रामनाथ कोविन्द और दत्तात्रेय ने छत्रपति शिवाजी महाराज पर लिखी चार पुस्तकों का विमोचन
पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द जी मुख्य अतिथि होंगे और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबाले जी मुख्य वक्ता के रूप में शामिल होंगे।
श्री दत्तात्रेय होसबाले जी करेंगे छत्रपति शिवाजी महाराज और मराठा साम्राज्य पर लिखी चार पुस्तकों का विमोचन
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबाले जी एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में छत्रपति शिवाजी महाराज और मराठा साम्राज्य के विभिन्न पहलुओं पर लिखी गई चार पुस्तकों का विमोचन करेंगे। यह कार्यक्रम हिंदवी स्वराज स्थापना महोत्सव आयोजन समिति, दिल्ली; श्री शिवाजी रायगड़ स्मारक मंडल, पुणे; एवं श्री भारती प्रकाशन, नागपुर के तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है।
इस विशेष आयोजन में पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द जी मुख्य अतिथि होंगे और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबाले जी मुख्य वक्ता के रूप में शामिल होंगे।
विमोचन के लिए चुनी गई चार पुस्तकें निम्नलिखित हैं:
- छत्रपति शिवाजी महाराज - यह पुस्तक हिंदवी स्वराज की अखिल भारतीय संकल्पना, मुगलों से मुकाबला और उनके पतन की कहानी को प्रस्तुत करती है।
- स्वराज संरक्षण का संघर्ष - इस पुस्तक में भारतवर्ष के पुनर्जागरण और सफलता की कहानी को विस्तार से बताया गया है।
- अठारहवीं शताब्दी का हिंदवी साम्राज्य - यह पुस्तक हिंदवी स्वराज से साम्राज्य बनने की सफलता की कहानी को दर्शाती है।
- छत्रपति शिवाजी न होते तो... - इस पुस्तक में छत्रपति शिवाजी महाराज की अनुपस्थिति में भारत का इतिहास कैसा होता, इस पर विचार किया गया है।
भारत के हृदय में रहेंगे शिवाजी महाराज-दत्तात्रेय होसबाले
आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कार्यक्रम के दौरान कहा, 'हिंदवी स्वराज और राष्ट्रप्रेम के लिए अपने को समर्पित करने वाले छत्रपति शिवाजी हमेशा भारत वर्ष के हृदय में बसे रहेंगे. शिवाजी महाराज ने अपने कार्यों से राष्ट्र में स्वप्रेम की भावना का विकास किया और अपने काल खंड में मुगलों को पछाड़ कर हिंदवी स्वराज की स्थापना की.
शिवाजी महाराज भारत के सर्वश्रेष्ठ शासक-रामनाथ कोविंद
इस अवसर पर मुख्य अतिथि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज भारत के सर्वश्रेष्ठ शासक थे. वह भारत के भाग्य विधाता थे. अगर छत्रपति शिवाजी जैसे महायोद्धा का कालखंड भारत में न होता, तो भारतीय संस्कृति की पताका इतनी प्रगाढ़ न होती. पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि छत्रपति शिवाजी ने हमारे भीतर राष्ट्रीय दायित्वों के बोध को पैदा किया उस दायित्व बोध का हमें हमेशा पालन करना चाहिए. मुगल साम्राज्य को जिस सैन्य कुशलता और रणनीति से मात दी वह हमारे लिए आज भी प्रेरणा बना हुआ है.
श्री दत्तात्रेय होसबाले जी के द्वारा इन पुस्तकों का विमोचन न केवल मराठा साम्राज्य और छत्रपति शिवाजी महाराज की महानता को उजागर करेगा, बल्कि यह भारत के पुनर्जागरण और स्वराज्य की स्थापना के महत्व को भी रेखांकित करेगा। इस आयोजन में भाग लेने वाले विशिष्ट अतिथियों और विद्वानों के वक्तव्यों से यह कार्यक्रम और भी सारगर्भित हो जाएगा।
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