राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार-2023 प्रदान किए

Aug 20, 2024 - 13:58
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार-2023 प्रदान किए

नई दिल्ली, 20 अगस्त, 2024: राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित एक विशेष समारोह में राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार-2023 प्रदान किए। इस अवसर पर उन्होंने खनिज उत्पादन में आत्मनिर्भरता और हरित परिवर्तन की दिशा में भारत के प्रयासों पर बल दिया।

राष्ट्रपति ने अपने सम्बोधन में कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए खनिज उत्पादन में आत्मनिर्भरता आवश्यक है। उन्होंने सरकार द्वारा राष्ट्रीय भूविज्ञान डेटा रिपॉजिटरी पोर्टल के माध्यम से भू-वैज्ञानिक डेटा के एकीकरण और खनिज संसाधनों की खोज के लिए उठाए गए कदमों की सराहना की। साथ ही, उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और उभरती प्रौद्योगिकियों के उपयोग पर भी जोर दिया, जो भारत को अपनी प्राकृतिक संपदा के उचित उपयोग में सक्षम बनाएगा।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए स्वच्छ ऊर्जा के व्यापक रूप से अपनाने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने हरित परिवर्तन के लिए आवश्यक खनिजों और दुर्लभ पृथ्वी तत्वों पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन की स्थापना से भारत को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी।

राष्ट्रपति ने कोलकाता में स्थापित किए गए राष्ट्रीय भूस्खलन पूर्वानुमान केंद्र पर प्रसन्नता व्यक्त की, जो भूस्खलन संभावित क्षेत्रों के लिए पूर्व चेतावनी जारी करेगा। उन्होंने आपदाओं से बचाव के लिए सटीक और विश्वसनीय प्रणाली विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया।

राष्ट्रपति ने भू-पर्यटन और भू-विरासत स्थलों के महत्व को भी रेखांकित किया और युवाओं से इस क्षेत्र में रुचि लेने का आग्रह किया।

गौरतलब है कि राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार की स्थापना भारत सरकार के खान मंत्रालय द्वारा भूविज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धियों और उत्कृष्ट योगदान के लिए व्यक्तियों और टीमों को सम्मानित करने के उद्देश्य से की गई है।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार