अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता पर ईरान का बड़ा बयान: "हम आज भी अपने रुख पर कायम हैं", वार्ता का चौथा दौर टला

ईरान ने कहा है कि वह अमेरिका के साथ परमाणु मुद्दे पर कूटनीति के लिए प्रतिबद्ध है और अपने रुख से पीछे नहीं हटेगा। वार्ता का चौथा दौर टलने के बावजूद तेहरान शांतिपूर्ण समाधान का पक्षधर है। ईरान", "अमेरिका", "परमाणु मुद्दा", "कूटनीति

May 5, 2025 - 19:05
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अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता पर ईरान का बड़ा बयान: "हम आज भी अपने रुख पर कायम हैं", वार्ता का चौथा दौर टला

अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता पर ईरान का बड़ा बयान: "हम आज भी अपने रुख पर कायम हैं", वार्ता का चौथा दौर टला


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तेहरान/रोम। ईरान ने अमेरिका के साथ जारी परमाणु मुद्दे पर वार्ता को लेकर बड़ा बयान दिया है। ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बगई ने सोमवार को स्पष्ट किया कि उनका देश कूटनीति के रास्ते पर चलने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और परमाणु वार्ता को लेकर अपने पहले के रुख पर कायम है। उन्होंने कहा कि ईरान अब भी अमेरिका सहित अन्य पश्चिमी देशों से बातचीत के लिए तैयार है, बशर्ते वार्ता गंभीरता और ईमानदारी के साथ हो।

ईरान और अमेरिका के बीच 3 मई को रोम में होने वाली चौथे दौर की परमाणु वार्ता को टाल दिया गया था। इस घटनाक्रम के बाद दोनों देशों के बीच चल रही बातचीत पर सवाल उठने लगे। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बगई ने कहा कि वार्ता को 'जरूरी कारणों' से स्थगित किया गया है और यह कोई नकारात्मक संकेत नहीं है।

बातचीत के लिए तैयार, लेकिन शर्तें साफ:
इस्माइल बगई ने स्पष्ट किया कि अमेरिका यदि वाकई परमाणु मुद्दे पर गंभीरता दिखाता है, तो कई जटिल मुद्दों को शांतिपूर्ण तरीके से हल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ईरान न केवल अमेरिका, बल्कि ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के साथ भी सकारात्मक संवाद के लिए तैयार है।

ईरान ने यह भी स्पष्ट किया कि उसका यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम केवल शांतिपूर्ण और घरेलू विकास के उद्देश्यों के लिए है। बगई ने कहा कि अमेरिका के कुछ अधिकारियों के विरोधाभासी बयानों से समस्या के समाधान में कठिनाई आ रही है, लेकिन तेहरान अपने सिद्धांतों से पीछे नहीं हटेगा।

ओमान निभा रहा मध्यस्थ की भूमिका:
ईरान के मुताबिक, वह ओमान द्वारा प्रस्तावित बातचीत के अगले दौर की प्रतीक्षा कर रहा है। ओमान इस वार्ता में अमेरिका और ईरान के बीच मध्यस्थता कर रहा है। इस बात से भी यह स्पष्ट होता है कि ईरान बातचीत के लिए लचीला रवैया अपनाए हुए है।

अमेरिकी दबाव और ट्रंप की धमकी:
वहीं अमेरिका की ओर से लगातार दबाव बनाया जा रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने सुझाव दिया है कि ईरान को यूरेनियम का आयात करना चाहिए और घरेलू स्तर पर उसका संवर्धन बंद कर देना चाहिए। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तो यहां तक कह दिया कि यदि ईरान ने परमाणु कार्यक्रम पर समझौता नहीं किया, तो सैन्य कार्रवाई की जाएगी।

ईरान का जवाब - "परमाणु कार्यक्रम सिर्फ शांति के लिए":
ईरान ने साफ किया है कि उसका परमाणु कार्यक्रम किसी भी तरह से सैन्य उद्देश्यों के लिए नहीं है। यह केवल चिकित्सा, ऊर्जा और वैज्ञानिक अनुसंधान जैसी शांतिपूर्ण गतिविधियों के लिए है।


ईरान ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि वह बातचीत और कूटनीति का समर्थक है और अमेरिका के साथ संवाद के लिए दरवाजे खुले हैं। हालांकि, परमाणु अधिकारों को लेकर उसका रुख स्पष्ट और दृढ़ बना हुआ है। अब देखना यह होगा कि क्या अमेरिका गंभीरता दिखाते हुए बातचीत को आगे बढ़ाएगा या फिर एक बार फिर यह मुद्दा तनाव की दिशा में बढ़ेगा।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,