वो था मेरा मित्र वो है मेरा मित्र

वो मेरी भागती सी दुनिया है, इसमें ठहराव लाता है। जब हैरानी में डूबा मेरा अतिचिंतित मन, वो शांति से भरा हाथ बढ़ाता है, और मन को स्थिर करता है।

वो था मेरा मित्र वो है मेरा मित्र

वो खुद मुस्काता है और मेरी हंसी संभालता है।

वो था मेरा मित्र, वो है मेरा मित्र,
जो मेरी तकलीफ़ सुनता है, और अपनी सारी तकलीफ़ सुनाता है।
जब चाहे रोके मेरी आँखों में आँसू,
वो खुद मुस्काता है और मेरी हंसी संभालता है।

वो मेरी भागती सी दुनिया है, इसमें ठहराव लाता है।
जब हैरानी में डूबा मेरा अतिचिंतित मन,
वो शांति से भरा हाथ बढ़ाता है, और मन को स्थिर करता है।

वो मेरे खाली से दिनों में खुशियों की बौछार,
उसकी मिठास में ही मेरा दिन बनता है बेकार।
जब मेरा जीवन अधूरा लगता है,
उसने पूर्णता की राह दिखाई, और जीवन को रंगीन बनाया है।

हाँ, है वो मेरा मित्र, हाँ सदा रहेगा वो मेरा मित्र,
जो हर पल मेरे साथ रहे, वो है मेरे सादे से जीवन में इत्र।
उसके साथ जिंदगी बनी एक मिठासी सी कहानी,
जो हमेशा रहेगी यादों में, भविष्य में और पुरानी।