18 नवंबर की प्रमुख घटनाओं के बारे में जानकारी, आज का इतिहास देश  विदेश के बारे में सभी जानकारी 

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18 नवंबर की प्रमुख घटनाओं के बारे में जानकारी, आज का इतिहास देश  विदेश के बारे में सभी जानकारी 

18 नवंबर की प्रमुख घटनाओं के बारे में जानकारी, आज का इतिहास देश  विदेश के बारे में सभी जानकारी   

  1. 1727 - जयपुर शहर की स्थापना
    महाराजा जय सिंह द्वितीय ने 1727 में जयपुर शहर की स्थापना की। यह शहर वास्तुकला के दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण था, और इसके वास्तुकार थे बंगाल के विद्याधर चक्रवर्ती। जयपुर ने अपनी सुंदरता, वास्तुशिल्प और बागवानी के लिए प्रसिद्धि हासिल की। इसे 'पिंक सिटी' भी कहा जाता है क्योंकि इसके अधिकांश भवनों का रंग गुलाबी है।

  2. 1738 - फ्रांस और आस्ट्रिया के बीच शांति समझौते पर हस्ताक्षर
    फ्रांस और आस्ट्रिया के बीच 1738 में एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते ने यूरोपीय युद्धों में शांति लाने की कोशिश की और दोनों देशों के बीच राजनीतिक और सैन्य तनाव को कम किया। यह समझौता यूरोपीय राजनीति में महत्वपूर्ण मोड़ था, जिससे दोनों देशों के रिश्ते स्थिर हुए।

  3. 1833 - जोनहोवेेन संधि पर हस्ताक्षर
    हॉलैंड और बेल्जियम के बीच 1833 में जोनहोवेेन संधि पर हस्ताक्षर किए गए। इस संधि ने दोनों देशों के बीच व्यापार और सीमा विवादों को सुलझाया। यह समझौता यूरोपीय देशों के बीच एक और महत्वपूर्ण कूटनीतिक कदम था, जिससे दोनों देशों के रिश्ते मजबूत हुए।

  4. 1772 - नारायणराव ने गद्दी संभाली
    1772 में, पेशवा माधवराव प्रथम के छोटे भाई नारायणराव ने गद्दी संभाली। यह एक महत्वपूर्ण घटना थी, क्योंकि माधवराव प्रथम के निधन के बाद उनके छोटे भाई ने मराठा साम्राज्य को संभाला। नारायणराव का शासनकाल महत्त्वपूर्ण था, खासकर उनकी नीतियों और प्रशासनिक सुधारों के लिए।

  5. 1909 - अमेरिका ने निकारागुआ पर हमला किया
    1909 में, अमेरिका ने निकारागुआ पर आक्रमण किया। यह घटना उस समय के कूटनीतिक तनाव और अमेरिका के विस्तारवादी नीति का हिस्सा थी। अमेरिका ने निकारागुआ में अपने प्रभाव को बढ़ाने की कोशिश की और इसने सैन्य हस्तक्षेप को बढ़ावा दिया, जिसके परिणामस्वरूप केंद्रीय अमेरिका में और अधिक अस्थिरता उत्पन्न हुई।

  6. 1918 - लातविया ने रूस से स्वतंत्रता की घोषणा की
    1918 में लातविया ने रूस से स्वतंत्रता की घोषणा की। यह घटना विश्व युद्ध के बाद की कूटनीतिक हलचल का हिस्सा थी, जब कई देशों ने अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की। लातविया का स्वतंत्रता संग्राम एक महत्वपूर्ण क्षण था और इसे बाल्टिक क्षेत्र में स्वतंत्रता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना गया।

  7. 1948 - स्टीमर ‘नारायणी’ दुर्घटना
    1948 में, बिहार की राजधानी पटना के पास स्टीमर ‘नारायणी’ दुर्घटनाग्रस्त हुआ, जिससे 500 लोग डूब गए। यह एक बड़ी दुर्घटना थी, जिसमें कई निर्दोष लोगों की जान चली गई। यह हादसा जल परिवहन की सुरक्षा की कमी और नागरिक प्रशासन की कमजोरियों को उजागर करता है।

  8. 1951 - ब्रिटिश सेना ने मिस्र के इस्मालिया क्षेत्र पर कब्जा किया
    1951 में ब्रिटिश सेना ने मिस्र के इस्मालिया क्षेत्र पर कब्जा किया। यह घटना उस समय के राजनीतिक संघर्षों और औपनिवेशिक सत्ता संघर्षों का हिस्सा थी। इस संघर्ष ने मिस्र की स्वायत्तता के लिए संघर्ष को और तीव्र कर दिया और ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ विरोध को बल दिया।

  9. 1956 - मोरक्को ने स्वतंत्रता प्राप्त की
    1956 में मोरक्को ने फ्रांस से स्वतंत्रता प्राप्त की। यह घटना औपनिवेशिक काल के अंत की ओर एक महत्वपूर्ण कदम थी, जिसमें मोरक्को ने अपनी स्वतंत्रता हासिल की और एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अपनी पहचान बनाई। यह एक नई शुरुआत थी, जो अफ्रीकी देशों के स्वतंत्रता संघर्षों में एक मील का पत्थर साबित हुई।

  10. 1959 - आईएनएस विराट को कमीशन किया गया
    1959 में, आईएनएस विराट को ब्रिटिश रॉयल नेवी में कमीशन किया गया था। यह भारतीय नौसेना के लिए एक ऐतिहासिक क्षण था, क्योंकि यह एक आधुनिक और शक्तिशाली युद्धपोत था, जिसे भारतीय समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने के लिए उपयोग में लाया गया।

  11. 1972 - बाघ को राष्ट्रीय पशु चुना गया
    1972 में, भारत सरकार ने बाघ को राष्ट्रीय पशु के रूप में चुना। यह निर्णय बाघों की सुरक्षा और संरक्षण के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए लिया गया। इस निर्णय ने बाघों के संरक्षण पर ध्यान केंद्रित किया और बाघ संरक्षण कार्यक्रम की नींव रखी।

  12. 1994 - संयुक्त राष्ट्र ने फिलिस्तीनियों के आत्मनिर्णय का अधिकार माना
    1994 में, संयुक्त राष्ट्र ने फिलिस्तीनियों के आत्मनिर्णय के अधिकार को मान्यता दी। यह एक ऐतिहासिक कदम था, जिसमें अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने फिलिस्तीनियों के अधिकारों की पुष्टि की और उनके स्वतंत्रता संघर्ष को समर्थन दिया।

  13. 2002 - संयुक्त राष्ट्र हथियार निरीक्षक बगदाद पहुंचे
    2002 में, संयुक्त राष्ट्र के हथियार निरीक्षक हेंस ब्लिक्स के नेतृत्व में इराक के बगदाद पहुंचे। यह कदम इराक के खिलाफ संभावित युद्ध की स्थितियों को लेकर किया गया था। इसने संयुक्त राष्ट्र के हथियार निरीक्षण प्रक्रिया को एक नई दिशा दी।

  14. 2003 - श्वार्जेनेगर ने गवर्नर पद की शपथ ली
    2003 में, अमेरिकी अभिनेता श्वार्जेनेगर ने कैलिफोर्निया के गवर्नर पद की शपथ ली। यह एक असामान्य घटना थी, क्योंकि श्वार्जेनेगर एक अभिनेता थे और उन्होंने राजनीति में कदम रखा। उनकी जीत ने राजनीति में फिल्मों से आए हुए व्यक्तियों की भूमिका को प्रमुख बना दिया।

  15. 2005 - महिंदा राजपक्षे श्रीलंका के राष्ट्रपति बने
    2005 में, महिंदा राजपक्षे को श्रीलंका का राष्ट्रपति चुना गया। उनकी सरकार ने शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाया और गृह युद्ध के बाद के पुनर्निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

  16. 2008 - वैश्विक आर्थिक मंदी से बचने के लिए भारत ने 50,000 करोड़ रुपये का निवेश किया
    2008 में, भारत सरकार ने वैश्विक आर्थिक मंदी से बचने के लिए आधारभूत ढांचे के क्षेत्र में 50,000 करोड़ रुपये का निवेश करने का निर्णय लिया। यह कदम भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और मंदी के प्रभाव को कम करने के लिए था।

  17. 2013 - नासा ने मावेन यान को मंगल ग्रह पर भेजा
    2013 में, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने मंगल ग्रह पर मावेन यान भेजा। इस मिशन का उद्देश्य मंगल के वातावरण का अध्ययन करना था और यह मिशन नासा के मंगल अन्वेषण कार्यक्रम का महत्वपूर्ण हिस्सा था।

  18. 2017 - मानुषी छिल्लर ने 'मिस वर्ल्ड 2017' का ख़िताब जीता
    2017 में, भारत की मानुषी छिल्लर ने 'मिस वर्ल्ड 2017' का ख़िताब जीता। यह उनके लिए एक ऐतिहासिक जीत थी और भारत के लिए गर्व का पल था। मानुषी छिल्लर की जीत ने वैश्विक स्तर पर भारत की सुंदरता और प्रतिभा को प्रदर्शित किया।

  19. 18 नवंबर को जन्मे व्यक्ति

    1. कमलनाथ (1946)
      कमलनाथ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजनीतिज्ञ हैं। वे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं और राज्यसभा के सदस्य भी रहे हैं। उन्होंने लंबे समय तक भारतीय राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई है और उनके नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने कई चुनाव जीते। कमलनाथ ने वाणिज्य और उद्योग मंत्री के रूप में भी काम किया है, और उनके प्रयासों से मध्य प्रदेश में कई विकास योजनाओं की शुरुआत हुई।

    2. सी. एन. बालकृष्णन (1934)
      सी. एन. बालकृष्णन केरल के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री थे। वे केरल की राजनीति में एक प्रमुख शख्सियत थे और राज्य सरकार में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर रहे। बालकृष्णन का योगदान केरल के सामाजिक और राजनीतिक सुधारों में था, और उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि के क्षेत्र में कई योजनाओं का समर्थन किया।

    3. मधुकर हीरालाल कनिया (1927)
      मधुकर हीरालाल कनिया भारत के 23वें मुख्य न्यायाधीश थे। उन्होंने भारतीय न्यायपालिका में महत्वपूर्ण योगदान दिया और कई ऐतिहासिक निर्णयों में भाग लिया। उनका कार्यकाल भारतीय न्यायिक प्रणाली में सुधारों और प्रभावी न्याय प्रदान करने के लिए जाना जाता है। उनके निर्णयों ने भारतीय न्यायिक परंपरा को और मजबूती दी।

    4. बटुकेश्वर दत्त (1910)
      बटुकेश्वर दत्त भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक महान क्रांतिकारी थे। वे प्रसिद्ध तौर पर 1929 में केंद्रीय विधानसभा में बम फेंकने के लिए जाने जाते हैं। उनका उद्देश्य अंग्रेजी शासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करना था। उन्होंने भगत सिंह के साथ मिलकर स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया और उन्हें कई सालों तक जेल में रखा गया।

    5. वी शांताराम (1901)
      वी शांताराम भारतीय सिनेमा के एक महान फिल्म निर्माता, निर्देशक और अभिनेता थे। उन्होंने मराठी और हिंदी फिल्मों में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए। उनकी फिल्मों ने भारतीय समाज और संस्कृति को दर्शाया, और उनकी कृतियों ने सिनेमा को एक नया दिशा दी। वे भारतीय फिल्म उद्योग के अग्रणी व्यक्तित्वों में से एक माने जाते हैं।

    6. तिरुमलाई कृष्णामाचार्य (1888)
      तिरुमलाई कृष्णामाचार्य भारतीय योग गुरु, आयुर्वेद के वैद्य और विद्वान थे। वे योग और प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धतियों के महान ज्ञाता थे। उन्होंने विश्वभर में योग के महत्व को बढ़ावा दिया और आधुनिक योग शिक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके शिक्षाएं आज भी योग की मूल अवधारणाओं के रूप में प्रासंगिक हैं।

    18 नवंबर को हुए निधन

    1. मृदुला सिन्हा (2020)
      मृदुला सिन्हा भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता और गोवा की पूर्व राज्यपाल थीं। उनका योगदान राजनीति, साहित्य और समाज सेवा के क्षेत्र में था। उन्होंने गोवा में कई सामाजिक योजनाओं की शुरुआत की और महिलाओं की स्थिति सुधारने के लिए कई कदम उठाए। उनकी मृत्यू के बाद उन्हें एक प्रेरणास्त्रोत के रूप में याद किया जाता है।

    2. ज्योति प्रकाश निराला (2017)
      ज्योति प्रकाश निराला भारतीय वायु सेना के गरुड़ कमांडो थे, जिन्हें शहीद होने पर 'अशोक चक्र' से सम्मानित किया गया। वे भारतीय सुरक्षा बलों के लिए एक आदर्श थे और अपने साहस और वीरता के लिए प्रसिद्ध थे। उनका बलिदान देश की रक्षा के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता है।

    3. धीरेन्द्र नाथ गांगुली (1978)
      धीरेन्द्र नाथ गांगुली बंगाली सिनेमा के प्रसिद्ध अभिनेता और निर्देशक थे। उन्होंने अपने करियर में कई फिल्में बनाई और अभिनय किया, जो बंगाली फिल्म उद्योग में मील का पत्थर साबित हुई। वे बांग्ला सिनेमा के एक आदर्श व्यक्ति थे और उनकी फिल्मों ने समाज को एक नया दृष्टिकोण दिया।

    4. एस. वी. कृष्णमूर्ति राव (1968)
      एस. वी. कृष्णमूर्ति राव भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनीतिज्ञ थे। वे अपने समय के महत्वपूर्ण नेताओं में शामिल थे और उन्होंने कांग्रेस पार्टी के लिए कई अहम फैसले लिए। राव की राजनीति में सक्रियता और उनके योगदान ने राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर विकास की दिशा तय की।

    5. शैतान सिंह (1962)
      शैतान सिंह परमवीर चक्र से सम्मानित भारतीय सैनिक थे। उन्होंने 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान अद्वितीय साहस और वीरता का प्रदर्शन किया। उनका योगदान भारतीय सेना के इतिहास में अमूल्य है और उनका बलिदान हमेशा भारतीय सैनिकों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा।

    6. कनिंघम (1893)
      कनिंघम एक ब्रिटिश पुरातत्वशास्त्री थे, जिन्हें "भारत के पुरातत्त्व अन्वेषण का पिता" कहा जाता है। उनका योगदान भारतीय पुरातत्त्व के अध्ययन में अत्यंत महत्वपूर्ण था। उन्होंने भारतीय उपमहाद्वीप के कई ऐतिहासिक स्थलों की खुदाई की और भारतीय इतिहास को और विस्तार से समझने में मदद की।

    7. कर्नल टॉड (1835)
      कर्नल टॉड अंग्रेज़ अधिकारी और इतिहासकार थे, जिन्हें राजस्थान के इतिहास का मार्ग प्रशस्त करने का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने राजस्थान के समाज, संस्कृति और इतिहास का गहराई से अध्ययन किया और अपने काम से भारतीय इतिहास को महत्वपूर्ण दिशा दी। उनकी किताबें आज भी राजस्थान के इतिहास के प्रमुख स्रोतों में गिनी जाती हैं।

    18 नवंबर के महत्त्वपूर्ण अवसर एवं उत्सव

    1. राष्ट्रीय पुस्तक दिवस (सप्ताह)
      राष्ट्रीय पुस्तक दिवस हर साल 18 नवंबर को मनाया जाता है, जो किताबों और पढ़ाई के प्रति प्रेम और जागरूकता फैलाने के लिए समर्पित है। यह दिन भारतीय साहित्य और पुस्तक संस्कृति को बढ़ावा देने का अवसर प्रदान करता है।

    2. नवजात शिशु दिवस (सप्ताह)
      नवजात शिशु दिवस नवजात बच्चों की देखभाल और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। यह दिन बच्चों की स्वास्थ्य सेवाओं और पोषण पर ध्यान केंद्रित करता है।

    3. राष्ट्रीय औषधि दिवस (सप्ताह)
      राष्ट्रीय औषधि दिवस हर साल 18 नवंबर को मनाया जाता है, जो औषधियों के महत्व और उनके इस्तेमाल के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए है। यह दिवस स्वास्थ्य सेवा में औषधियों के योगदान को सम्मानित करता है।

    4. विश्व वयस्क दिवस
      विश्व वयस्क दिवस 18 नवंबर को मनाया जाता है, जो दुनिया भर में वयस्कों के अधिकारों और उनके योगदान की पहचान करने के लिए है। यह दिन वयस्कों के स्वास्थ्य, शिक्षा और कल्याण पर ध्यान केंद्रित करता है।

    5. मिरगी दिवस
      मिरगी दिवस 18 नवंबर को मनाया जाता है, जो मिरगी (एपिलेप्सी) से प्रभावित व्यक्तियों के प्रति समाज में जागरूकता और समर्थन बढ़ाने के लिए है। यह दिवस मिरगी के बारे में जानकारी फैलाने और इसके उपचार के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने का अवसर है।