92 करोड़ भारतीयों को मिल रहा किसी न किसी सरकारी स्कीम का फायदा, खंगाले गए 200 करोड़ रिकॉर्ड

केंद्र सरकार की तमाम कल्याणकारी योजनाओं से 92 करोड़ लोगों को लाभ मिल रहा है, जो देश की 65 फीसदी आबादी है. 200 करोड़ से अधिक रिकॉर्ड्स की जांच के बाद यह जानकारी सामने आई है. मनरेगा, EPFO, ESIC जैसी 34 योजनाओं में एन्क्रिप्टेड आधार का उपयोग किया गया. इससे सामाजिक सुरक्षा कवरेज में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है.

Mar 26, 2025 - 06:06
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92 करोड़ भारतीयों को मिल रहा किसी न किसी सरकारी स्कीम का फायदा, खंगाले गए 200 करोड़ रिकॉर्ड
92 करोड़ भारतीयों को मिल रहा किसी न किसी सरकारी स्कीम का फायदा, खंगाले गए 200 करोड़ रिकॉर्ड

देश में आमजन को राहत पहुंचाने के लिए तमाम तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं. ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि 92 करोड़ भारतीयों को किसी न किसी सरकारी स्कीम का फायदा मिल रही है. इस जानकारी को हासिल करने के लिए 200 करोड़ रिकॉर्ड खंगाले गए हैं. दरअसल, एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि मनरेगा, EPFO और ESIC जैसी 34 प्रमुख केंद्र सरकार की योजनाओं में एन्क्रिप्टेड आधार का उपयोग करके तमाम लाभार्थियों की पहचान की गई है. इसके लिए 200 करोड़ से अधिक रिकॉर्ड देखे गए हैं.

श्रम और रोजगार मंत्रालय ने कहा कि भारत के सोशल प्रोटक्शन डेटा पूलिंग एक्सरसाइज का चरण-1 भी शुरू हो गया है. बयान में कहा, ‘देश ने अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के सहयोग से व्यापक डेटा-पूलिंग एक्सरसाइज के जरिए से अपने सामाजिक सुरक्षा कवरेज को बढ़ाने में प्रगति की है MGNREGA, EPFO, ESIC, APY और PM-POSHAN जैसी 34 प्रमुख केंद्रीय योजनाओं में एक विशिष्ट पहचानकर्ता के रूप में एन्क्रिप्टेड आधार का उपयोग किया गया गया. लाभार्थियों की पहचान करने के लिए 200 करोड़ से अधिक रिकॉर्ड खंगाले गए.’

केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के नए अनुमानों के अनुसार भारत का कुल सामाजिक-सुरक्षा कवरेज 48.8 फीसदी है, जबकि पहले यह 24 फीसदी था. यह संशोधन केंद्र सरकार की ओर से फॉर्मल सेक्टर में कामगारों के लिए कल्याणकारी योजनाओं के बारे में उपलब्ध कराए गए अपडेटेड आंकड़ों पर आधारित है.

‘भारत की 65 फीसदी आबादी को मिलता है लाभ’

मंत्री के अनुसार, डेटा-पूलिंग एक्सरसाइज से पता चला है कि भारत की 65 फीसदी आबादी (लगभग 920 मिलियन लोग) कम से कम एक सामाजिक-सुरक्षा लाभ के अंतर्गत आती है. इसमें से 48.8 फीसदी को सामाजिक-सहायता योजनाओं के तहत नकद लाभ मिलता है. एक अधिकारी ने बताया कि सरकार का मानना ​​है कि फॉर्मल सेक्टर और इनफॉर्मल सेक्टर दोनों के श्रमिकों के लिए कल्याणकारी योजनाओं की बड़ी संख्या को देखते हुए आईएलओ का 24 फीसदी कवरेज का अनुमान कम है और यह सामाजिक सुरक्षा की पूरी सीमा को प्रतिबिंबित नहीं करता है.

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