पृथ्वी से टकराया सौर तूफान, लाल हो गया लद्दाख का आसमान

लद्दाख के हनले, मेराक स्थित भारतीय खगोलीय वेधशाला ने कैद की तस्वीरें, उपग्रह, पावर ग्रिड, संचार और जीपीएस प्रणाली को खतरा

पृथ्वी से टकराया सौर तूफान, लाल हो गया लद्दाख का आसमान

पृथ्वी से टकराया सौर तूफान, लाल हो गया लद्दाख का आसमान

लद्दाख के हनले, मेराक स्थित भारतीय खगोलीय वेधशाला ने कैद की तस्वीरें, उपग्रह, पावर ग्रिड, संचार और जीपीएस प्रणाली को खतरा

दो दशक बाद शुक्रवार को सबसे शक्तिशाली सौर तूफान पृथ्वी से टकराया। इससे लद्दाख से लेकर ब्रिटेन तक का आसमान रंग बिरंगे प्रकाश (औरोरा) से रोशन होता रहा। सूरज से निकलकर धरती की तरफ बढ़ने वाली सौर ज्वालाओं की प्रकृति और आवृत्ति के अनुसार दुनिया के अलग-अलग स्थानों पर आसमान भिन्न रंग के दिखे। विज्ञानियों ने सौर तूफान से उपग्रहों, बिजली ग्रिडों के साथ ही महत्वपूर्ण संचार और जीपीएस प्रणाली को खतरा बताया है। यह सप्ताहांत तक जारी रहेगा। 

शुक्रवार आधी रात के बाद हुई इस खगोलीय घटना को लद्दाख के हनले और मेराक में स्थापित खगोलीय वेधशाला के कैमरों ने कैद किया है। इस तरह के औरोरा सामान्य तौर पर उच्च आक्षांश वाले क्षेत्र में ही देखे जाते थे। भारत में यह पिछले साल अप्रैल और नवंबर माह में देखे गए थे। भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान ने यहां वेधशाला स्थापित की है। वेधशाला के इंजीनियर दोर्जे आंगचुक ने बताया कि शुक्रवार मध्यरात्रि से यह रोशनी दिखने लगी। पैंगोंग झील के किनारे स्थापित मेराक वेधशाला से भी इसे देखा गया।


लाल रंग की इस तीव्र रोशनी के साथ नीले और बैंगनी रंग की रौशनी भी देखी गई। उन्होंने बताया कि शुक्रवार और शनिवार की मध्यरात्रि के बीच ऐसे कम से कम क्यों आता है सौर तूफान अमेरिका के नेशनल ओशनिक एंड एटमास्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) के अंतरिक्ष मौसम अनुमान केंद्र के अनुसार, सूरज की सक्रियता नियमित अंतराल पर घटती-बढ़ती रहती है। इन दिनों यह अति सक्रिय अवस्था से गुजर रहा है, जिसे सोलर मेक्सिमम कहा जाता है।

सूर्य बुधवार से तेज सौर ज्वालाएं पैदा कर रहा है। इस कारण सूर्य की प्लाज्मा में कम से कम सात बार विस्फोट हुआ। इस विस्फोट को कोरोनल मास इजेक्शन कहा जाता है। प्रत्येक विस्फोट में सूर्य के बाहरी वातावरण या कोरोना से अरबों टन प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र धरती की तरफ बढ़ते हैं। इसी को सौर तूफान का नाम दिया जाता है। कई कोरोनल मास इजेक्शन के चलते धरती पर यह तूफान आया है। सूर्य की सतह से प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र के निकलने को कोरोनल मास इजेक्शन कहते हैं। इस सौर तूफान को जी5 कैटेगरी का बताया है। इसे सबसे चरम स्तर माना जाता है।

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