अब जोर पकड़ रही ईदगाह सर्वे की मांग
बीते वर्ष दिसंबर में हाई कोर्ट ने दिया था कोर्ट कमिश्नर सर्वे का आदेश ईदगाह कमेटी की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी जनवरी में रोक
अब जोर पकड़ रही ईदगाह सर्वे की मांग
बीते वर्ष दिसंबर में हाई कोर्ट ने दिया था कोर्ट कमिश्नर सर्वे का आदेश ईदगाह कमेटी की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी जनवरी में रोक
कोर्ट कमिश्नर और एएसआइ सर्वे में अंतर
कोर्ट कमिश्नर : कोर्ट कमिश्नर में न्यायालय की ओर से नियुक्त वकील, विवादित भूमि का वादी और प्रतिवादी की मौजूदगी में अवलोकन करते हैं। कितनी भूमि में क्या बना है। इसे देखते हैं और इसकी रिपोर्ट न्यायालय में दाखिल करते हैं
श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले की पोषणीयता (सुनवाई योग्य) पर आए इलाहाबाद हाई कोर्ट के निर्णय से उत्साहित मंदिर पक्ष अब ईदगाह के कोर्ट कमिश्नर सर्वे और एएसआइ सर्वे की मांग को नए सिरे से उठाने की तैयारी कर रहा है। जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट कमिश्नर सर्वे को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। शाही मस्जिद ईदगाह और श्रीकृष्ण जन्मस्थान का वाद न्यायालय में दायर होने के साथ ही मंदिर पक्ष ईदगाह का कोर्ट कमिश्नर और एएसआइ से सर्वे कराने की मांग कर रहा है। बीते वर्ष 14 दिसंबर को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रंजना अग्निहोत्री आदि के वाद पर ईदगाह का कोर्ट कमिश्नर से सर्वे कराने का आदेश भी दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर 16 जनवरी को रोक लगा दी थी।
अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन कहते हैं कि जब यह तय हो गया कि वाद सुनवाई योग्य है तो फिर कोर्ट कमिश्नर सर्वे करना भी जरूरी हो गया है। हम सुप्रीम कोर्ट में जाएंगे और सर्वे पर लगी रोक हटाने के लिए कहेंगे। उधर, श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में वादी अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि शुरू से कोर्ट कमिश्नर और एएसआइ सर्वे की मांग कर रहे हैं। हाई कोर्ट के आदेश के बाद तो अब सर्वे होना ही चाहिए। हम इसके लिए सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सदस्य गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी ने कि निर्णय सराहनीय है। सत्य अधिक दिनों तक नहीं छिपाया जा सकता।
कहा
एएसआइ सर्वे में फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी के साथ ही कार्बन डेटिंग होती है। यह भी देखा जाता है कि इमारत कितनी पुरानी है। उस पर यदि कोई चिह्न है तो वह भी रिपोर्ट का हिस्सा बनता है।
What's Your Reaction?