966 करोड़ रुपये का चुनावी चंदा देने वाली मेघा इंजीनियरिंग पर भ्रष्टाचार का मुकदमा

सीबीआइ की यह प्राथमिकी  शनिवार को सार्वजनिक की गई। एजेंसी ने 10 अगस्त, 2023 को जगदलपुर एकीकृत इस्पात संयंत्र में इंटेक वेल

Apr 14, 2024 - 22:43
Apr 14, 2024 - 23:05
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966 करोड़ रुपये का चुनावी चंदा देने वाली मेघा इंजीनियरिंग पर भ्रष्टाचार का मुकदमा

966 करोड़ रुपये का चुनावी चंदा देने वाली मेघा इंजीनियरिंग पर भ्रष्टाचार का मुकदमा

सीबीआइ का आरोप, जगदलपुर इस्पात संयंत्र के काम में 315 करोड़ की अनियमितता

चुनावी बांड के  जरिये चंदा देने को लेकर पिछले दिनों चर्चा में आई मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड मुश्किल में घिर गई है। सीबीआइ ने रिश्वत देने के एक मामले में कंपनी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। हैदराबाद स्थित इस कंपनी ने राजनीतिक दलों को चुनावी बांड के जरिये 966 करोड़ रुपये का चंदा दिया था। वह चुनावी बांड खरीदने वाली दूसरी सबसे बड़ी कंपनी थी।

अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि जगदलपुर एकीकृत इस्पात संयंत्र से संबंधित कार्यों के लिए मेघा इंजीनियरिंग के 174 करोड़ रुपये के बिलों को मंजूरी देने में लगभग 78 लाख रुपये की कथित तौर पर रिश्वत दी गई। प्राथमिकी में एनआइएसपी और एनएमडीसी के आठ अधिकारियों और मेकान के दो अधिकारियों को भी रिश्वत लेने के लिए नामित किया गया है।


सीबीआइ की यह प्राथमिकी  शनिवार को सार्वजनिक की गई। एजेंसी ने 10 अगस्त, 2023 को जगदलपुर एकीकृत इस्पात संयंत्र में इंटेक वेल, पंप हाउस और पाइपलाइन के कार्यों से संबंधित 315 करोड़ रुपये की परियोजना में रिश्वतखोरी के बारे में प्रारंभिक जांच दर्ज की थी। इस परियोजना का ठेका मेघा इंजीनियरिंग को मिला था। प्रारंभिक जांच के बाद विगत 18 मार्च को रिश्वतखोरी का मामला  दर्ज करने की सिफारिश की गई।

31 मार्च को मामला दर्ज कर लिया गया। सीबीआइ ने एनआइएसपी और एनएमडीसी लिमिटेड के आठ अधिकारियों को नामित किया है। इनमें सेवानिवृत्त कार्यकारी निदेशक प्रशांत दास, निदेशक (उत्पादन) डीके मोहंती, डीजीएम पीके भुइयां, डीएम नरेश बाबू, वरिष्ठ प्रबंधक सुब्रो बनर्जी, सेवानिवृत्त सीजीएम (वित्त) एल कृष्ण मोहन, जीएम (वित्त) के राजशेखर, प्रबंधक (वित्त) सोमनाथ घोष शामिल हैं। इन पर 73.85 लाख रुपये रिश्वत लेने का आरोप है। सीबीआइ ने अपनी एफआइआर में मेकान लिमिटेड के दो अधिकारियों- एजीएम (अनुबंध) संजीव सहाय और डीजीएम (अनुबंध) के इलावरसु को भी नामित किया है। इन दोनों अधिकारियों पर 5.01 लाख रुपये रिश्वत लेने का आरोप है।

चुनावी बांड के जरिये कई पार्टियों को दिया था चंदा

चुनावी बांड को लेकर मेघा
इंजीनियरिंग सुर्खियों में रही है। मेघा इंजीनियरिंग ने भाजपा को लगभग 586 करोड़ रुपये का चंदा दिया था। कंपनी ने बीआरएस को 195 करोड़ रुपये, द्रमुक को 85 करोड़ रुपये और वाईएसआरसीपी को 37 करोड़ रुपये का चंदा दिया। तेदेपा को कंपनी से करीब 25 करोड़ रुपये मिले, जबकि कांग्रेस को 17 करोड़ रुपये मिले।

जदएस, जनसेना पार्टी और जदयू को कंपनी ने पांच करोड़ से 10 करोड़ तक का चंदा दिया। पामीरेड्डी पिची रेड्डी ने 1989 में मेघा इंजीनियरिंग एंटरप्राइजेज नाम से कंपनी शुरू की थी। कंपनी ने नगर पालिकाओं के लिए छोटे पाइप बनाने से शुरुआत की थी। वर्ष 2006 में इसने अपना नाम बदलकर मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर कर लिया।

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