देवी सरस्वती की प्रतिमा पर विवाद:छात्रों ने बिना साड़ी वाली मूर्ति लगाई ABVP-बजरंग दल ने अश्लीलता फैलाने का आरोप लगाया

त्रिपुरा के अगरतला में बुधवार (14 फरवरी) को वसंत पंचमी के मौके पर बिना साड़ी वाली देवी सरस्वती की प्रतिमा को लेकर काफी विवाद

Feb 15, 2024 - 22:15
Mar 24, 2024 - 11:18
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देवी सरस्वती की प्रतिमा पर विवाद:छात्रों ने बिना साड़ी वाली मूर्ति लगाई ABVP-बजरंग दल ने अश्लीलता फैलाने का आरोप लगाया

"त्रिपुरा के कॉलेज में देवी सरस्वती की प्रतिमा पर विवाद: अश्लीलता और धार्मिक

भावनाओं के बीच संघर्ष"

त्रिपुरा के कॉलेज में देवी सरस्वती की प्रतिमा पर हुए विवाद के बारे में जानकारी मिली है। इस विवाद का कारण यह था कि छात्रों ने देवी सरस्वती की मूर्ति बनाई, जिसमें उन्होंने साड़ी नहीं पहनाई थी। इसके बाद ABVP और बजरंग दल ने मूर्ति को अश्लील बताते हुए विरोध प्रदर्शन किया।

  1. विवाद का उत्पन्न होना: त्रिपुरा के गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ आर्ट एंड क्राफ्ट में देवी सरस्वती की मूर्ति पर छात्रों के बीना साड़ी बनाई जाने वाले विवाद से मामला उत्पन्न हुआ है।

  2. ABVP और बजरंग दल का प्रतिष्ठान्तर: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने मूर्ति को अश्लील बताते हुए विरोध प्रदर्शन किया, जबकि बजरंग दल ने भी इसमें शामिल होकर अश्लीलता फैलाने का आरोप लगाया।

  3. कॉलेज प्रशासन की कड़ी कार्रवाई: कॉलेज प्रशासन ने विवादित प्रतिमा को साड़ी पहनाने के बाद बदला और विवाद को शांति से सुलझाने के लिए कड़ी कार्रवाई की।

  4. पुलिस की हस्तक्षेप: पुलिस ने घटना की जाँच करने के लिए कॉलेज पहुंची है, लेकिन अब तक कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है।

  5. धार्मिक भावनाओं के खिलाफ घटित घटनाएं: यह विवाद एक और सिरिज़ है जो धार्मिक भावनाओं के खिलाफ घटित हो रहीं हैं, जो समाज में विवाद और तनाव की स्थिति पैदा कर रही हैं।

ABVP के अनुसार, देवी की ऐसी प्रतिमा भारतीय संस्कृति और धार्मिक भावनाओं के खिलाफ थी। इसके बाद कॉलेज अथॉरिटी ने मूर्ति को साड़ी पहना दिया।

ABVP के सदस्यों ने मुख्यमंत्री से कॉलेज अथॉरिटी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है, और इस पर बजरंग दल भी समर्थन दिखाते हुए प्रदर्शन में शामिल हुए।

कॉलेज प्रशासन ने इस घटना को लेकर स्पष्टीकरण दिया, कहते हुए कि विवादित प्रतिमा को पहले गलतफहमी से बनाया गया था, और उसे बाद में साड़ी पहना दिया गया है। कॉलेज ने यह भी कहा कि उनका उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था।

इस घटना के बाद पुलिस ने स्थिति का जायजा लिया है, लेकिन अब तक कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है।

इसके साथ ही, पुणे की एक यूनिवर्सिटी में रामलीला के नाटक में हुए एक अन्य घटना के बारे में भी जानकारी मिली है, जिसमें सीता के किरदार निभाने वाले स्टूडेंट ने अभद्र भाषा और अश्लीलता का इस्तेमाल किया था। इसके परिणामस्वरूप यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और छात्रों को धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

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