RSS से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच के नेता सतीश कुमार का बयान

RSS के नेता इन दिनों अपने बयानों की वजह से लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं. एक बार फिर से आरएसएस से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच के एक नेता ने ऐसा बयान दिया है. सतीश कुमार ने कहा, 'परिवार छोटा नहीं, बल्कि बड़ा और सुखी होना चाहिए. मैं इस बात की वकालत नहीं कर रहा हूं कि 5-6 बच्चे पैदा किए जाएं, लेकिन मैं कह रहा हूं कि दो या तीन बच्चे जरूर होने चाहिए. चार बच्चे होना अच्छी बात है. मैं अपनी बातों को रिसर्च के आधार पर कह रहा हूं'

Jun 19, 2024 - 15:57
Jun 20, 2024 - 14:27
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RSS से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच के नेता सतीश कुमार का बयान

देश की विकास में बच्चों की संख्या बढ़ाना जरूरी: संघ प्रचारक

जयपुर: संघ प्रचारक और स्वदेशी जागरण मंच के सह संगठक सतीश कुमार ने जवाहर नगर सेवाधाम में आयोजित विचार वर्ग और कार्यशाला के समापन सत्र में कहा कि विकसित भारत के लिए बच्चों की संख्या में वृद्धि अत्यंत आवश्यक है।

सतीश कुमार ने बताया कि संघ का मानना है कि वर्तमान में दो से ज्यादा बच्चों को पालना और उन्हें अच्छी शिक्षा प्रदान करना, विकासशील भारत की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान कर सकता है। उन्होंने कहा कि देश को 2047 में विकसित होते हुए देखने के लिए युवाओं और गतिमान जनसंख्या के साथ आगे बढ़ना होगा।

उन्होंने यह भी उजागर किया कि सरकारी नौकरियों में प्रमोशन की समस्याओं का बावजूद, तीन या चार बच्चों को पालना एक राष्ट्रिय दायित्व है और इससे देश को विकसित बनाने में मदद मिल सकती है।

इस कार्यशाला में भाग लेने वाले अन्य सदस्यों ने भी इस विचार का समर्थन किया और देश के विकास के लिए बच्चों की संख्या में वृद्धि को अग्रसर करने की आवश्यकता को बताया।

सतीश कुमार ने अपने बयान में जाति, धर्म और समाज के समर्थन में विचार प्रस्तुत किया है। उन्होंने यह भी कहा है कि बड़े परिवार का होना जरूरी है, लेकिन बच्चों की संख्या को संतुलित रखने की भी महत्वपूर्णता बताई। 

उन्होंने अपने बयान में रिसर्च के आधार पर बताया कि दो या तीन बच्चे होने चाहिए, और चार बच्चे होना अच्छी बात होती है। इससे परिवार की समृद्धि बढ़ती है और समाज में स्थिति सुधरती है। इन बयानों ने जनसमुदाय में विवाद उत्पन्न किया है, क्योंकि कुछ लोग इसे गर्भनिरोधक नीतियों के खिलाफ एक मानसिकता के रूप में देख रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर यह भी माना जाता है कि ऐसे सवालों पर उचित जानकारी और शिक्षा देना भी जरूरी है।

सतीश कुमार के बयान ने जनसमुदाय के बीच जागरूकता और चर्चाओं का केंद्र बना दिया है, जिससे जनता अपने परिवार नियोजन और समाजिक मुद्दों पर विचार करने पर मोड़ पर है।

उन्होंने कहा कि पहले छोटा परिवार, सुखी परिवार कहते थे, लेकिन अब हम कहते हैं बडा परिवार, सुखी परिवार। सतीश कुमार ने कहा कि वे ऐसे ही यह बात नहीं कह रहे हैं बल्कि आर्थिक गतिविधियों और आबादी के रिप्लेसमेंट रेशो के आधार पर कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि आबादी का इंटरनेशनल स्टैंडर्ड 2.1 है, जबकि हमारे यहां 1.9 प्रतिशत है, जबकि यह  2.2 प्रतिशत होना चाहिए। इसका मतलब यह है कि एक महिला अपने जीवनकाल में दो से ज्यादा बच्चे पैदा करना चाहिए। ज्यादा बच्चों के होने के मतलब पांच-छह नहीं लेकिन दो या तीन बच्चे जरूरी हैं। भारत की इकोनॉमी और परिवार की स्टेबिलिटी के लिए यह जरूरी है।

युवाओं का हो विकसित भारत 

सतीश कुमार ने कहा कि उन्होंने ज्यादा बच्चों की बात यूं ही नहीं कही, बल्कि दो बड़े रिसर्च करने के बाद कही है। रिसर्च में सामने आया कि कुछ देशों की जीडीपी क्या थी और जनसंख्या कम होने से जीडीपी डाउन हुई है। ऐसे में तय किया गया है कि युवा एवं गतिमान जनसंख्या 2047 में जानी चाहिए।


जल्द ही नंबर एक अर्थव्यवस्था होगा देश

उन्होंने कहा कि समृद्ध एवं सर्वोच्च अर्थव्यवस्था होगी तो भारत विकसित होगा। अभी भारत विश्व में पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है। हम 2025 में चौथी 2026 के बाद तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था हो जाएंगे, लेकिन तीसरी से दूसरी और दूसरी से पहली आने में समय लगेगा। वर्ष 2047 में भारत विश्व की एक नंबर व्यवस्था बनेगा और युवा बनाएंगे। एक आर्थिक रिपोर्ट कहती है तो देश की युवा शक्ति पूर्णतया रोजगार युक्त हो जाए तो इकोनॉमी 40 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगी। 

सतीश कुमार ने कहा कि कोई भी सरकार देश को महान नहीं बना सकती है। वह सिर्फ आर्थिक विकास कर सकती है। देश को महान बनाने के लिए जीवन मूल्य खड़े करने होते हैं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल नौकरी को ही रोजगार मानते हैं, जबकि देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए युवकों को स्टार्टअप शुरू करवाने की जरूरत है।

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