माखनलाल चतुर्वेदी और पत्रकारिता से स्वतंत्रता

माखन लाल का बचपन से ही देशभक्ति और स्वतंत्रता के प्रति उत्साहपूर्ण रहा।

Apr 4, 2024 - 11:13
Apr 4, 2024 - 14:16
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माखनलाल चतुर्वेदी और पत्रकारिता से स्वतंत्रता

माखनलाल चतुर्वेदी और पत्रकारिता से स्वतंत्रता

Makhanlal Chaturvedi and freedom from journalism

04 अप्रैल 1889 उठ रणराते, ओ बलखाते, विजयी भारतवर्ष नक्षत्रों पर बैठे पूर्वज माप रहे उत्कर्ष।

राष्ट्रनिष्ठ पत्रकार एवं महान कवि माखन लाल चतुर्वेदी पुण्यतिथि पर कोटि-कोटि नमन
 

माखन लाल चतुर्वेदी, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख वीरों में से एक थे। उनका जन्म 4 अप्रैल 1889 को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के एक छोटे से गाँव में हुआ था। माखन लाल का बचपन से ही देशभक्ति और स्वतंत्रता के प्रति उत्साहपूर्ण रहा। उन्होंने अपने जीवन को समर्पित किया और ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ संघर्ष किया।

Makhanlal Chaturvedi was an eminent writer and journalist

माखन लाल ने अपने विद्यालयी दिनों में ही राष्ट्रीय उत्थान के लिए सक्रिय भूमिका निभाई। उन्होंने विद्यालय के छात्रों को नेतृत्व कौशलों को बढ़ावा दिया और उन्हें देशप्रेम के महत्व को समझाया। उनका समर्थन और प्रेरणा मिलने के बाद, उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने का निश्चय किया।

माखन लाल ने अपने दृढ़ संकल्प के साथ गांधीजी के नेतृत्व में नाम लिया और सत्याग्रह, कृषि और अदालती आंदोलनों में भाग लिया। उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ स्वतंत्रता की लड़ाई में अपनी जीवनगाथा का समर्थन किया और लोगों को संगठित किया।

माखन लाल चतुर्वेदी का सबसे महत्वपूर्ण कार्य उनके संघर्ष के दौरान हुआ, जब वे अपने प्रदेश के किसानों के हित में काम किया। उन्होंने किसानों को उनके अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कृषि आंदोलन में अपनी भूमिका निभाई और किसानों के मांगों को समर्थन दिया।

माखन लाल ने अपने जीवन का अधिकांश समय जेल में गुजारा, लेकिन उनका अहंकार और विश्वास उन्हें उनके लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ने में मदद की। उनके बलिदानी पराक्रम और निष्ठा के कारण, उन्हें "प्रजा आदर्शवादी" के रूप में सम्मानित किया गया।

माखन लाल चतुर्वेदी की मृत्यु 15 अगस्त 1945 को हुई, लेकिन उनकी आत्मा देशवासियों के दिलों में अजीब है। उनका संघर्ष और समर्पण भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में एक अविस्मरणीय योगदान बना रहा है, जो हमें स्वतंत्र भारत के साथ हमेशा स्मरण कराता है।

 

माखन लाल चतुर्वेदी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेताओं में से एक थे। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन में अहम भूमिका निभाई और स्वतंत्रता के लिए प्रतिष्ठान्वित कार्य किया।

माखन लाल चतुर्वेदी का जन्म ११ अगस्त १८८६ में हुआ था। उन्होंने शिक्षा प्राप्त की और बाद में वकालत की पढ़ाई की। लेकिन उनका जीवन स्वतंत्रता संग्राम में समर्पित हो गया। वे गांधीजी के संग जुड़े और गांधी जी के सिद्धांतों का पालन किया।

माखन लाल चतुर्वेदी ने विभाजन के विरुद्ध प्रचार-प्रसार किया और उन्होंने विशेष रूप से हिंदी के माध्यम से लोगों को जागरूक किया। उनका योगदान पत्रकारिता में भी महत्वपूर्ण रहा। वे समाज को जागरूक करने और उसे स्वतंत्रता के लिए संगठित करने के लिए मीडिया का उपयोग करते थे।

उन्होंने अनेक स्वतंत्रता संग्राम संबंधी समाचार पत्र चलाए और लोगों को राष्ट्रीय आंदोलन के महत्व को समझाने में मदद की। माखन लाल चतुर्वेदी ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में अपना सबसे बड़ा योगदान दिया और स्वतंत्रता के लिए लड़ते रहे।

उनके साहित्य कार्यों ने भारतीय समाज को समृद्धि और जागरूकता की दिशा में अग्रणी भूमिका दी। उनका योगदान हमारे स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में अमूल्य है।

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