संदेशखाली RSS का गढ़:यहां तनाव पैदा करने की भयानक साजिश हो रही

RSS का गढ़ बताया; पुलिस के साथ झड़प में भाजपा अध्यक्ष घायल

Feb 15, 2024 - 22:29
Feb 15, 2024 - 22:37
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बंगाल में संदेशखाली महिला यौन उत्पीड़न मामले पर ममता का बयान, RSS का गढ़ बताया; पुलिस के साथ झड़प में भाजपा अध्यक्ष घायल"

  1. ममता का रुख: बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संदेशखाली महिला यौन उत्पीड़न मामले पर रोषित होते हुए RSS को आरोप लगाया और बताया कि यहां तनाव पैदा करने की साजिश हो रही है।

  2. गुंडागर्दी का आरोप: ममता ने कहा कि संदेशखाली RSS का गढ़ है और वहां पहले भी दंगे हुए थे। उन्होंने बजरंग दल के आरोपों का खंडन करते हुए गुंडागर्दी की आशंका जताई।

  3. बजरंग दल और ABVP का रुख: ABVP और बजरंग दल ने महिला यौन उत्पीड़न मामले में अश्लीलता फैलाने का आरोप लगाया और प्रदर्शन किया। इसके परंतु ममता के आरोपों पर उन्होंने खंडन किया है।

  4. पुलिस का संज्ञान: महिला यौन उत्पीड़न मामले में पुलिस ने 17 लोगों को गिरफ्तार किया है और स्थिति को काबू में करने का प्रयास किया जा रहा है।

  5. भाजपा के अध्यक्ष की झड़प: बंगाल में भाजपा अध्यक्ष की पुलिस के साथ झड़प में घायल होने की खबरें आ रही हैं, जिससे राजनीतिक स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई है।

पश्चिम बंगाल के नॉर्थ 24 परगना जिले के संदेशखाली में हो रहे महिला यौन उत्पीड़न के मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बैठक में बताया कि यहां एक भयानक साजिश चल रही है और इसमें RSS का हाथ है। उन्होंने कहा कि संदेशखाली में तनाव पैदा करने की योजना बनाई जा रही है और उसने दोषियों को कभी बख्शा नहीं जाएगा।

ममता बनर्जी ने बताया कि संदेशखाली एक संवेदनशील स्थान है और 7-8 साल पहले भी यहां दंगे हुए थे। उन्होंने कहा, "मैंने कभी किसी के साथ अन्याय नहीं होने दिया है और न ही होने दूंगी। गलत काम में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।"

उन्होंने बताया कि अब तक 17 लोग गिरफ्तार किए गए हैं और राज्य महिला आयोग और पुलिस टीम को संदेशखाली भेजा गया है। महिला पुलिस की एक टीम घर-घर जाकर महिलाओं की शिकायतें सुन रही है और स्थिति को काबू करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

इसके अलावा, हिंसा की सीबीआई/एसआईटी जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। इस याचिका में पीड़ितों के लिए मुआवजा और पश्चिम बंगाल पुलिस के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने भी पीड़ित महिलाओं से बात की है और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष अरुण हलदर ने बताया कि उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संदेशखाली मामले पर रिपोर्ट सौंपने का निर्णय लिया है।

ममता बनर्जी के खिलाफ बोले अन्य नेताओं में से एक अंजू बाला ने कहा कि ममता बनर्जी खुद एक महिला मुख्यमंत्री हैं, लेकिन वे बहुत अधिक कुशल नहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी अपने नेताओं को बचाने की कोशिश कर रही है और उनका दिल में वास्तविक ममता नाम की चीज नहीं है।

इस दौरान, संदेशखाली में महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस के नेता शेख शाहजहां और उसके सहयोगियों पर भी यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। लोगों का दावा है कि शाहजहां ने जबरन लोगों की जमीन पर कब्जा भी कर रखा है और इसके चलते पिछले एक हफ्ते से विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं।

इस घटना के पीछे राजनीतिक रंग भी हैं, जिसे वेबसईट ने अपनी रिपोर्ट में उजागर किया है। भाजपा और TMC के बीच राजनीतिक विवादों का उल्लेख किया गया है, जिससे यह आंकलन किया जा सकता है कि इस मामले में राजनीतिक दलों की बीच भिन्नताएं हैं।

इस समय, बंगाल में तनाव बना हुआ है, जिसमें भाजपा और TMC के नेताओं के बीच विवाद तेजी से बढ़ रहा है। विभिन्न राजनीतिक पक्ष इस घटना का शीघ्र और निष्पक्ष जाँच करने की मांग कर रहे हैं

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