क्या ब्रह्मपुत्र नदी का पानी रोक भारत से बदला लेगा चीन? एक्सपर्ट ने दी भारत को राहत की खबर

पाकिस्तान के सिंधु जल संधि पर भारत की कार्रवाई के बाद अब चीन के ब्रह्मपुत्र नदी पर जवाबी कदम की आशंका जताई जा रही है, लेकिन विशेषज्ञों ने भारत को राहत दी है।

May 5, 2025 - 19:11
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क्या ब्रह्मपुत्र नदी का पानी रोक भारत से बदला लेगा चीन? एक्सपर्ट ने दी भारत को राहत की खबर

क्या ब्रह्मपुत्र नदी का पानी रोक भारत से बदला लेगा चीन? एक्सपर्ट ने दी भारत को राहत की खबर

बीजिंग:भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने के फैसले से पाकिस्तान में हड़कंप मचा हुआ है। आतंकी हमलों और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के तहत भारत ने यह बड़ा फैसला लिया। इस बीच पाकिस्तान ने अब चीन का डर दिखाकर भारत को चेतावनी देने की कोशिश की है। पाकिस्तानी विशेषज्ञों और मीडिया का दावा है कि अगर भारत सिंधु नदी का पानी रोक सकता है, तो चीन भी ब्रह्मपुत्र नदी का पानी रोककर भारत को सबक सिखा सकता है।

लेकिन क्या वाकई चीन ऐसा कर सकता है? और अगर करे, तो क्या इसका भारत पर गंभीर असर पड़ेगा?


चीन ब्रह्मपुत्र को हथियार बनाएगा?

पाकिस्तान समर्थक विश्लेषकों का कहना है कि चीन ब्रह्मपुत्र नदी को भारत के खिलाफ 'पानी के हथियार' की तरह इस्तेमाल कर सकता है, जैसा भारत ने सिंधु नदी के जल प्रवाह को लेकर पाकिस्तान के साथ किया। लेकिन इस पर रक्षा विशेषज्ञ नितिन गोखले का कहना है कि यह आशंका ज्यादा तर्कसंगत नहीं है।

उन्होंने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर लिखा, "ब्रह्मपुत्र नदी को लेकर भारत और चीन के बीच कोई सिंधु जैसा जल समझौता नहीं है, जिसे चीन उल्लंघन कर सके।"


ब्रह्मपुत्र की सच्चाई क्या है?

ब्रह्मपुत्र नदी तिब्बत से निकलती है, जिसे वहां यारलुंग त्सांगपो कहा जाता है। नदी का करीब 30% पानी तिब्बत से आता है, जबकि शेष 70% बारिश (मानसून) से भारत के भीतर जुड़ता है। इसका अर्थ यह है कि यदि चीन ऊपरी तिब्बत में बांध बनाकर कुछ जल रोके भी, तो भी भारत पर उसका प्रभाव सीमित रहेगा।

नितिन गोखले का यह भी कहना है कि “चीन पहले से ही नदी पर बांध बना चुका है। भारत को नुकसान पहुंचाने के लिए उसे नए हथियार की ज़रूरत नहीं है।”


भारत के लिए क्यों नहीं है बड़ा खतरा?

  • कोई जल संधि नहीं: ब्रह्मपुत्र को लेकर भारत और चीन के बीच पाकिस्तान की तरह कोई औपचारिक जल समझौता नहीं है। ऐसे में 'उल्लंघन' जैसा कोई मामला नहीं बनता।

  • सूचना साझेदारी तंत्र: दोनों देशों के बीच एक तंत्र है, जिसके तहत मानसून के समय चीन नदी के बहाव और जलस्तर की जानकारी भारत को देता है।

  • आतंकवाद नहीं, कूटनीति: भारत ने कभी चीन के खिलाफ पाकिस्तान जैसी आतंकी गतिविधियों को समर्थन नहीं दिया है, जिससे चीन को वैसी जवाबी कार्रवाई की प्रेरणा नहीं मिलती।

  • पर्यावरण और भूगोल भी बाधा: तिब्बत में ब्रह्मपुत्र का प्रवाह बेहद तेज है, और वहां बांध बनाकर बड़े पैमाने पर पानी रोकना भौगोलिक और पर्यावरणीय दृष्टि से बेहद कठिन है।


पाकिस्तान की तुलना क्यों नहीं सही?

भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 से सिंधु जल संधि है, जिसके तहत भारत पाकिस्तान को सतलुज, ब्यास और रावी नदियों का जल छोड़ता रहा है। आतंकवाद को लेकर भारत ने अब इसे रोके जाने का निर्णय लिया है। लेकिन चीन के साथ न तो ऐसा कोई समझौता है और न ही भारत की ओर से कोई वैसा उकसाव।

यही कारण है कि चीन के ब्रह्मपुत्र रोकने की आशंका राजनीतिक कल्पना से ज्यादा कुछ नहीं लगती।


पाकिस्तान की बौखलाहट और चीन की आड़ लेकर भारत को डराने की कोशिशें फिलहाल तथ्यहीन और भावनात्मक बयानबाजी से अधिक नहीं हैं। भारत को ब्रह्मपुत्र के पानी को लेकर चीन से फिलहाल कोई बड़ा खतरा नहीं है। एक्सपर्ट्स की राय और भूगोलिक तथ्यों के अनुसार, चीन की ओर से ब्रह्मपुत्र को 'हथियार' बनाना न तो व्यावहारिक है और न ही तत्काल संभव।



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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,