भारत से टेंशन के बीच पाकिस्तान ने IMF से मांगी 11 हजार करोड़ की भीख, 9 मई को होगा फैसला

भारत के साथ जारी सीमा तनाव और कंगाली के दौर से गुजर रहे पाकिस्तान ने IMF से 11 हजार करोड़ रुपए की भीख मांगी है. जिसका फैसला 9 मई को लिया जाएगा. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था लंबे समय से चुनौतियों का सामना कर रही है. इसमें विदेशी कर्ज, बढ़ती महंगाई और कमजोर मुद्रा ने कंगला देश पाकिस्तान के आगे कई मुश्किलें खड़ी की हैं.

Apr 29, 2025 - 12:56
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भारत से टेंशन के बीच पाकिस्तान ने IMF से मांगी 11 हजार करोड़ की भीख, 9 मई को होगा फैसला
भारत से टेंशन के बीच पाकिस्तान ने IMF से मांगी 11 हजार करोड़ की भीख, 9 मई को होगा फैसला

भारत-पाकिस्तान के बीच पहलगाम आतंकी हमले के बाद तनाव चरम पर पहुंच गया है. भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े फैसले लिए हैं. चाहे वह सिंधु जल-संधि को रद्द करना हो या फिर पाकिस्तानियों का वीजा कैंसिल करना हो. इसके बाद पाकिस्तान की औकात सामने आ गई है. पूरी तरह से कंगाली के दौर से गुजर रहे पाकिस्तान ने IMF से 11 हजार करोड़ रुपए की भीख मांगी है. जिसका फैसला 9 मई को लिया जाएगा. चलिए आपो इसके बारे में और अधिक जानकारी देते हैं.

IMF से मांगी 11 हजार करोड़ की भीख

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के कार्यकारी बोर्ड की बैठक 9 मई को होने वाली है, जिसमें पाकिस्तान के साथ चल रहे 37 महीने के बेलआउट कार्यक्रम के तहत 1.3 अरब डॉलर के कर्मचारी स्तर के समझौते पर चर्चा की जाएगी. अगर आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड द्वारा इसे मंजूरी दे दी जाती है, तो पाकिस्तान को ईएफएफ के तहत लगभग 1 बिलियन डॉलर तक पहुंच प्राप्त हो जाएगी, जिससे कार्यक्रम के तहत कुल वितरण लगभग 2 बिलियन डॉलर हो जाएगा. इसके अलावा, विश्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए पाकिस्तान के आर्थिक विकास अनुमान को 3% से घटाकर 2.6% कर दिया है.

पाकिस्तान ने लगाया चीन के दरवाजे पर मदद की गुहार

भारत के साथ जारी सीमा तनाव और कंगाली के दौर से गुजर रहा पाकिस्तान ने एक बार फिर चीन के दरवाजे पर मदद की गुहार लगाने पहुंच गया है. यह हालात न केवल पाकिस्तान की कर्ज पर निर्भरता को उजागर करते हैं, बल्कि यह भी साफ करता है कि मौजूदा हालात में वो किसी भी बड़े टकराव को झेलने की स्थिति में नहीं है.

आर्थिक स्थिति लगातार गिरती जा रही है

बता दें, पाकिस्तान ने चीन से 10 बिलियन युआन ( लगभग 1.4 अरब डॉलर ) के लोन की मांग की है. इससे साफ पता चलता है कि पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति लगातार गिरती जा रही है. इससे पहले उसे चीन द्वारा दी गई 4.3 अरब डालर की व्यापार सुविधा की अवधि को हाल के दिनों में तीन साल के लिए बढ़ाई गई थी. जिसका पूरा इस्तेमाल पाकिस्तान पहले ही कर चुका है. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था लंबे समय से चुनौतियों का सामना कर रही है. इसमें विदेशी कर्ज, बढ़ती महंगाई और कमजोर मुद्रा ने कंगला देश पाकिस्तान के आगे कई मुश्किलें खड़ी की हैं. ऐसे में उसने अपने सहयोगी देश से वित्तीय मदद की मांग की है.

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