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Nov 13, 2024 - 10:35
Nov 13, 2024 - 10:40
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1882 - पंजाब विश्वविद्यालय की स्थापना

ब्रिटिश उपनिवेशवादी सरकार ने भारत में शिक्षा के प्रसार के लिए कलकत्ता, मुंबई, और मद्रास के बाद चौथा विश्वविद्यालय 1882 में शिमला में स्थापित किया। इसे पंजाब विश्वविद्यालय के रूप में जाना गया। इस स्थापना का उद्देश्य ब्रिटिश प्रशासन को बेहतर तरीके से संचालित करने के लिए स्थानीय लोगों को उच्च शिक्षा प्रदान करना था। धीरे-धीरे यह विश्वविद्यालय क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण शैक्षिक केंद्र बन गया, जिसने कई प्रतिष्ठित विद्वानों और नेताओं को जन्म दिया। इस विश्वविद्यालय की स्थापना से भारत में शिक्षा प्रणाली को मजबूती मिली।

1933 - जर्मनी मित्र राष्ट्रों से अलग

1933 में, जर्मनी ने प्रथम विश्व युद्ध के बाद बने मित्र राष्ट्रों के समूह से बाहर आने की घोषणा की। इस निर्णय का नेतृत्व तत्कालीन जर्मन चांसलर एडोल्फ हिटलर ने किया। उन्होंने इस समूह को छोड़ने का निर्णय इस आधार पर लिया कि जर्मनी को वर्साय संधि के कठोर शर्तों से मुक्ति मिल सके और उसकी सैन्य और आर्थिक स्थिति को मजबूत किया जा सके। जर्मनी का यह कदम बाद में द्वितीय विश्व युद्ध का एक कारण बना और वैश्विक राजनीति में तनाव को बढ़ाया।

1943 - जापान ने फिलीपींस की स्वतंत्रता की घोषणा

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 1943 में जापान ने फिलीपींस की स्वतंत्रता की घोषणा की। इस निर्णय का उद्देश्य फिलीपींस के लोगों का समर्थन प्राप्त करना था, जिससे वह जापान के पक्ष में आ सकें। हालांकि, इस स्वतंत्रता की घोषणा में जापान की रणनीतिक आवश्यकताएं अधिक थीं, क्योंकि फिलीपींस की भौगोलिक स्थिति उनके लिए सामरिक महत्व रखती थी। यह कथित स्वतंत्रता असल में जापान के लिए फिलीपींस के संसाधनों का उपयोग करने का प्रयास था।

1946 - हालैंड और इंडोनेशिया संघर्ष विराम समझौता

1946 में इंडोनेशिया की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष कर रहे स्वतंत्रता सेनानियों और हालैंड (नीदरलैंड) के बीच संघर्ष विराम समझौते पर हस्ताक्षर हुए। यह समझौता इंडोनेशियाई स्वतंत्रता संग्राम के मध्य एक अस्थायी राहत के रूप में आया, लेकिन बाद में यह संघर्ष फिर से तेज हुआ। इस संघर्ष विराम समझौते का उद्देश्य दोनों पक्षों में बातचीत के माध्यम से समाधान खोजना था।

1948 - इजरायल और मिस्र के बीच संघर्ष

1948 में, जब इजरायल को एक स्वतंत्र राज्य के रूप में मान्यता दी गई, तो उसके साथ उसके पड़ोसी देशों, विशेष रूप से मिस्र, के साथ विवाद गहरा हो गया। इस वर्ष इजरायल और मिस्र के बीच भीषण युद्ध शुरू हुआ। इस संघर्ष का उद्देश्य क्षेत्रीय प्रभुत्व और नए राज्य इजरायल के अस्तित्व को चुनौती देना था। यह लड़ाई इजरायल के लिए अस्तित्व की लड़ाई थी, जिसने मध्य पूर्व में स्थायी अस्थिरता की नींव रखी।

1953 - भारत में संपदा शुल्क अधिनियम लागू

1953 में, भारत सरकार ने संपदा शुल्क अधिनियम लागू किया। इसका उद्देश्य संपत्ति के हस्तांतरण पर कर लगाकर राजस्व उत्पन्न करना था। इस अधिनियम के तहत, जब किसी व्यक्ति की संपत्ति उनके उत्तराधिकारियों को हस्तांतरित होती थी, तो उस पर एक निर्धारित कर लगाना अनिवार्य था। यह अधिनियम राजस्व वृद्धि का एक साधन बना, लेकिन 1985 में इसे समाप्त कर दिया गया।

1956 - डॉ. आम्बेडकर ने बौद्ध धर्म अपनाया

1956 में डॉ. भीमराव आम्बेडकर ने दलित समाज के उत्थान के लिए बौद्ध धर्म अपनाया। उन्होंने नागपुर में अपने 3,85,000 अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म की दीक्षा ली और अपने अनुयायियों को 22 प्रतिज्ञाएँ दीं। डॉ. आम्बेडकर का यह कदम उनके अनुयायियों के लिए सामाजिक और धार्मिक पुनर्जागरण का प्रतीक बना, जिससे भारत में बौद्ध धर्म का पुनः प्रसार हुआ।

1979 - परमाणु ऊर्जा के खिलाफ प्रदर्शन

1979 में, जर्मनी के बॉन में एक लाख लोगों ने परमाणु ऊर्जा के उपयोग के विरोध में प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन परमाणु ऊर्जा संयंत्रों से होने वाले खतरों के प्रति जनता की जागरूकता को दर्शाता है। इस प्रदर्शन में लोगों ने परमाणु ऊर्जा के संभावित जोखिमों पर चिंता व्यक्त की और इसके स्थान पर वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों के उपयोग की मांग की। यह विरोध प्रदर्शन वैश्विक स्तर पर परमाणु ऊर्जा के प्रति लोगों के विचारों को प्रभावित करने वाला साबित हुआ।

1981 - होस्नी मुबारक मिस्र के राष्ट्रपति बने

1981 में मिस्र के चौथे राष्ट्रपति के रूप में होस्नी मुबारक ने पदभार संभाला। अनवर सादात की हत्या के बाद वे सत्ता में आए और करीब 30 वर्षों तक मिस्र पर शासन किया। मुबारक ने देश में स्थिरता लाने का प्रयास किया, लेकिन उनके शासनकाल के अंतिम वर्षों में जनविरोध के कारण उन्हें 2011 में पद छोड़ना पड़ा। उनके कार्यकाल में मिस्र में कई आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन हुए।

1997 - महारानी ऐलिजाबेथ की जलियांवाला बाग यात्रा

1997 में ब्रिटेन की महारानी ऐलिजाबेथ द्वितीय और प्रिंस फ़िलिप ने अमृतसर के जलियांवाला बाग़ का दौरा किया और शहीदों को श्रद्धांजलि दी। जलियांवाला बाग हत्याकांड की त्रासदी को याद करते हुए उन्होंने शहीदों के प्रति सम्मान प्रकट किया। उनकी इस यात्रा को भारत-ब्रिटेन संबंधों को सुधारने के प्रयास के रूप में देखा गया।

1999 - सी.टी.बी.टी. का अस्वीकृत होना

1999 में अमेरिकी सीनेट ने परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (सी.टी.बी.टी.) को अस्वीकृत कर दिया। यह संधि परमाणु परीक्षणों पर प्रतिबंध लगाने के उद्देश्य से थी, लेकिन अमेरिकी सीनेट ने इसे देश की सुरक्षा के लिए जोखिम मानते हुए इसे नामंजूर कर दिया। इस अस्वीकृति ने वैश्विक स्तर पर परमाणु निरस्त्रीकरण के प्रयासों को कमजोर किया।

2000 - अमेरिका द्वारा दूतावास बंद

2000 में, संयुक्त राज्य अमेरिका ने सुरक्षा कारणों से पाकिस्तान सहित 22 देशों में अपने दूतावासों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया। यह कदम आतंकवादी हमलों के खतरे के मद्देनजर उठाया गया। इससे अंतरराष्ट्रीय संबंधों में सतर्कता और सुरक्षा व्यवस्था के महत्व को बल मिला।

2002 - 14वें एशियाई खेलों का समापन

2002 में बुसान, दक्षिण कोरिया में आयोजित 14वें एशियाई खेलों का रंगारंग समापन हुआ। विभिन्न एशियाई देशों के खिलाड़ियों ने इन खेलों में हिस्सा लिया और उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। इस समापन समारोह में खिलाड़ियों ने अगले एशियाई खेलों में कतर में मिलने का वादा किया।

2004 - मुशर्रफ़ को सेना प्रमुख बनाने का विधेयक

2004 में पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ़ को सेना प्रमुख बनाये रखने वाला विधेयक पारित किया। इस कदम का उद्देश्य मुशर्रफ़ के शासन को मज़बूती देना था। इस विधेयक के पारित होने के बाद मुशर्रफ़ का सत्ता पर पकड़ और भी मजबूत हो गई।

2007 - नेपाल को आईएईए की अनुमति

2007 में अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने नेपाल को चिकित्सा और कृषि क्षेत्रों में परमाणु प्रौद्योगिकी के प्रयोग की अनुमति प्रदान की। इस कदम का उद्देश्य नेपाल के विकास में विज्ञान और प्रौद्योगिकी का सहयोग करना था। इसके माध्यम से नेपाल को चिकित्सा और कृषि के क्षेत्र में उन्नति का अवसर मिला।

2008 - भारतीय रिजर्व बैंक की घोषणा

भारतीय रिजर्व बैंक ने 2008 में म्युचुअल फंड्स की आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए 200 अरब रुपये जारी करने की घोषणा की। यह कदम वैश्विक आर्थिक संकट के दौरान म्युचुअल फंड्स को राहत देने के लिए था। इससे भारतीय वित्तीय प्रणाली में स्थिरता बनाए रखने में मदद मिली।

2010 - 19वें राष्ट्रमंडल खेलों का समापन

दिल्ली में आयोजित 19वें राष्ट्रमंडल खेलों का समापन 2010 में हुआ। इन खेलों में 71 देशों के खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया और विविध खेल प्रतियोगिताओं में अपने कौशल का प्रदर्शन किया। समापन समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया।

2012 - नाइजीरिया मस्जिद गोलीकांड

2012 में, नाइजीरिया की एक मस्जिद में बंदूकधारियों ने हमला कर 20 लोगों की हत्या कर दी। यह हमला धार्मिक विवाद और क्षेत्रीय हिंसा का हिस्सा था, जिसने नाइजीरिया में सुरक्षा के हालात को और गंभीर बना दिया।

14 अक्टूबर को जन्मे प्रमुख व्यक्ति:

  1. हरजिंदर कौर (1996) - हरजिंदर कौर भारत की एक प्रतिष्ठित महिला भारोत्तोलक हैं। वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने भारतीय महिला भारोत्तोलन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और कई युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बनी हैं।

  2. रित्विक भट्टाचार्य (1979) - रित्विक भारत के एक प्रसिद्ध स्क्वैश खिलाड़ी हैं, जिन्होंने देश का स्क्वैश में प्रतिनिधित्व किया है। वह भारत के शीर्ष स्क्वैश खिलाड़ियों में से एक रहे हैं और कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपने प्रदर्शन के लिए पहचाने जाते हैं।

  3. बहादुर शाह प्रथम (1643) - बहादुर शाह प्रथम मुगल साम्राज्य के सातवें सम्राट थे। उन्होंने औरंगजेब के बाद सत्ता संभाली और उनके शासन में मुगल साम्राज्य ने कई महत्वपूर्ण राजनीतिक और सैन्य बदलाव देखे।

  4. लाला हरदयाल (1884) - लाला हरदयाल एक क्रांतिकारी थे और गदर पार्टी के संस्थापक माने जाते हैं। वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता थे जिन्होंने अमेरिका और अन्य देशों में भारतीयों को संगठित कर स्वतंत्रता की अलख जगाई।

  5. निखिल रंजन बैनर्जी (1931) - निखिल रंजन बैनर्जी एक प्रसिद्ध भारतीय सितार वादक और संगीतकार थे। वे भारतीय शास्त्रीय संगीत के उच्च कोटि के कलाकार माने जाते हैं और उनकी कला ने भारतीय संगीत को वैश्विक मंच पर ख्याति दिलाई।

  6. सेकेंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल (1950) - अरुण खेत्रपाल भारतीय सेना के परमवीर चक्र सम्मानित वीर जवान थे। 1971 के भारत-पाक युद्ध में उन्होंने अद्वितीय साहस का परिचय दिया और अपने प्राणों की आहुति दी।

  7. मोबुतु सेस सीको (1930) - मोबुतु सेस सीको जैरे के राष्ट्रपति थे। उन्होंने कई दशकों तक जैरे का शासन किया और उनके शासन में जैरे में राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता भी देखी गई।

  8. बीरेन्द्र कुमार भट्टाचार्य (1924) - बीरेन्द्र कुमार भट्टाचार्य असमिया साहित्यकार थे और उनके साहित्य में असम की संस्कृति और समाज का गहन चित्रण मिलता है। उन्होंने साहित्य में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है और उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।

  9. लालू भाई सामलदास मेहता (1863) - लालू भाई सामलदास मेहता एक प्रसिद्ध भारतीय उद्योगपति थे। 1926 में ब्रिटिश सरकार ने उन्हें 'सर' की उपाधि से सम्मानित किया था।

14 अक्टूबर को हुए निधन:

  1. शोभा नायडू (2020) - शोभा नायडू एक प्रमुख कुचिपुड़ी नर्तकी थीं। उनकी नृत्य शैली और प्रस्तुति कला ने उन्हें भारत की महानतम नर्तकियों में स्थान दिलाया।

  2. रज़िया सुल्तान (1240) - रज़िया सुल्तान भारत की पहली और एकमात्र महिला शासिका थीं। वह दिल्ली सल्तनत की सुल्ताना बनीं और अपने साहस और शासन कौशल के लिए जानी जाती हैं।

  3. दत्तोपंत ठेंगड़ी (2004) - दत्तोपंत ठेंगड़ी एक राष्ट्रवादी ट्रेड यूनियन नेता और भारतीय मजदूर संघ के संस्थापक थे। वे भारतीय सामाजिक और श्रमिक आंदोलनों के लिए महत्वपूर्ण योगदान देने वाले व्यक्तियों में गिने जाते हैं।

  4. मोहन धारिया (2013) - मोहन धारिया एक सामाजिक कार्यकर्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री थे। वे अपने परोपकारी कार्यों के लिए प्रसिद्ध थे और समाज सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया।

  5. दसरथ देब (1998) - दसरथ देब भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के एक प्रमुख नेता थे और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने सामाजिक और राजनीतिक विकास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

  6. नरसिंह चिंतामन केलकर (1947) - नरसिंह चिंतामन केलकर एक मराठी साहित्यकार और पत्रकार थे। वे लोकमान्य तिलक के सहयोगी थे और मराठी साहित्य के क्षेत्र में उनका योगदान सराहनीय है।

14 अक्टूबर के महत्वपूर्ण अवसर एवं उत्सव:

  1. विश्व मानक दिवस - यह दिन अंतर्राष्ट्रीय मानकों के महत्व को रेखांकित करने के लिए मनाया जाता है। यह वैश्विक उद्योग और उपभोक्ताओं के बीच गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए समर्पित है।

  2. विश्व डाक दिवस (सप्ताह) - इस सप्ताह के दौरान डाक सेवाओं के योगदान को मान्यता दी जाती है और इसके महत्व पर जागरूकता बढ़ाई जाती है।

  3. राष्ट्रीय विधिक सहायता दिवस (सप्ताह) - यह सप्ताह कानूनी सहायता और न्याय तक पहुंच को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मनाया जाता है, ताकि समाज के सभी वर्गों को न्याय प्राप्त हो सके।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार