पानवाले की बेटी बनी अफसर: गया की श्वेता भगत ने पास किया UPSC, पूरे गांव का नाम किया रोशन

पानवाले की बेटी बनी अफसर: गया की श्वेता भगत ने पास किया UPSC, पूरे गांव का नाम रोशन गया की श्वेता भगत ने यूपीएससी परीक्षा पास कर गृह मंत्रालय में राजभाषा अधिकारी का पद हासिल किया। पान बेचने वाले पिता की बेटी ने संघर्षों के बावजूद सपनों को सच कर दिखाया।

Aug 20, 2025 - 14:33
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पानवाले की बेटी बनी अफसर: गया की श्वेता भगत ने पास किया UPSC, पूरे गांव का नाम किया रोशन
पानवाले की बेटी बनी अफसर: गया की श्वेता भगत ने पास किया UPSC, पूरे गांव का नाम किया रोशन

पानवाले की बेटी बनी अफसर: गया की श्वेता भगत ने पास किया UPSC, पूरे गांव का नाम रोशन

पानवाले की बेटी बनी अफसर: गया की श्वेता भगत ने पास किया UPSC, पूरे गांव का नाम किया रोशन

गया (बिहार)।
कहते हैं कि अगर हौसला बुलंद हो तो हालात कितने भी कठिन क्यों न हों, इंसान अपने सपनों को सच कर सकता है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है गया जिले की बेटी श्वेता भगत ने। जिनके पिता सुशील भगत कोलकाता में पान की दुकान चलाकर घर का खर्च चलाते थे, वही बेटी अब यूपीएससी पास कर राजभाषा अधिकारी बनी हैं।


बचपन का सपना बना हकीकत

श्वेता भगत बचपन से ही अफसर बनना चाहती थीं। गरीब परिवार से आने और संघर्षों के बीच पढ़ाई करने के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी।
उन्होंने कोलकाता यूनिवर्सिटी से मास्टर ऑफ आर्ट्स (एम.ए.) की डिग्री हासिल की और 2023 में पहली बार यूपीएससी का फॉर्म भरते ही परीक्षा व इंटरव्यू दोनों पास कर लिये।
2024 के अंतिम महीने में उन्हें गृह मंत्रालय के अधीन इंदौर में कनिष्ठ अनुवाद अधिकारी (Junior Translation Officer) के पद पर पोस्टिंग मिली।


पिता की पान की दुकान से चली पढ़ाई

श्वेता बताती हैं कि उनके पिता गांव में खेती करते थे लेकिन अच्छी कमाई नहीं हो पा रही थी। ऐसे में वे कोलकाता गए और पान की दुकान खोल ली।
पिता ने दिन-रात मेहनत की और कमाई से किराए का मकान लिया, फिर धीरे-धीरे परिवार को संभाला।
श्वेता कहती हैं –

“पापा ने चाहे कितनी भी मुश्किल आई हो, लेकिन मेरी पढ़ाई में कभी कमी नहीं होने दी। उनकी मेहनत और त्याग की वजह से ही आज मैं इस मुकाम तक पहुंची हूँ।”


सामाजिक बंधनों को तोड़ा

श्वेता एक मालाकार परिवार से आती हैं, जिसे समाज में आर्थिक और सामाजिक रूप से कमजोर माना जाता है। लेकिन श्वेता ने साबित कर दिया कि मेहनत और लगन से कोई भी बंधन तोड़ा जा सकता है।
उन्होंने बताया कि वे कोलकाता में अनुवादकों के घर में रहीं और वहीं से उन्हें राजभाषा अधिकारी बनने की प्रेरणा मिली।


गांव में हुआ भव्य स्वागत

अफसर बनने के बाद श्वेता पहली बार अपने गांव अमैठी पहुंचीं। वहां ग्रामीणों ने उनका भव्य स्वागत किया।
गांववालों का कहना है कि श्वेता ने पूरे अमैठी और गया जिले का नाम रोशन किया है।


श्वेता भगत की कहानी उन तमाम बेटियों और बेटों के लिए प्रेरणा है जो आर्थिक तंगी और कठिन हालात के बावजूद बड़े सपने देखने की हिम्मत रखते हैं।
पिता की छोटी सी पान की दुकान से शुरू हुआ संघर्ष आज बेटी की UPSC सफलता के साथ पूरे परिवार और समाज के लिए गर्व की कहानी बन गया है।

@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,