Papmochani Ekadashi 2025: सभी पापों से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो जरूर रखें इस एकादशी का व्रत; जानें महत्व

वैसे तो हर एकादशी अपने आप में खास मानी गई है, लेकिन चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व माना जाता है. चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पापमोचिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है. मान्यता है कि इस दिन श्रीहरि विष्णु की आराधना करने से व्यक्ति को सभी पापों से छुटकारा मिलता है.

Mar 20, 2025 - 05:47
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Papmochani Ekadashi 2025: सभी पापों से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो जरूर रखें इस एकादशी का व्रत; जानें महत्व
Papmochani Ekadashi 2025: सभी पापों से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो जरूर रखें इस एकादशी का व्रत; जानें महत्व

Papmochini Ekadashi 2025: पापमोचनी एकादशी होली के बाद और चैत्र नवरात्रि से पहले आती है, जो कि हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण तिथि मानी गई है. यह हिंदू पंचांग की आखिरी एकादशी होती है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन में किए गए पापों से मुक्ति मिल सकती है. हर साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पापमोचनी एकादशी के नाम से जाता है. धार्मिक मान्यता है कि पापमोचनी एकादशी के दिन व्रत रखने और सच्चे मन से प्रायश्चित करने से गंभीर से गंभीर पाप नष्ट हो जाते हैं.

पापमोचनी एकादशी शुभ मुहूर्त 2025

  1. पापमोचनी एकादशी का व्रत – 25 मार्च 2025 (मंगलवार)
  2. एकादशी तिथि शुरू – 25 मार्च को सुबह 5:05 बजे
  3. एकादशी तिथि समाप्त – 26 मार्च को सुबह 3:45 बजे
  4. पूजा का शुभ समय – 25 मार्च को सुबह 9:22 बजे से दोपहर 1:57 बजे तक.
  5. पापमोचनी एकादशी व्रत पारण टाइम – 26 मार्च 2025 दोपहर 1:39 बजे से 4:06 बजे तक.

पापमोचनी एकादशी व्रत के नियम

ऐसी मान्यता है कि पापमोचनी एकादशी के दिन व्रत करने से पितरों को मोक्ष मिलता है और पूर्वजन्म के पापों का प्रभाव कम होता है.

धार्मिक मान्यता है कि पापमोचनी एकादशी के दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए और तुलसी के पत्ते अर्पित करने चाहिए.

पापमोचनी एकादशी के दिन भोजन, वस्त्र और जरूरतमंदों की मदद करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और श्रीहरि प्रसन्न होते हैं.

अगर आप एकादशी का व्रत नहीं रख रहे हैं, तो भी इस दिन हल्का और सात्विक भोजन करना चाहिए.

पापमोचनी एकादशी का महत्व

पौराणिक मान्यता है कि पापमोचनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु ने दानव ‘पाप’ का विनाश किया था, जिससे उनके अनुयायी पापों के भार से मुक्त हो सकें. पद्म पुराण के अनुसार, राजा मंदाता अपने पापों के कारण बहुत दुखी थे और उन्हें ऋषि वशिष्ठ ने मार्गदर्शन दिया. उन्होंने राजा मंदाता को पापमोचनी एकादशी का व्रत रखने की सलाह दी.

ऐसा कहा जाता है कि इस व्रत के प्रभाव से राजा के सभी पाप समाप्त हो गए और उनका राज्य पुनः स्थापित हो गया. भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को इस एकादशी की महिमा के बारे में बताया और कहा था कि इस व्रत के पुण्य प्रताप से सभी पाप समाप्त हो जाते हैं. ऐसे में अगर आप भी अपने सभी जाने-अनजाने में किए गए पापों को धोना चाहते हैं और खुशहाल जीवन पाना चाहते हैं, तो पापमोचनी एकादशी का व्रत जरूर रखें.

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,