बिहार में शिक्षक भर्ती पेपर लीक मामले में उज्जैन से पांच गिरफ्तार
बीपीएससी द्वारा तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा 15 मार्च को आयोजित की गई थी। ईओयू की प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है
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बिहार में शिक्षक भर्ती पेपर लीक मामले में उज्जैन से पांच गिरफ्तार
- आर्थिक अपराध इकाई ने की कार्रवाई, पटना लाकर कोर्ट में होगी पेशी
- पहले गिरफ्तार हुए आरोपितों से पूछताछ में मिला था इनका सुराग
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के द्वारा ली गई शिक्षक भर्ती के तृतीय चरण की परीक्षा के पेपर लीक मामले में बड़ी सफलता मिली है। मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने मध्य प्रदेश के उज्जैन से पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक महिला भी है। ये सभी मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं। ईओयू की टीम सभी को सोमवार को पटना में कोर्ट में पेश करेगी। आरोपितों के विरुद्ध परीक्षा में गड़बड़ी और पेपर लीक से जुड़े अहम साक्ष्य मिले हैं।
ईओयू सूत्रों के अनुसार, पेपर लीक मामले में हजारीबाग और पटना से गिरफ्तार आरोपितों से पूछताछ में इनका सुराग मिला था। इसके बाद से ही ईओयू इसी आरोपितों की तलाश कर रही थी। इसी बीच पेपर लीक से जुड़े पांच प्रमुख आरोपितों के उज्जैन में होने की जानकारी मिली, जिसके बाद ईओयू के विशेष दल ने छापेमारी कर सभी को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के बाद सभी को उज्जैन कोर्ट में पेश किया गया। पेपर लीक का किंगपिन हो सकता है गिरोह पुलिस सूत्रों के अनुसार, उज्जैन से गिरफ्तार पांचों आरोपित पेपर लीक कांड के किंगपिन हो सकते हैं। इसमें गिरफ्तार महिला की भी सक्रिय भूमिका है। ईओयू अधिकारियों के अनुसार, उज्जैन से गिरफ्तार पांचों आरोपितों की पहचान अभी गुप्त रखी गई है, ताकि उनके अन्य सदस्यों तक पहुंचा जा सके। पटना में कोर्ट में पेशी के बाद उज्जैन से गिरफ्तार पांचों आरोपितों को ईओयू रिमांड पर लेने का प्रयास करेगी। रिमांड मिलने के बाद इनसे शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में विस्तृत पूछताछ की जाएगी।
15 मार्च की परीक्षा का एक दिन पूर्व ही लीक हो गया था पेपर
बीपीएससी द्वारा तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा 15 मार्च को आयोजित की गई थी। ईओयू की प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि प्रश्नपत्र परीक्षा से एक दिन पूर्व ही लीक हो गया था। इस मामले में ईओयू ने झारखंड के हजारीबाग में छापेमारी कर करीब 270 लोगों को गिरफ्तार किया था। इसमें अभ्यर्थियों के साथ पेपर लीक और साल्वर गिरोह के सदस्य शामिल थे।
जांच में साल्वर गिरोह के प्रश्नपत्र और बीपीएससी कार्यालय से लिए गए परीक्षा के प्रश्न-पत्र का मिलान किया गया जो हूबहू पाया गया। संगठित गिरोह के सदस्यों ने प्रश्न-पत्र का प्रिंट निकालकर अभ्यर्थियों के अलग-अलग समूहों को उत्तर याद करने के लिए उपलब्ध कराया था।
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