अजमेर शरीफ दरगाह के विवाद पर ओवैसी का बयान, बीजेपी-आरएसएस की नफरती राजनीति का आरोप

अजमेर शरीफ दरगाह, असदुद्दीन ओवैसी, हिंदू मुस्लिम विवाद, बीजेपी आरएसएस राजनीति, राजस्थान समाचार, अजमेर दरगाह विवाद, पूजा स्थल अधिनियम, ओवैसी बयान, हिंदू मंदिर दावा, विष्णु गुप्ता याचिका, धार्मिक विवाद भारत, कानून और लोकतंत्र भारत, अजमेर कोर्ट सुनवाई, आरएसएस बीजेपी भूमिका, धार्मिक सौहार्द्र भारत, मोदी सरकार प्रतिक्रिया ,Ajmer Sharif Dargah, Asaduddin Owaisi, Hindu Muslim Dispute, BJP RSS Politics, Rajasthan News, Ajmer Dargah Controversy, Places of Worship Act, Owaisi Statement, Hindu Temple Claim, Vishnu Gupta Petition, Religious Disputes India, Law and Democracy India, Ajmer Court Hearing, RSS BJP Role, Religious Harmony India, Modi Government Response

Nov 28, 2024 - 20:17
Nov 28, 2024 - 20:20
 0
अजमेर शरीफ दरगाह के विवाद पर ओवैसी का बयान, बीजेपी-आरएसएस की नफरती राजनीति का आरोप

अजमेर शरीफ दरगाह के विवाद पर ओवैसी का बयान, बीजेपी-आरएसएस की नफरती राजनीति का आरोप

राजस्थान, 28 नवंबर 2024: राजस्थान के अजमेर शरीफ दरगाह को लेकर उठे विवाद में अब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। ओवैसी ने दरगाह में हिंदू मंदिर होने के दावे को बीजेपी और आरएसएस की नफरती राजनीति का हिस्सा बताते हुए सवाल उठाया है कि यदि इस प्रकार के विवाद बढ़ते रहे तो देश में कानून और लोकतंत्र का क्या होगा?

ओवैसी ने न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा, "अगर आप हर जगह जाकर कहेंगे कि मस्जिद या दरगाह की जगह कुछ और था, तो अगली बार कोई मुसलमान कहेगा कि यहां ऐसा कुछ नहीं था। यह कहां रुकेगा? कानून के राज का क्या होगा? लोकतंत्र कहां जाएगा?" उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी और आरएसएस का शासन भाईचारे और कानून के शासन को कमजोर कर रहा है, और इसके लिए उन्हें जवाब देना होगा।

ओवैसी ने आरोप लगाया कि बीजेपी-आरएसएस ने मस्जिदों और दरगाहों के खिलाफ नफरत फैलाने की कोशिश की है, जो देश के हित में नहीं है। उन्होंने यह भी पूछा, "निचली अदालतें पूजा स्थल अधिनियम (Places of Worship Act) पर सुनवाई क्यों नहीं कर रही हैं?" ओवैसी ने इस पूरे विवाद में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय को भी पार्टी बनाने की बात की।

दरगाह पर उठे विवाद का संदर्भ

यह विवाद तब शुरू हुआ जब दिल्ली के हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष, विष्णु गुप्ता ने अदालत में याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने अजमेर शरीफ दरगाह को संकट मोचन महादेव मंदिर के रूप में दावा किया। गुप्ता ने अपने दावों का समर्थन करते हुए विभिन्न साक्ष्य पेश किए। निचली अदालत ने बुधवार को इस याचिका को मंजूरी दे दी और सभी पक्षकारों को नोटिस जारी किया। अदालत ने इस मामले में सुनवाई के लिए 20 दिसंबर 2024 की तारीख तय की है।

 

राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ

अजमेर शरीफ दरगाह पर इस प्रकार का विवाद बीजेपी और आरएसएस की ओर से चलाए जा रहे एजेंडे का हिस्सा माना जा रहा है, जिसे ओवैसी ने नफरती राजनीति करार दिया। उन्होंने इस विवाद को 800 साल पुरानी दरगाह को लेकर अराजकता फैलाने की एक कोशिश बताया और यह आरोप लगाया कि बीजेपी-आरएसएस इस प्रकार के विवादों से समाज में सांप्रदायिक माहौल पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।

ओवैसी का कहना है कि दरगाह का इतिहास बेहद पुराना है और इस पर विवाद उठाना न केवल सांप्रदायिक सौहार्द्र को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि यह देश के लोकतंत्र और कानून के शासन को भी कमजोर करता है।

What's Your Reaction?

like

dislike

wow

sad

@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार