उत्तराखंड: अकेले उधम सिंह नगर जिले में ही चल रहे 129 अवैध मदरसे, प्रदेश में 2000 से अधिक अवैध मदरसों का अंदेशा

देहरादून: सीएम पुष्कर सिंह धामी के द्वारा अवैध मदरसों की जांच पड़ताल किए जाने के सख्त आदेशों का असर दिखलाई देने लगा है और जिलों से इनकी रिपोर्ट शासन तक आने लगी है। अकेले उधम सिंह नगर जिले में ही 129 अवैध मदरसे संज्ञान में आए हैं। खुफिया विभाग की एक सूचना मिलने पर कि […]

Jan 7, 2025 - 16:57
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उत्तराखंड: अकेले उधम सिंह नगर जिले में ही चल रहे 129 अवैध मदरसे, प्रदेश में 2000 से अधिक अवैध मदरसों का अंदेशा

देहरादून: सीएम पुष्कर सिंह धामी के द्वारा अवैध मदरसों की जांच पड़ताल किए जाने के सख्त आदेशों का असर दिखलाई देने लगा है और जिलों से इनकी रिपोर्ट शासन तक आने लगी है। अकेले उधम सिंह नगर जिले में ही 129 अवैध मदरसे संज्ञान में आए हैं।

खुफिया विभाग की एक सूचना मिलने पर कि यूपी में योगी सरकार की मदरसों के खिलाफ की गई सख्ती के कारण सैकड़ों की संख्या में मौलवियों और मदरसा संचालकों ने उत्तराखंड के सीमावर्ती जिलों का रुख कर लिया है। जिसके बाद सीएम धामी ने सभी जिला अधिकारियों को मदरसों की जांच पड़ताल करने के निर्देश मुख्य सचिव के मार्फत जारी किए थे, इस प्रकरण में डीजीपी उत्तराखंड को भी रिपोर्ट देने को कहा है ताकि क्रॉस चेक किया जा सके। उत्तराखंड में 415 मदरसे पंजीकृत हैं, जिनमे 46 हजार बच्चे पढ़ने के आंकड़े मदरसा बोर्ड के पास हैं। अवैध मदरसों का कोई आंकड़ा बोर्ड के पास नहीं है या वो जानबूझ कर अंजान बन रहा है।

जिला अधिकारियों द्वारा कराई जा रही पंजीकृत मदरसों की जांच में सरकार द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार पढ़ाई नहीं कराए जाने के मामले भी संज्ञान में आ रहे हैं। इन मदरसों को सरकार द्वारा वित्तीय सहायता भी इसी आधार पर दी जाती है कि वो शिक्षा के राष्ट्रीय पाठ्यक्रम के अनुसार बच्चों को विज्ञान, हिंदी, अंग्रेजी गणित आदि विषयों की तालीम दिया जाना जरूरी है। उत्तराखंड मदरसा बोर्ड तो पंजीकृत मदरसों में संस्कृत की शिक्षा और गीता, वेद श्लोक पढ़ाए जाने का दावा करता है, लेकिन ऐसा कहीं भी धरातल में होता दिखाई नहीं दे रहा है।

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उधम सिंह नगर जिले के एडीएम पंकज उपाध्याय ने बताया कि उनके क्षेत्र में 129 अवैध मदरसे चिन्हित किए गए हैं और उनकी रिपोर्ट शासन को प्रेषित कर दी गई है। ऐसी जानकारी है कि उत्तराखंड में करीब 2 हजार अवैध मदरसे चल रहे हैं, इनमें बंगाल, बिहार, झारखंड यूपी के बच्चे रह रहे हैं, जो कि कल उत्तराखंड के मूल निवासी बन जायेंगे ऐसा अंदेशा खुफिया विभाग ने जताया है। बाहरी राज्यों के बच्चे यहां क्यों पढ़ रहे हैं ? उनके लिए फंडिंग कौन कर रहा है? कहां से किन खातों से ये पैसा आ रहा है? ये सवाल उत्तराखंड सरकार के लिए जानना जरूरी है।

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क्या बंद होंगे अवैध मदरसे?

उत्तराखंड की धामी सरकार अवैध रूप से संचालित होने वाले मदरसों के बारे में क्या निर्णय लेती है ? इस बारे में कहना अभी जल्दबाजी होगी, ऐसा बताया जा रहा है कि इन मदरसों को फिलहाल सील किया जा सकता है।

 

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