Lyrid Meteor Shower 2025: अप्रैल में इस दिन बरसेंगीं उल्काएं! 2700 साल पुरानी उल्का 17 अप्रैल से शुरू हो जाएगी और 26

अप्रैल में अंतरिक्ष एक अद्भुत नजारे का साक्षी बनने जा रहा है। आसमान से रात के अंधेरे में उल्काओं की बारिश होगी। इसे लिरिड मीटिओर शॉवर (Lyrid Meteor Shower) के नाम से जाना जाता है। पहली बार इस उल्का बारिश को हजारों साल पहले देखा गया था। अब यह अप्रैल के अंत में फिर से दिखाई देने वाली है। यह उल्का बारिश 17 अप्रैल से शुरू हो जाएगी और 26 अप्रैल तक चलेगी

Apr 14, 2025 - 04:51
Apr 24, 2025 - 05:38
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Lyrid Meteor Shower 2025: अप्रैल में इस दिन बरसेंगीं उल्काएं! 2700 साल पुरानी उल्का  17 अप्रैल से शुरू हो जाएगी और 26
अप्रैल के अंत में आसमान में दिखेगा अद्भुत नजारा, होगी लिरिड उल्का वर्षा

अप्रैल में अंतरिक्ष एक अद्भुत नजारे का साक्षी बनने जा रहा है। आसमान से रात के अंधेरे में उल्काओं की बारिश होगी। इसे लिरिड मीटिओर शॉवर (Lyrid Meteor Shower) के नाम से जाना जाता है। पहली बार इस उल्का बारिश को हजारों साल पहले देखा गया था। अब यह अप्रैल के अंत में फिर से दिखाई देने वाली है। यह उल्का बारिश 17 अप्रैल से शुरू हो जाएगी और 26 अप्रैल तक चलेगी

अप्रैल के अंत में आसमान में दिखेगा अद्भुत नजारा, होगी लिरिड उल्का वर्षा

नई दिल्ली। अप्रैल का महीना अंतरिक्ष प्रेमियों के लिए खास रहने वाला है। इस महीने के अंत में आकाश में एक बेहद दुर्लभ और अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा, जिसे लिरिड मीटिओर शॉवर (Lyrid Meteor Shower) के नाम से जाना जाता है। यह उल्का वर्षा हर साल अप्रैल में होती है, लेकिन इस बार यह 17 अप्रैल से शुरू होकर 26 अप्रैल तक चलेगी।

लिरिड उल्का वर्षा को पहली बार हजारों साल पहले देखा गया था। यह अंतरिक्षीय घटना तब होती है जब पृथ्वी, धूमकेतु थैचर (Comet C/1861 G1 Thatcher) द्वारा छोड़े गए मलबे के रास्ते से गुजरती है। इस दौरान उल्काएं पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करती हैं और जलते हुए आसमान में चमकदार रेखाएं बनाती हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार, 22-23 अप्रैल की रात इस उल्का वर्षा की चरम स्थिति होगी, जब हर घंटे लगभग 10 से 20 उल्काएं देखी जा सकती हैं। यदि आसमान साफ़ हो और प्रकाश प्रदूषण न हो, तो यह नजारा नंगी आंखों से भी स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।

भारत सहित उत्तरी गोलार्ध के कई हिस्सों में यह उल्का वर्षा देखी जा सकती है। इसे देखने के लिए किसी विशेष उपकरण की आवश्यकता नहीं है। बस एक साफ और अंधेरा स्थान चुनें, जहां से रात का आकाश अच्छी तरह दिखे।

अंतरिक्ष विज्ञानियों और खगोल प्रेमियों के लिए यह घटना एक सुनहरा अवसर है, जो न केवल विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाएगी, बल्कि ब्रह्मांड की सुंदरता का भी एहसास कराएगी।

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