महिला सुपरवाइजर ने मजदूर से की शादी, गुजरात से आई बिहार; लिए सात फेरे
गुजरात की रहने वाली 18 वर्षीय प्रगति रतीलाल थहर और बिहार के नालंदा का रहने वाले सूरज पासवान दोनों गुजरात की एक फैक्ट्री में काम करते थे. काम के दौरान दोनों को प्यार हो गया और दोनों ने शादी कर ली.


कहते हैं जब किसी से इश्क होता है तो वह न तो दूरी देखता है और न ही जात या धर्म. इश्क तो बस इश्क होता है. कुछ ऐसी ही कहानी है गुजरात की प्रगति की. एक अच्छे कंपनी में सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत प्रगति की आँखें एक जूनियर मजदूर से चार हो गई. प्रगति ने अब गुजरात से बिहार आकर मजदूर से शादी की है. अब यह शादी इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है. गुजरात से लेकर बिहार तक फैली इस प्रेम कहानी ने सामाजिक बंधनों को भी तोड़ दिया है, जिसने यह साबित कर दिया है कि प्रेम की कोई सीमा नहीं होती.
मिली जानकारी के अनुसार नालंदा जिले के दीप नगर थाना क्षेत्र के चक दिलावर गांव के निवासी सूरज पासवान गुजरात के वापी स्थित शाह पेपर बैग इंडस्ट्रीज में काम करते थे. वहीं पर प्रगति रतिलाल थहर भी काम करती थी. सूरज इस कंपनी में नीचे की मंजिल पर मजदूर का काम करते थे, वही प्रगति दूसरी मंजिल पर सूरज से ऊपर ओहदे पर सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत थी.
जीवन भर साथ रहने का लिया निर्णय
सूरज ने बताया कि जब मैने प्रगति को पहली बार देखा तब, पहली नज़र में ही कुछ ऐसा हुआ कि हम एक-दूसरे की ओर आकर्षित हो गए. इसके बाद हम दोनों एक दूसरे के नजदीक आ गए. सूरज बताते हैं, करीब एक साल पहले शुरू हुई यह प्रेम कहानी धीरे-धीरे परवान चढ़ती गई और दोनों ने जीवन भर साथ रहने का निर्णय लिया.
परिवार वाले नहीं थे तैयार
इस अनोखी प्रेम कहानी में प्रगति के घर वाले सूरज के साथ उसके रिश्ते को अपनाने के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन प्रगति ने हार नहीं मानी और अपने प्यार के लिए गुजरात छोड़कर सूरज के गृह राज्य बिहार के नालंदा जिले के दीपनगर स्थित चक दिलावर गांव पहुंच गई. इधर सूरज के पिता राम अवतार पासवान ने बताया कि जब मेरे बेटे ने मुझे इस रिश्ते के बारे में बताया, तो मैंने उसके फैसले का सम्मान किया. अब प्रगति हमारे परिवार का हिस्सा है और हम उसे किसी भी तरह की परेशानी से बचाएंगे.
हिंदू रीति-रिवाज से हुई शादी
दो दिन पूर्व बिहार शरीफ पहुंचने के बाद, प्रेमी जोड़े ने पहले सूर्य मंदिर में हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार विवाह किया और फिर अपने रिश्ते को कानूनी मान्यता देने के लिए व्यवहार न्यायालय बिहार शरीफ में कोर्ट मैरिज भी कर ली. प्रगति का कहना है कि समाज और परिजनों के विरोध के बावजूद अपना रास्ता चुना है. मुझे दुख है कि मेरे माता-पिता इस शादी से खुश नहीं हैं, लेकिन मुझे उम्मीद है कि समय के साथ वे हमारे फैसले को स्वीकार कर लेंगे.
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