रूस ने भारत पर अमेरिकी दबाव की निंदा की | रूस-भारत ऊर्जा सहयोग

"रूस ने भारत पर अमेरिकी टैरिफ दबाव को अनुचित बताया। जानें क्यों रूस-भारत ऊर्जा सहयोग जारी रहेगा और अमेरिका की कार्रवाई की निंदा की गई।"

Aug 20, 2025 - 16:25
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रूस ने भारत पर अमेरिकी दबाव की निंदा की | रूस-भारत ऊर्जा सहयोग
रूस ने भारत पर अमेरिकी दबाव की निंदा की | रूस-भारत ऊर्जा सहयोग

रूस ने भारत पर अमेरिकी दबाव की निंदा की: कच्चे तेल खरीद पर टकराव

 मुख्य बातें (Highlights)

  • अमेरिका ने रूस से कच्चा तेल खरीदने पर भारत पर 50% टैरिफ लगाया।

  • रूस ने इस कार्रवाई को अनुचित और दबाव बनाने वाला कदम बताया।

  • रूसी राजदूत बोले – भारत-रूस ऊर्जा सहयोग जारी रहेगा।

  • 2024-25 में भारत के कुल तेल आयात में रूस की हिस्सेदारी 35% से अधिक हो गई।

  • रूस और भारत ने 2030 तक 100 अरब डॉलर व्यापार लक्ष्य तय किया।


अमेरिका-भारत तनाव और रूस का जवाब

अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए दंडात्मक टैरिफ को लेकर रूस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। मॉस्को में रूसी राजनयिक रोमन बाबुश्किन ने कहा कि भारत को रूसी कच्चा तेल खरीदने से रोकने की अमेरिकी कोशिशें गलत हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे कदम वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता को नुकसान पहुँचाते हैं।


रूस का भरोसा – भारत रहेगा ऊर्जा सहयोगी

रूस ने साफ कहा कि भारत के साथ उसका ऊर्जा सहयोग बाधित नहीं होगा। बाबुश्किन ने कहा:

“भारत के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण स्थिति है, लेकिन हमें भारत के साथ अपनी साझेदारी पर भरोसा है। दोनों देश ऊर्जा सहयोग को और मज़बूत करेंगे।”

रूसी राजदूत ने यह भी कहा कि भारतीय वस्तुओं पर बढ़ाए गए अमेरिकी शुल्क के बावजूद रूसी बाजार भारतीय निर्यात का स्वागत करेगा।


पृष्ठभूमि: रूस पर पश्चिमी प्रतिबंध और भारत की बढ़ती खरीद

  • फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद पश्चिमी देशों ने मास्को पर कड़े प्रतिबंध लगाए और रूसी तेल आयात रोक दिया।

  • इसके बाद भारत ने कम दामों पर रूसी तेल खरीदना शुरू किया।

  • नतीजा: 2019-20 में जहां कुल तेल आयात में रूस की हिस्सेदारी केवल 1.7% थी, वहीं 2024-25 तक यह बढ़कर 35.1% हो गई।


भविष्य की रणनीति और ब्रिक्स की भूमिका

बाबुश्किन ने कहा कि भारत और रूस ने 2030 तक आपसी व्यापार को 100 अरब डॉलर तक पहुँचाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा वैश्विक अस्थिरता में ब्रिक्स समूह की भूमिका और मज़बूत होगी।


अमेरिका के दबाव के बावजूद भारत और रूस ऊर्जा सहयोग को लेकर प्रतिबद्ध हैं। रूस ने यह साफ कर दिया है कि वह भारत के साथ अपने संबंधों को और गहरा करेगा। वहीं, भारत भी लगातार यह दोहराता रहा है कि उसकी ऊर्जा खरीद पूरी तरह राष्ट्रीय हित और बाज़ार की आवश्यकताओं से प्रेरित है।

@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,