अंतरिक्ष फतह करने के लिए तैयार हैं शुभांशु की उड़ान भरने वाला है
पीएम नरेन्द्र मोदी ने गगनयान मिशन के लिए चुने गए चार अंतरिक्ष यात्रियों
![अंतरिक्ष फतह करने के लिए तैयार हैं शुभांशु की उड़ान भरने वाला है](https://bharatiya.news/uploads/images/202403/image_870x_65e4c99124c40.jpg)
अंतरिक्ष फतह करने के लिए तैयार हैं शुभांशु की उड़ान भरने वाला है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के गगनयान मिशन में चार अंतरिक्ष यात्रियों का चयन हुआ है। उसमें से भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला भी शामिल हैं।
हाल ही में पीएम नरेन्द्र मोदी ने गगनयान मिशन के लिए चुने गए चार अंतरिक्ष यात्रियों के नाम की घोषणा की। इनमें ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला हैं। इनमें से शुभांशु शुक्ला उप्र के लखनऊ से हैं। एनडीए में प्रवेश के बाद फायटर पायलट के रूप में प्रशिक्षित हुए शुभांशु शुक्ला कई बार आसमान का सीना चीरकर बहादुरी दिखा चुके हैं, लेकिन इस बार वह अंतरिक्ष के सफर पर जा रहे हैं। आइए, जानते हैं दुनिया के महत्वपूर्ण मिशनों में से एक पर जाने वाले इस युवा फाइटर पायलट के बारे में :
राजधानी का वायु सैनिक अब अंतरिक्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को इन अंतरिक्ष यात्रियों के नाम की घोषणा की। इनमें लखनऊ के त्रिवेणीनगर के शुभांशु शुक्ला का भी नाम है। साधारण पृष्ठभूमि से निकले शुभांशु बचपन से मेधावी और साहसी रहे। उन्होंने 2002 में सीएमएस अलीगंज से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। उन्होंने इससे पहले ही नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) की परीक्षा पास की और वायुसेना में जाने का फैसला किया। तीन वर्ष भारतीय वायुसेना में ट्रेनिंग के बाद फाइटर पायलट शुभांशु अब अंतरिक्ष मिशन का हिस्सा बनने पर रोमांचित हैं। विषम परिस्थितियों में दृढ़ संकल्प और अनुकरणीय प्रदर्शन पर उन्हें इस प्रतिष्ठित मिशन के लिए चुना गया।
उत्तर प्रदेश सचिवालय में ग्रेड थ्री से सेवानिवृत्त पिता शंभूदयाल शुक्ला बेटे की इस उपलब्धि पर बहुत खुश हैं। उन्होंने बताया कि बचपन से ही शुभांशु को अलग-अलग गाड़ियों को चलाने का शौक रहा। वह रफ्तार के दीवाने रहे और इसी को और आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने वायुसेना को चुना। शुभांशु सुखोई 30 एमके आइ, मिग 21, मिग 29, जगुआर जैसे फाइटर प्लेन उड़ा चुके हैं। आसमान की ऊंचाई नापने के बाद वह अंतरिक्ष की उड़ान उड़ान के लिए तैयार हैं। उनकी मां आशा शुक्ला गृहिणी हैं। शुभांशु के पिता और मां आशा शुक्ला मंगलवार को उनके साथ तिरुवनंतपुरम रहे। अभी कुछ दिन वह बेटे के साथ बंगलुरू में ही रहेंगे। शुभांशु की दो बड़ी बहनें हैं, इसमें एक नोएडा में हैं, दूसरी बहन महानगर में अध्यापिका हैं। शुभांशु की पत्नी डेंटिस्ट हैं, साथ ही बंगलुरू में एक छोटा-सा बिजनेस भी चलाती हैं। नए अनुभव के लिए रोमांचित हूं: शुभांशुः शुभांशु नए अनुभव के लिए रोमांचित हूं: शुभांशुः शुभांशु शुक्ला ने बताया कि मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान में चयन पर मैं काफी रोमांचित हूं। मैंने अंतरिक्ष में उड़ान भरने के विषय में कभी सोचा नहीं था, लेकिन हर तरह के अवसर के
सैकड़ों आवेदनों में से पहले 12 की पहचान, फिर चार का चयन
गगनयान मिशन के अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए सैकड़ों टेस्ट पायलट ने आवेदन किया था। भारतीय वायुसेना के इंस्टीट्यूट आफ एयरोस्पेस मेडिसिन (आइएएम) ने वर्ष 2019 में बेंगलुरु में इनमें से 12 टेस्ट पायलटों का सेलेक्शन किया। कई चरणों के बाद इसरो ने चार लोगों का अंतिम चयन किया। इन चारों को शुरुआती प्रशिक्षण के लिए रूस भेजा गया। प्रशिक्षण 2021 में पूरा हुआ। अब इन्हें बेंगलुरु में कई एजेंसियां और सशस्त्र बल प्रशिक्षण दे रहे हैं। चारों नियमित रूप से वायुसेना के विमान भी उड़ाते हैं। घोषणा के बाद तैयारियां और तेज हो गई है।
What's Your Reaction?
![like](https://bharatiya.news/assets/img/reactions/like.png)
![dislike](https://bharatiya.news/assets/img/reactions/dislike.png)
![wow](https://bharatiya.news/assets/img/reactions/wow.png)
![sad](https://bharatiya.news/assets/img/reactions/sad.png)