बानू मुश्ताक को 'हार्ट लैंप' के लिए बुकर पुरस्कार

बानू मुश्ताक को 'हार्ट लैंप' के लिए बुकर पुरस्कार, Banu Mushtaq wins Booker Prize for Heart Lamp, कन्नड़ जीवनशैली से मिलवाती है पुस्तक,

May 22, 2025 - 06:16
May 22, 2025 - 06:17
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बानू मुश्ताक को 'हार्ट लैंप' के लिए बुकर पुरस्कार
बानू मुश्ताक को 'हार्ट लैंप' के लिए बुकर पुरस्कार

बानू मुश्ताक को 'हार्ट लैंप' के लिए बुकर पुरस्कार

गौरव कन्नड़ भाषा के पहले कहानी संग्रह को मिला अंतरराष्ट्रीय सम्मान, दीपा भास्थी ने पुस्तक का किया अंग्रेजी अनुवाद दीपा भास्थी को भी अंग्रेजी भाषा में अनुवाद के लिए मिला है ये पुरस्कार भारतीय लेखिका, अधिवक्ता और महिला कार्यकर्ता बानू मुश्ताक ने 2025 में अपनी कहानी संग्रह 'हार्ट लैंप' के लिए अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतकर इतिहास रच दिया। उन्हें पुरस्कार स्वरूप स्मृतिचिन्ह के साथ ही 50 हजार पाउंड की धनराशि दी गई है। यह लंदन में मंगलवार को सम्मानित होने वाली पहली कन्नड़ कहानी संग्रह है।

 
मूलतः कन्नड़ में लिखी गई 'हार्ट लैंप यानी हृदय दीप' का दीपा भास्थी ने अंग्रेजी में अनुवाद किया। उन्हें भी लेखक मुश्ताक के साथ अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। बुकर पुरस्कार की वेबसाइट के अनुसार, 'हार्ट लैंप' में 12 लघु कहानियों का संग्रह है, जो दक्षिण भारत के पितृसत्तात्मक समुदायों में महिलाओं और लड़कियों के दैनिक जीवन को दर्शाता है। इसका ही दीपा भास्थी ने अंग्रेदी में अनुवादग दिया। यह संग्रह 1990 से 2023 के बीच लिखी गई 12 कहानियों का समावेश करता है। मुश्ताक छह लघु कहानी संग्रहों, एक उपन्यास, एक निबंध संग्रह और एक कविता संग्रह की लेखिका हैं।

कन्नड़ भाषा में विशेषज्ञता रखने वाली लेखिका बानू ने अपने साहित्यिक कार्यों के लिए कर्नाटक साहित्य अकादमी और दाना चिंतामणि अत्तिमब्बे पुरस्कार जैसे प्रमुख पुरस्कार जीते हैं। मुश्ताक अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाली दूसरी भारतीय लेखिका बन गईं, जिनकी पुस्तक किसी भारतीय भाषा से अंग्रेजी में अनुवादित है जबकि 'हार्ट लैंप' कन्नड़ से अनुवादित पहली विजेता पुस्तक है। उनसे पहले 2022 में गीतांजलि श्री ने टॉब आफ सैंड उपन्यास के लिए बुकर पुरस्कार जीता था, जो हिंदी से अंग्रेजी में अनुवाद किया गया था।


'हार्ट लैंप' का कन्नड़ से अंग्रेजी में अनुवाद करने वाली कर्नाटक के कोडागु की लेखिका और साहित्यिक अनुवादक दीपा भास्थी ने अंग्रेजी में कई पुस्तकों के अनुवाद किए हैं जिनमें कोटा शिवराम कर्णाथ का एक उपन्यास और कोडागिना गौराम्मा की लघु कहानियों का संग्रह शामिल है। दीपा भास्थी कहती हैं, "मैं चाहती हूं कि वह लंबे समय तक लिखती रहें और कन्नड़ की महक को दुनिया में फैलाती रहें।


कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने बुधवार को मुश्ताक को अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार 2025 जीतने पर बधाई दी। सिद्दरमैया ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, "कन्नड़ की शान, लेखिका बानू मुश्ताक को अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार मिलने पर दिल से बधाई।

कन्नड़ जीवनशैली से मिलवाती है पुस्तक
12 लघु कथाओं का संग्रह हार्ट लैंप दक्षिण भारत के पितृसत्तात्मक समुदायों में महिलाओं और लड़कियों के रोजमर्रा के जीवन के बारे में बताती है। मूल रूप से 1990 और 2023 के बीच कन्नड़ भाषा में प्रकाशित, बानू मुश्ताक की पुस्तक महिलाओं के जीवन, प्रजनन अधिकारों, आस्था, जाति, शक्ति और उत्पीड़न की बात करती है। लेखन की बात करें तो मुश्ताक ने मार्मिकता के साथ अंदाज को जीवंत और मजाकिया रखा है। उनके पात्रों में शानदार बच्चे, दुस्साहसी दादी, विदूषक मौलवी है। अपनी कहानियों के बारे में मुश्ताक कहती है कि मैंने इसके लिए कोई अध्ययन नहीं किया है बल्कि मेरा हृदय ही मेरा अध्ययन का क्षेत्र है। वहीं निर्णायकों ने कहा कि इस किताब की कहानियां सत्ता के सामने सच बोलती हैं। इस किताब में अंग्रेजी पाठकों के लिए काफी कुछ नया है जो कन्नड़ भाषा बोलने वालों की जटिल जीवनशैली से भी मिलवाता है।

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