उत्तराखंड: काशीपुर में बनाई जा रही आलीशान मजार को नगर प्रशासन ने थमाया नोटिस, मांगे भूमि दस्तावेज और निर्माण अनुमति

काशीपुर: उधम सिंह नगर जिले में काशीपुर में बनाई जा रही अवैध मजारों की खबर पाञ्चजन्य में प्रकाशित होने के बाद उधम सिंह नगर जिला विकास प्राधिकरण ने नोटिस जारी करते हुए भुल्लन शाह मजार के खादिम को दो दिन में जवाब देने को कहा है। नोटिस में लिखा गया है कि मजार को बिना […]

Jan 7, 2025 - 16:57
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उत्तराखंड: काशीपुर में बनाई जा रही आलीशान मजार को नगर प्रशासन ने थमाया नोटिस, मांगे भूमि दस्तावेज और निर्माण अनुमति
Kashipur Mazar Incident

काशीपुर: उधम सिंह नगर जिले में काशीपुर में बनाई जा रही अवैध मजारों की खबर पाञ्चजन्य में प्रकाशित होने के बाद उधम सिंह नगर जिला विकास प्राधिकरण ने नोटिस जारी करते हुए भुल्लन शाह मजार के खादिम को दो दिन में जवाब देने को कहा है।

नोटिस में लिखा गया है कि मजार को बिना सरकारी अनुमति के प्रथम और द्वितीय तल में बनाया गया है। उल्लेखनीय है कि काशीपुर पौराणिक शहर है, जहां पुरातत्व विभाग द्वारा कई महत्वपूर्ण मंदिरों और अन्य स्थानों को ऐतिहासिक धार्मिक धरोहरों में सूचीबद्ध किया गया है। इस सनातन नगरी में तीस से अधिक अवैध मजारें संज्ञान में आई हैं, जिनमें अधिकांश सरकारी भूमि पर कब्जे करने की नीयत से बनाई गई हैं।

कुछ मजारें तो निजी भूमि पर भी बना दी गई और उनके भू स्वामी इन्हें लेकर खासे परेशान बताए जाते हैं। काशीपुर जो कि मोटेश्वर महादेव जैसे प्रसिद्ध शिवालय मंदिर नगरी, चैती मंदिर, मनसा देवी मंदिर, नाग शक्ति मंदिर, द्रोणसागर, गिरिताल जैसे सनातन आस्था के केंद्र काशीपुर में इन दिनों बड़ी बड़ी मजारों का निर्माण का काम चल रहा है, खास बात ये कि ये एक ही नाम की कई फ्रेंचाइजी मजारें सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करके बनाई गई हैं और प्रशासन इस ओर आंखे मूंदे बैठा हुआ है। जानकारी के अनुसार, हाल ही में कटोराताल क्षेत्र में एक स्कूल के पास एक मजार को आलीशान रूप दिया का रहा है। जबकि सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है कि किसी भी धार्मिक स्थल पर बिना डीएम की संस्तुति के कोई नव निर्माण नहीं किया जा सकता। इस मामले में हाईकोर्ट को निगरानी के लिए अधिकृत किया गया है और उनके द्वारा हर जिले में डीएम को नोडल अधिकारी बनाया गया है।

एक दो नहीं 30 अवैध मजारें

काशीपुर शहर और ग्रामीण क्षेत्र में एक दो नहीं करीब तीस मजारें अवैध रूप से बना दी गई और इनमें से कुछ तो लोगों की निजी जमीन पर कब्जे करने की नीयत से भी बनाई गई हैं। जानकार बताते हैं कि इतने फकीर तो काशीपुर में कभी देखे सुने भी गए जो यहां दफना दिए गए होंगे। हकीकत ये है कि इन मजारों के अंदर कुछ भी नहीं है। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में धामी सरकार ने 5 सौ से अधिक अवैध मजारों को ध्वस्त किया है और इनमें कोई किसी भी प्रकार का अवशेष नहीं मिला।
जानकार बताते हैं कि इन मजारों में मुस्लिम सजदा नहीं करते बल्कि हिंदू अंधविश्वासी जाते हैं और ये एक बिजनेस करने का अड्डा है जहाँ मुस्लिम खादिम बैठकर हिंदुओं को झाड़फूंक कर पैसा कमाते हैं।

बहरहाल काशीपुर में अचानक से आलीशान मजारों के बनने के पीछे क्या रहस्य है। कौन इन्हें फंडिंग कर रहा है ? किसकी अनुमति से ये बनाई जा रही है ये सवाल अब उधम सिंह नगर प्रशासन के सम्मुख था। जिसे संज्ञान लेते हुए जिला विकास प्राधिकरण ने नोटिस जारी किया है। जानकारी के अनुसार, प्रशासन अभी और भी मजारों की जांच कर रहा है कि उनका भू स्वामित्व क्या है? यदि सरकारी भूमि पर बनाई गई है तो उन्हें हटाया जाएगा।

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