फेक न्यूज एक्सपोज:क्या शंकराचार्य पर हुआ लाठीचार्ज ? नहीं, 9 साल पुराना वीडियो भ्रामक दावे के साथ वायरल

ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस दावे से जुड़े ट्वीट्स कई यूजर्स कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी से जुड़े X यूजर डॉक्टर विजेंद्र सिंह सिद्धू ने इस वायरल वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा- शंकराचार्य जी पर लाठी चार्ज करवाना बहुत ही शर्मनाक है इसकी जितनी निन्दा की जाए वो कम है ! कम से कम पदवी का ख्याल रख लेते। (अर्काइव ट्वीट) देखें ट्वीट : एक अन्य X यूजर रितेश सिंह ने वायरल वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा - सनातन धर्म का ध्वज लिए शंकराचार्य जी पर इस कदर लाठीचार्ज।घोर निंदनीय कर्म है ये। हिन्दू रक्षा के नाम पर राजनीति करनेवालों के मुंह में दही जम गया है क्या। (अर्काइव ट्वीट) देखें ट्वीट: वहीं, श्रवण कुमार पासवान नामक यूजर ने लिखा - अमृतकाल में, मोदी, योगी के खिलाफ शंकराचार्य को बोलना महंगा पड़ गया। शंकराचार्य पर लट्ठ का प्रहार (लाठीचार्ज)। (अर्काइव ट्वीट) देखें ट्वीट: क्या है वायरल वीडियो का सच ? शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती पर पुलिस यदि ऐसी कोई कार्रवाई करती तो यह एक बड़ी खबर होती। जांच के दौरान हमें ऐसी कोई क्रेडिबल मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली जिसमें बताया गया हो कि शंकराचार्य पर लाठीचार्ज हुआ है। हालांकि, गूगल पर सर्च के दौरान हमें वायरल वीडियो से संबंधित कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं। इन रिपोर्ट्स से पता चला कि यह अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती पर लाठीचार्ज आज से 9 साल पहले सितंबर 2015 में हुआ था। आज तक ने 23 सितंबर 2015 को एक वीडियो रिपोर्ट के माध्यम से इस पूरे घटनाक्रम को कवर किया था। रिपोर्ट में बताया गया था कि वाराणसी में मूर्ति विसर्जन को लेकर पुलिस और साधुओं के बीच झड़प हुई थी। दरअसल, हाईकोर्ट के एक आदेश के तहत पुलिस विसर्जन की इजाजत नहीं दे रही थी। वहीं, साधु अड़े रहे लिहाजा पुलिस को लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा। देखें वीडियो: 2015 में उत्तर-प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे। पड़ताल के दौरान हमें अमर उजाला का एक आर्टिकल मिला। 12 अप्रैल 2021 के इस आर्टिकल में बताया गया था कि 2015 के लाठी चार्ज मामले के बाद अखिलेश ने जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज और स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से हरिद्वार पहुंचकर माफी मांगी थी। (अर्काइव लिंक) देखें स्क्रीनशॉट:

Feb 12, 2025 - 05:06
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फेक न्यूज एक्सपोज:क्या शंकराचार्य पर हुआ लाठीचार्ज ? नहीं, 9 साल पुराना वीडियो भ्रामक दावे के साथ वायरल
ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस दावे से जुड़े ट्वीट्स कई यूजर्स कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी से जुड़े X यूजर डॉक्टर विजेंद्र सिंह सिद्धू ने इस वायरल वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा- शंकराचार्य जी पर लाठी चार्ज करवाना बहुत ही शर्मनाक है इसकी जितनी निन्दा की जाए वो कम है ! कम से कम पदवी का ख्याल रख लेते। (अर्काइव ट्वीट) देखें ट्वीट : एक अन्य X यूजर रितेश सिंह ने वायरल वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा - सनातन धर्म का ध्वज लिए शंकराचार्य जी पर इस कदर लाठीचार्ज।घोर निंदनीय कर्म है ये। हिन्दू रक्षा के नाम पर राजनीति करनेवालों के मुंह में दही जम गया है क्या। (अर्काइव ट्वीट) देखें ट्वीट: वहीं, श्रवण कुमार पासवान नामक यूजर ने लिखा - अमृतकाल में, मोदी, योगी के खिलाफ शंकराचार्य को बोलना महंगा पड़ गया। शंकराचार्य पर लट्ठ का प्रहार (लाठीचार्ज)। (अर्काइव ट्वीट) देखें ट्वीट: क्या है वायरल वीडियो का सच ? शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती पर पुलिस यदि ऐसी कोई कार्रवाई करती तो यह एक बड़ी खबर होती। जांच के दौरान हमें ऐसी कोई क्रेडिबल मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली जिसमें बताया गया हो कि शंकराचार्य पर लाठीचार्ज हुआ है। हालांकि, गूगल पर सर्च के दौरान हमें वायरल वीडियो से संबंधित कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं। इन रिपोर्ट्स से पता चला कि यह अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती पर लाठीचार्ज आज से 9 साल पहले सितंबर 2015 में हुआ था। आज तक ने 23 सितंबर 2015 को एक वीडियो रिपोर्ट के माध्यम से इस पूरे घटनाक्रम को कवर किया था। रिपोर्ट में बताया गया था कि वाराणसी में मूर्ति विसर्जन को लेकर पुलिस और साधुओं के बीच झड़प हुई थी। दरअसल, हाईकोर्ट के एक आदेश के तहत पुलिस विसर्जन की इजाजत नहीं दे रही थी। वहीं, साधु अड़े रहे लिहाजा पुलिस को लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा। देखें वीडियो: 2015 में उत्तर-प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे। पड़ताल के दौरान हमें अमर उजाला का एक आर्टिकल मिला। 12 अप्रैल 2021 के इस आर्टिकल में बताया गया था कि 2015 के लाठी चार्ज मामले के बाद अखिलेश ने जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज और स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से हरिद्वार पहुंचकर माफी मांगी थी। (अर्काइव लिंक) देखें स्क्रीनशॉट:
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