मधुमेह में पंचकर्म संग आयुर्वेदिक औषधियां कारगर

मधुमेह की आयुर्वेदिक दवा, मधुमेह में पंचकर्म संग आयुर्वेदिक औषधियां कारगर भोपाल में 1050 मधुमेह रोगियों पर चल रहा है बड़ा शोध, शोध के प्रारंभिक परिणाम मिले उत्साहवर्धक कुछ का एक सप्ताह तो कुछ का 15 दिनों में औसत शुगर लेवल 200 से 350 आया

Dec 7, 2024 - 11:18
Dec 7, 2024 - 11:22
 0
मधुमेह में पंचकर्म संग आयुर्वेदिक औषधियां कारगर

मधुमेह में पंचकर्म संग आयुर्वेदिक औषधियां कारगर

भोपाल में 1050 मधुमेह रोगियों पर चल रहा है बड़ा शोध, शोध के प्रारंभिक परिणाम मिले उत्साहवर्धक कुछ का एक सप्ताह तो कुछ का 15 दिनों में औसत शुगर लेवल 200 से 350 आया

डायबिटीज (मधुमेह) को रोगों की जननी माना जाता है। इस समय देश में करोड़ों की तादाद में मधुमेह से पीड़ित हैं। भोपाल के पं. खुशीलाल शर्मा शासकीय आयुर्वेद कालेज में डायबिटीज (मधुमेह) पर आयुर्वेदिक औषधियों और पंचकर्म का प्रभाव जानने के लिए 1050 रोगियों पर एक बड़ा शोध चल रहा है। शोध के प्रारंभिक परिणाम उत्साहित करने वाले हैं।


डाक्टरों ने बताया कि जिन रोगियों का एचबीए। सी स्तर 13 यानी तीन महीने का औसत शुगर लेवल 350 के करीब था, उन्हें पंचकर्म की वस्ति क्रिया (दस्त करवाने) के बाद औषधियां देने से कुछ मरीजों का एक सप्ताह तो कुछ का 15 दिन में ही गया। शुगर लेवल 200 तक आ यह शोध केंद्रीय आयुष मंत्रालय करवा रहा है। इसमें डेढ़ करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। लगभग 70 प्रतिशत काम हो गया है। शोध पूरा होने में लगभग एक वर्ष और लगेगा। इसके बाद केंद्र सरकार शोध के परिणाम सार्वजनिक करेगी।


इस बारे में शोध टीम में शामिल कार्य चिकित्सा के सहायक प्राध्यापक डा. विवेक शर्मा बताते हैं कि 1050 रोगियों को बराबर संख्या के तीन समूहों में बांटा गया। एक समूह को पंचकर्म के साथ औषधियां, दूसरे को मात्र औषधियां और तीसरे को सिर्फ खान-पान व जीवन शैली में परिवर्तन करवाया गया। तीन महीने तक उन पर प्रयोग किया जाना है, हालांकि प्रारंभिक परिणामों में अधिकतर रोगियों की शुगर नियंत्रित मिल रही है। इनमें किसी को एलोपैथी दवाएं नहीं दी जा रही हैं। अभी एक महीने में अलग- अलग समय में अस्पताल में जो लोग भर्ती हुए उसमें से 10 मरीजों को पंचकर्म और दवा देने के बाद आठ मरीज का एचबीए 1 सी 10 से 6 पर आ गया। वहीं कुछ का एचबीए। सी 13 से 6-7 आ गया। 

इस तरह के दिखे परिणाम
पंचकर्म विभाग की सह प्राध्यापक डा. कामिनी सोनी ने बताया कि जिन रोगियों का एचबीए। सी 10 से कम है, उन्हें ही शोध में शामिल किया है, ताकि स्वास्थ्य को लेकर कोई जोखिम न हो। अभी एक माह में अलग-अलग समय में अस्पताल में भर्ती 10 रोगियों को पंचकर्म और दवा देने के बाद देखने में आया है कि आठ का एचबीए। सी 10 से छह पर आ गया। कुछ का एचबीए। सी 13 से छह से सात के बीच आ गया।


यह होता है पंचकर्म
वमन-उल्टी कराना, विरेचन- दस्त कराना, अनुवासन वस्ति- इसमें अलग अलग तरह के तेल देकर एनिमा की तरह काम होता है, निरूह वस्ति- इसमें काढ़े का उपयोग कर दस्त कराया जाता है और नस्य कर्म इसमें नाक से औषधिया दी जाती है।

डायबिटीज के उपचार में एलोपैथी व अन्य के सिद्धांत कुछ हद तक समान हो सकते हैं। जैसे जीवन शैली में बदलाव। आयुर्वेदिक औषधि पेंक्रियाज को ठीक करने या मोटापा कम करने पर काम करेगी। - डा. मनुज शर्मा, हार्मोन रोग विशेषज्ञ, गांधी मेडिकल कालेज, भोपाल

कालेज की रिसर्च एथिक्स कमेटी की स्वीकृति के बाद शोध किया जा रहा है। रोगियों से बाकायदा सहमति पत्र लिया गया है। शोध के शुरुआती परिणाम उत्साहजनक हैं। - डा. उमेश शुक्ला, प्राचार्य, पं. खुशीलाल शर्मा आयुर्वेद कालेज

What's Your Reaction?

like

dislike

wow

sad

सम्पादक देश विदेश भर में लाखों भारतीयों और भारतीय प्रवासियों लोगो तक पहुंचने के लिए भारत का प्रमुख हिंदी अंग्रेजी ऑनलाइन समाचार पोर्टल है जो अपने देश के संपर्क में रहने के लिए उत्सुक हैं। https://bharatiya.news/ आपको अपनी आवाज उठाने की आजादी देता है आप यहां सीधे ईमेल के जरिए लॉग इन करके अपने लेख लिख समाचार दे सकते हैं. अगर आप अपनी किसी विषय पर खबर देना चाहते हें तो E-mail कर सकते हें newsbhartiy@gmail.com