिया भर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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Search Console के बारे में जानकारी
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विश्वसनीयता और गुणवत्ता: Google का पहला ध्यान विश्वसनीयता और गुणवत्ता पर होता है। उपयोगकर्ताओं को विश्वसनीय और मान्यता प्राप्त सूत्रों से मिलने वाली जानकारी प्रदान करने का प्रयास होता है।
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क्रॉलिंग: Google एक बड़ा नेटवर्क क्रॉलर या बॉट रखता है जो इंटरनेट पर उपलब्ध सभी जानकारी को खोजता है। यह नई और अपडेटेड साइटों को ढूंढता रहता है और उन्हें अपने इंडेक्स में शामिल करता है।
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इंडेक्सिंग: Google ने एक विशाल डेटाबेस बनाया है जिसमें खोज इंजन क्रॉल के द्वारा खोजी गई सभी जानकारी शामिल होती है। इस इंडेक्स में साइटों की जानकारी उनके सामग्री, लिंक और अन्य विशेषताओं के साथ संग्रहित होती है।
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अल्गोरिदम: Google के पास एक विशेष अल्गोरिदम होता है जो उपयोगकर्ताओं की खोज की अनुरोधों का मूल्यांकन करता है। यह अल्गोरिदम अनेक कारकों का उपयोग करता है, जैसे कि खोज की सटीकता, विश्वसनीयता, सामग्री की गुणवत्ता, और अधिक।
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प्रदर्शन: अंततः, Google प्रयोक्ताओं के खोज के अनुरोधों के लिए परिणाम प्रदान करता है। यह परिणाम उपयोगकर्ताओं के अनुरोध के आधार पर आदान-प्रदान होते हैं और वे उपयोगकर्ताओं को सटीक, मान्यता प्राप्त और उपयुक्त सूचना प्रदान करते हैं।
इस प्रक्रिया में, Google की मुख्य धारा उपयोगकर्ताओं को उनकी खोज की अनुरोधों के लिए सटीक और मान्यता प्राप्त सूचना प्रदान करने में समर्थ होना है। इसके लिए, गूगल निरंतर अपने अल्गोरिदम को अपडेट करता रहता है ताकि उपयोगकर्ताओं को सर्वोत्तम अनुभव प्रदान किया जा सके।
Google का काम कैसे करता है, उसकी प्रक्रिया को समझने के लिए निम्नलिखित चरणों को ध्यान में रखा जाता है:
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खोज इंजन क्रॉलिंग: Google के खोज इंजन वेब पेजों को ऑटोमेटिक रूप से खोजता है और उन्हें इंडेक्स के लिए शामिल करता है। यह क्रॉलर वेब पेजों की लिंक्स को पहचानता है और उन्हें खोज इंजन में जोड़ता है।
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इंडेक्सिंग: Google के इंडेक्सिंग प्रक्रिया में, क्रॉलर द्वारा पाए गए सामग्री को विभिन्न विशेषताओं जैसे कि शीर्षक, मेटा टैग, सामग्री, लिंक्स आदि के आधार पर संग्रहित किया जाता है। यह सूची खोज इंजन के इंडेक्स में शामिल होती है ताकि उपयोगकर्ताओं के खोज के अनुरोध का संदर्भ दिया जा सके।
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खोज के अनुरोध का प्रक्रियण: जब एक उपयोगकर्ता गूगल पर कुछ खोजता है, उनके अनुरोध का प्रक्रियण होता है। गूगल के अल्गोरिदम इस अनुरोध को समझते हैं और सबसे उपयुक्त परिणाम प्रदान करने के लिए इंडेक्स की खोज करते हैं।
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परिणाम प्रदर्शित करना: अंत में, Google उपयोगकर्ताओं को उनके खोज के अनुरोध के अनुसार परिणाम प्रदान करता है। यह परिणाम अधिकांशत: वेब पेजों, लेख, छवियों, वीडियों आदि के रूप में होते हैं, जो उपयोगकर्ताओं को उनके खोज के लिए उपयुक्त जानकारी प्रदान करते हैं।
यह प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है, साथ ही Google अपने अल्गोरिदम को समायोजित करता रहता है ताकि उपयोगकर्ताओं को सटीक और मान्यता प्राप्त परिणाम प्रदान किया जा सके।
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