हाई कोर्ट से रिटायर हुए जज, कहा-आरएसएस में लौटना चाहता हूं

आरएसएस से जुड़े होने के बावजूद उन्होंने पद पर रहते हुए किसी भी तरह का पक्षपातपूर्ण फैसला नहीं किया। न्यायाधीश के आसन पर बैठकर मैंने सभी को समान दृष्टि से देखा।

May 21, 2024 - 13:44
May 24, 2024 - 19:55
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हाई कोर्ट से रिटायर हुए जज, कहा-आरएसएस में लौटना चाहता हूं

 हाई कोर्ट से रिटायर हुए जज, कहा-आरएसएस में लौटना चाहता हूं

कोलकाता : कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश चितरंजन दास ने सोमवार को अपने विदाई भाषण में कहा कि उनमें खुद को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सदस्य के रूप में पहचाने जाने का साहस है। जस्टिस दास ने यह भी स्पष्ट किया कि वह सेवानिवृत्ति के बाद संघ परिवार में लौट आएंगे।

'मैं RSS में लौटने के लिए तैयार हूं,

जस्टिस दास ने कहा कि आरएसएस से जुड़े होने के बावजूद उन्होंने पद पर रहते हुए किसी भी तरह का पक्षपातपूर्ण फैसला नहीं किया। न्यायाधीश के आसन पर बैठकर मैंने सभी को समान दृष्टि से देखा। मेरे मन में माकपा, भाजपा, कांग्रेस और तृणमूल के प्रति कोई पूर्वाग्रह नहीं है। समारोह में जस्टिस दास ने कहा कि मुझे अपना सच उजागर करना चाहिए। 

 

मैं एक संस्था का बहुत आभारी हूं। मैं बचपन से जवानी तक वहीं रहा। यहां मुझे यह स्वीकार करना होगा कि मैं आरएसएस का सदस्य हूं। ओडिशा निवासी निवर्तमान जज ने कहा कि इस काम (जज) के लिए मैंने पिछले 37 वर्षों से खुद को उस संगठन से दूर रखा है। मैंने अपने करियर में कभी भी

संघ की सदस्यता का उपयोग किसी लाभ के लिए नहीं किया है। यह उस संस्था की नीति के विरुद्ध है।

न्यायाधीश चितरंजन दास ने हाल ही में अपने विदाई भाषण में कहा कि वह पहले आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के सदस्य रह चुके हैं और अब सेवानिवृत्त होने के बाद संगठन में वापस लौटने की इच्छा रखते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आरएसएस के साथ उनका जुड़ाव हमेशा से मजबूत रहा है और वह संगठन के सिद्धांतों और कार्यों का समर्थन करते हैं

सभी के प्रति समान व्यवहार

अपने विदाई भाषण में, जस्टिस दास ने कहा कि उन्होंने सभी को समान माना है, चाहे वे अमीर हों, गरीब हों, कम्युनिस्ट हों या भाजपा, कांग्रेस या तृणमूल से जुड़े हों। उन्होंने कहा, “मेरे सामने सभी बराबर थे।”

मैंने अपने करियर की किसी भी उन्नति के लिए अपनी (आरएसएस) सदस्यता का कभी भी उपयोग नहीं किया, जो मेरे संगठन के सिद्धांतों के खिलाफ है। मुझमे यह कहने का साहस था कि मैं संगठन (आरएसएस) से जुड़ा हुआ हूं, क्योंकि यह गलत नहीं है। अगर मैं अच्छा इंसान हूं तो मैं किसी बुरे संगठन से नहीं जुड़ सकता।”

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,