मणिपुर में जातीय हिंसा के बाद, इंटरनेट सेवा पर लगी पांबदी हटी।

मणिपुर में जातीय हिंसा के साढ़े चार महीने के बाद लोग मोबाइल फोन पर इंटरनेट सेवा का उपयोग कर सकेंगे। इस पर लगा प्रतिबंध 23 सितंबर दिन शनिवार को हटा लिया गया है।

मणिपुर में जातीय हिंसा के बाद, इंटरनेट सेवा पर लगी पांबदी हटी।
साढ़े चार महीने के बाद लोग मोबाइल फोन पर इंटरनेट सेवा का उपयोग कर सकेंगे।

इंफाल,मणिपुर - मणिपुर में जातीय हिंसा में साढ़े चार महीने के बाद लोग मोबाइल फोन पर इंटरनेट सेवा का उपयोग कर सकेंगे। इस पर लगा प्रतिबंध 23 सितंबर दिन शनिवार को हटा लिया गया है। मणिपुर में जातीय हिंसा को देखते हुए 3 मई को सेवा स्थगित कर दी गई थी। हालांकि,  जुलाई माह की शुरुआत में सशर्त ब्राडबैंड सेवा को बहाल कर दिया गया था।

सीएम एन बीरेन सिंह ने शनिवार को कहा कि, उनकी सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से अपील की है। भारत म्यांमार सीमा पर मुक्त आवागमन व्यवस्था को रद करते हुए, सीमा पर पूरी तरह से घेराबंदी की जाए। मुक्त आवागमन की व्यवस्था भारत-म्यांमार सीमा पर रहने वाले दोनों देशों के लोगों को बिना दस्तावेज के साथ 16 किमी तक एक दूसरे के क्षेत्र में आने जाने की अनुमति देता है।

भारत-म्यांमार सीमा के बीच मुक्त आवागमन व्यवस्था रद करने की अपील की

उन्होंने कहा कि, केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से मणिपुर में स्थित 60 किलोमीटर के अंतरराष्ट्रीय इलाके को घेरने के लिए कदम उठाया गया है। वर्तमान स्थिति के लिए पूर्ववर्ती सरकारों की ओर से बिना सोचे समझे लागू की गई योजनाएं जिम्मेदार हैं। उन्होंने दावा किया कि सुरक्षा बलों ने सीमा की ठीक से सुरक्षा नहीं की है। जीरो प्वाइंट पर तैनात होने के बजाय वे भारतीय क्षेत्र में 14 से 15 किमी सीमा के अंदर रखवाली करते पाए गए। मुख्यमंत्री ने लोगों से 15 दिनों के भीतर अवैध हथियार सरेंडर करने की भी अपील की।