बेंगलुरु: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा का 92 साल की उम्र में निधन

Bengaluru Former Karnataka Chief Minister SM Krishna passes away at the age of 92, एसएम कृष्णा कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं। उन्होंने 1999-2004 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया और बाद में 2009 से 2012 तक भारत के विदेश मंत्री रहे। उनके शासनकाल में कर्नाटक में औद्योगिकीकरण, बुनियादी ढांचे के विकास, और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सुधार हुए। वे कर्नाटक के एक प्रतिष्ठित कन्नड़ परिवार से आते हैं और उन्होंने अपनी शिक्षा बेंगलुरु विश्वविद्यालय से प्राप्त की। एसएम कृष्णा ने भारतीय विदेश नीति को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए और भारत को वैश्विक मंच पर प्रमुख शक्ति के रूप में स्थापित करने की दिशा में काम किया। उन्हें उनके योगदान के लिए कई राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुए, जैसे 'पद्मविभूषण' और 'पद्मभूषण'। उनके कार्यों को कर्नाटक और भारत में हमेशा याद किया जाएगा,

Dec 10, 2024 - 06:20
Dec 10, 2024 - 07:25
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बेंगलुरु: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा का 92 साल की उम्र में निधन

बेंगलुरु: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा का 92 साल की उम्र में निधन

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता एसएम कृष्णा का आज 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनका निधन कर्नाटक के बेंगलुरु में उनके घर पर हुआ। एसएम कृष्णा ने भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण योगदान दिया और कर्नाटक की राजनीति में एक प्रमुख चेहरा रहे। वे राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान कई विकास योजनाओं के लिए जाने गए थे।

सरकार कर्नाटक ने 3 दिन का शोक घोषित किया 

कर्नाटक सरकार कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा के निधन पर 3 दिन का शोक मनाएगी। उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। इन तीन दिनों में कोई समारोह या जश्न नहीं मनाया जाएगा।

कौन थे एसएम कृष्णा? उनके बारे मे प्रमुख जानकारी 

एसएम कृष्णा का जन्म 1932 में कर्नाटक के शिमोगा जिले में हुआ था। वे कर्नाटक के 14वें मुख्यमंत्री रहे और उन्होंने 1999 से 2004 तक राज्य का नेतृत्व किया। कृष्णा जी का राजनीतिक करियर काफी प्रभावशाली था और उन्होंने राज्य में कई महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत की थी। इसके अलावा, एसएम कृष्णा ने केंद्रीय राजनीति में भी अपनी छाप छोड़ी। वे 2009 में भारत सरकार के विदेश मंत्री बने थे और इस पद पर कार्यरत रहते हुए उन्होंने देश के विदेश नीति को मजबूती दी।

उनकी विदेश मंत्री के रूप में सेवाएं उनकी प्रमुख उपलब्धियों में से एक मानी जाती हैं। एसएम कृष्णा ने कर्नाटक में बुनियादी ढांचे के विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किए। उनके नेतृत्व में कर्नाटक में कई बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की शुरुआत हुई थी।

एसएम कृष्णा का निधन भारतीय राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति है, क्योंकि उन्होंने अपनी नीतियों और नेतृत्व के माध्यम से कर्नाटक राज्य को प्रगति की दिशा में मार्गदर्शन किया।

एसएम कृष्णा कर्नाटक के एक प्रमुख राजनीतिज्ञ और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के वरिष्ठ नेता रहे हैं। वे कर्नाटक के मुख्यमंत्री (1999-2004) के रूप में कार्य कर चुके हैं और बाद में केंद्र सरकार में विदेश मंत्री भी रहे। उनका योगदान कर्नाटक की राजनीति में महत्वपूर्ण था, और उन्होंने कई योजनाओं और पहलों को लागू किया जो राज्य के विकास में सहायक साबित हुईं।

व्यक्तिगत जीवन और परिवार:

एसएम कृष्णा का जन्म 1 मई 1938 को मैंगलोर जिले के एक छोटे से गाँव, उडुपी में हुआ था। उनका पूरा नाम श्रीमती एस. एम. कृष्णा है। वे एक प्रमुख कन्नड़ परिवार से आते हैं। उनके पिता, एस. कृष्णा, एक प्रसिद्ध वकील थे, जबकि उनकी माता गृहिणी थीं। उनका विवाह यू. हर्षा से हुआ, और उनका एक बेटा और एक बेटी हैं। उनके परिवार का राजनीति और समाज में महत्वपूर्ण स्थान है, और उनका परिवार कर्नाटक में कई वर्षों से राजनीतिक रूप से सक्रिय रहा है।

एसएम कृष्णा जी की शिक्षा दीक्षा 

एसएम कृष्णा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कर्नाटक में की, और बाद में उन्होंने बेंगलुरु विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने लॉ (कानून) की शिक्षा ली। उन्होंने अपनी शिक्षा के दौरान कर्नाटक के विभिन्न प्रमुख संस्थानों में अध्ययन किया।

एसएम कृष्णा  की राजनीतिक जीवन की सुरु बाद 

एसएम कृष्णा की राजनीतिक यात्रा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) से जुड़ी हुई है। वे कर्नाटक के मुख्यमंत्री बनने से पहले कर्नाटक विधानसभा के सदस्य और विभिन्न मंत्रालयों में मंत्री के रूप में कार्य कर चुके थे। मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल में उन्होंने कर्नाटक में कई बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की शुरुआत की और राज्य के आर्थिक विकास को गति दी। उन्होंने राज्य के औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं का समर्थन किया, साथ ही शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए कदम उठाए।

विदेश मंत्री के रूप में भी योगदान  दिया था 

2009 में, एसएम कृष्णा को भारत सरकार में विदेश मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया। विदेश मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल में, उन्होंने भारत के विदेश नीति को मजबूत करने की दिशा में कई अहम कदम उठाए। उनका प्रमुख उद्देश्य भारत को वैश्विक मंच पर एक प्रमुख शक्ति के रूप में स्थापित करना था। उन्होंने कई देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने और भारतीय विदेशी नीति को मजबूत बनाने के लिए कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व किया।

कर्नाटक में उनके योगदान को भी नहीं भुलाया नहीं जा सकता है 

कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में, एसएम कृष्णा ने राज्य के बुनियादी ढांचे में कई सुधार किए, विशेष रूप से बेंगलुरु को सूचना प्रौद्योगिकी (IT) हब बनाने के लिए उन्होंने कई पहल की। उनका शासनकाल राज्य में औद्योगिकीकरण और शहरीकरण के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जाता है।

अपने जीवन मे सम्मान और पुरस्कार  भी कई मिले है 

एसएम कृष्णा को उनके योगदान के लिए कई सम्मान प्राप्त हुए हैं, जिनमें भारत सरकार द्वारा 'पद्मविभूषण' और 'पद्मभूषण' जैसे उच्च सम्मान शामिल हैं। उन्हें राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर उनकी राजनीति और सार्वजनिक सेवा के लिए सराहा गया।

एसएम कृष्णा कर्नाटक के एक अनुभवी और प्रभावशाली नेता रहे हैं, जिन्होंने राज्य के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। उनका राजनीतिक जीवन कर्नाटक और भारत के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा, विशेष रूप से कर्नाटक के समग्र विकास में उनकी भूमिका के लिए।

पूर्व विदेश मंत्री और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सोमनहल्ली मल्लैया कृष्णा का मंगलवार तड़के बेंगलुरू स्थित उनके आवास पर निधन हो गया. वह 92 वर्ष के थे और उनका उम्र संबंधी बीमारियों का इलाज चल रहा था. अपनी बौद्धिक क्षमता और प्रशासनिक कौशल के लिए जाने जाने वाले एस एम कृष्णा का राजनीतिक करियर पांच दशक से भी ज्यादा समय तक शानदार रहा.

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार