आईआईटी की 'विद्या शक्ति परियोजना' ने सरकारी स्कूलों के बच्चों के सपनों को दी उड़ान
आईआईटी की 'विद्या शक्ति परियोजना' ने सरकारी स्कूलों के बच्चों के सपनों को दी उड़ान
वाराणसी: वाराणसी के 354 सरकारी जूनियर स्कूलों में पिछले एक वर्ष से 'विद्या शक्ति परियोजना' के तहत आईआईटी मद्रास के छात्रों द्वारा बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य सरकारी स्कूलों के बच्चों को विज्ञान और अंग्रेजी की उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा देना है। इस परियोजना की सफलता को देखते हुए, इसे पूरे देश में लागू करने की योजना बनाई जा रही है।
विद्या शक्ति परियोजना का विस्तार और भविष्य
पिछले सप्ताह दिल्ली में आयोजित अखिल भारतीय शिक्षा समागम में विद्या शक्ति परियोजना पर विस्तृत चर्चा की गई। इस समागम में केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता राज्यमंत्री जयंत चौधरी, शिक्षा विभाग के सचिव समेत अन्य अधिकारी, आईआईटी, एनआईटी और केंद्रीय विश्वविद्यालयों के प्रमुख शामिल थे। सभी ने इस परियोजना की सराहना की और इसे पूरे देश में लागू करने का सुझाव दिया।
आईआईटी मद्रास और विद्या शक्ति परियोजना की नींव
दिसंबर 2022 में काशी में आयोजित तमिल संगमम् के दौरान आईआईटी मद्रास के निदेशक वी. कामकोटि ने इस परियोजना की नींव रखी थी। परियोजना के तहत, आईआईटी मद्रास के छात्रों ने सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लासेज के माध्यम से बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाना शुरू किया।
बच्चों और आईआईटी छात्रों के लिए लाभ
इस परियोजना से सरकारी स्कूलों के बच्चों को आईआईटी छात्रों से सीधे सीखने का मौका मिल रहा है, जो उनके लिए एक प्रेरणादायक अनुभव है। वहीं, आईआईटी मद्रास के छात्रों को भी इस सामाजिक कार्य के लिए विशेष प्रमाण पत्र मिलता है, जो उन्हें नौकरी के आवेदन के समय लाभ देता है।
बच्चों के सपनों को नई दिशा
विद्या शक्ति परियोजना की वजह से बच्चों में एक नई ऊर्जा और उत्साह देखने को मिल रहा है। बच्चे न सिर्फ विज्ञान और अंग्रेजी को बेहतर तरीके से समझ रहे हैं, बल्कि उनके मन में भी आईआईटीयन बनने का सपना जाग उठा है। रिया, खुशबू, और रोहित जैसे छात्र बताते हैं कि आईआईटी के भइया-दीदी बहुत अच्छे से पढ़ाते हैं, जिससे वे सभी चीजें आसानी से समझ पाते हैं और परीक्षा में अच्छे अंक भी लाते हैं।
सरकारी स्कूलों में शिक्षा का नया दौर
यह परियोजना सरकारी स्कूलों के लिए शिक्षा के एक नए दौर की शुरुआत है, जहां बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के साथ-साथ उनके सपनों को भी पंख दिए जा रहे हैं। सरकार और आईआईटी मद्रास की इस पहल को पूरे देश में लागू करने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं ताकि अधिक से अधिक बच्चों को इसका लाभ मिल सके।
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