UPअयोध्या : नए शिखर को स्पर्श करेगा सनातनियों का आह्लाद
मंदिर की साज-सज्जा के बीच भक्तों का उल्लास अगणित है। अनुमान है 25 से 30 लाख भक्त रामनवमी को रामनगरी में रहेंगे,
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नए शिखर को स्पर्श करेगा सनातनियों का आह्लाद
रामनगरी में उत्सव नव्य-भव्य मंदिर में आज जन्मेंगे रामलला, होगा सूर्य तिलक, लाखों भक्तों के स्वागत सत्कार को प्रशासन ने कसी कमर
अयोध्या वह चिर अभिलाषित क्षण आ गया, जिसके लिए करोड़ों सनातनधर्मियों ने पांच शताब्दी तक संघर्ष किया। जन्मभूमि पर बने नव्य, भव्य और दिव्य मंदिर में बुधवार को जब रामलला का प्रकटोत्सव मनाया जाएगा तो अयोध्या ही नहीं, पूरे विश्व के सनातनियों का आह्लाद नए शिखर का स्पर्श करेगा। प्राण प्रतिष्ठा के बाद से यहां उल्लास है और बुधवार को यह सिलसिला श्रीराम जन्मोत्सव के साथ नए शिखर का स्पर्श करेगा। जन्म के बाद 12 बजकर 16 मिनट पर रामलला का सूर्य तिलक भी होगा, इसके लिए परीक्षण सफल हो चुका है।
नौ अप्रैल को वासंतिक नवरात्र के प्रारंभ के साथ ही राम जन्मोत्सव का उल्लास परिलक्षित होने लगा था, पर मंगलवार की शाम तक इसमें तीव्र वृद्धि हुई। है। मंदिर की साज-सज्जा के बीच भक्तों का उल्लास अगणित है। अनुमान है 25 से 30 लाख भक्त रामनवमी को रामनगरी में रहेंगे, इसके लिए प्रशासन ने कमर कस ली है। अयोध्या में रामजन्मोत्सव की पूर्व बेला में प्रकाश की इंद्रधनुषी छटा से सज्जित राममंदिर।
सांस्कृतिक-आध्यात्मिक अस्मिता के साथ नए गगन की ओर
अयोध्या के महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी कहते हैं, 'उत्कर्ष यात्रा में हमें पीछे मुड़ कर देखने की जरूरत है और तब यह अनुभव किया जा सकता है कि अयोध्या सांस्कृतिक-आध्यात्मिक अस्मिता के साथ भौतिक दृष्टि से नए गगन की ओर है।' श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास के उत्तराधिकारी महंत कमलनयनदास इस अवसर को रामराज्य के संकल्प का पर्व करार देते हैं। उनका मानना है कि मंदिर निर्माण अपार प्रसन्नता का अवसर है, किंतु हमें इतने पर ही नहीं रुकना है। रामराज्य की स्थापना के स्वप्न को ही साकार कर राम मंदिर की भव्यता- दिव्यता को अक्षुण्ण रखा जा सकता है।
रामनगरी के प्रति चरम की ओर बढ़ती आस्था
रामलला के साथ रामनगरी के प्रति आस्था का आरोह नौ नवंबर, 2019 को ही प्रवर्तित हुआ, जब रामलला के पक्ष में सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आया। आस्था की उत्कर्ष यात्रा पांच अगस्त, 2020 को ऐतिहासिक पडाव से भी होकर आगे बढ़ी, जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया। दीपोत्सव और ऐतिहासिक प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के साथ चरम की ओर बढ़ती आस्था को श्रीराम जन्मोत्सव की बेला में इंद्रधनुषी आभा से संपन्न होते देखना रोचक होगा। अभी तो श्रीराम मंदिर के दो और तलों का निर्माण होना बाकी है, रामनगरी को श्रेष्ठतम सांस्कृतिक नगरी के रूप विकसित किए जाने का भी अभियान पूर्ण होने के लिए अगले डेढ़-दो वर्षों की प्रतीक्षा करनी है।
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