पहलगाम ने दिखाया कि आतंकियों का भी धर्म होता है-लिख शिक्षक ने त्यागा इस्लाम

Pahalgam showed that terrorists also have religion Teacher renounced Islam, पहलगाम ने दिखाया कि आतंकियों का भी धर्म होता है-लिख शिक्षक ने त्यागा इस्लाम

Apr 26, 2025 - 06:21
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पहलगाम ने दिखाया कि आतंकियों का भी धर्म होता है-लिख शिक्षक ने त्यागा इस्लाम

पहलगाम ने दिखाया कि आतंकियों का भी धर्म होता है-लिख शिक्षक ने त्यागा इस्लाम  

शहाबुद्दीन का हृदय परिवर्तन, सनातन में वापसी कर बन गए श्यामलाल

इंदौरः पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले ने प्रत्येक देशवासी को सोचने पर मजबूर कर दिया है। इसका असर इंदौर के कुलकर्णी भट्टा क्षेत्र में एक मुस्लिम के हृदय परिवर्तन के रूप में शुक्रवार को सामने आया। उन्होंने घर वापसी का निर्णय लेते हुए पुनः सनातन धर्म अपना लिया। अपना नाम शहाबुद्दीन से बदलकर श्यामलाल रख लिया। श्यामलाल क्षेत्र की सैयद निजामुद्दीन की दरगाह पर बीते 40 साल से सेवा कर रहे थे। उसके परिसर में कभी कव्वाली के आयोजन करते थे, लेकिन उन्होंने अब वहां हनुमान चालीसा, रामायण व सुंदरकांड का पाठ शुरू करने का निर्णय लिया है। श्यामलाल की घर वापसी के अवसर पर दरगाह परिसर में हनुमान चालीसा एवं भंडारे का आयोजन किया गया। इसमें मुस्लिमों ने भी भाग लिया। श्यामलाल पहले सनातनी थे, लेकिन कव्वाली से प्रभावित होकर मुस्लिम धर्म अपना लिया था। उनका कहना है कि पहलगाम आतंकी हमले ने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया। कोई कैसे किसी को धर्म के नाम पर मार सकता है। इस पर गहराई से सोचने के बाद मुझे अपनी गलती का अहसास हुआ और कव्वाली बंद कर दी। फिर घर वापसी का निर्णय लिया।

घर वापसी के बाद सुंदरकांड का पाठ करते हुए श्यामलाल (सिर पर सफेद पंचा धारण किए हुए

कोलकाता : पहलगाम आतंकी हमले से मर्माहत बंगाल के साबिर हुसैन नामक शिक्षक ने इस्लाम धर्म त्याग दिया। साबिर दक्षिण 24 परगना जिले साबिर हुसैन के बादुरिया स्थित निर्माण आदर्श विद्यापीठ में विज्ञान के शिक्षक हैं। उन्होंने वीडियो पोस्ट करके कहा-'देश-दुनिया में बहुत से आतंकी हमले हुए हैं, लेकिन पहलगाम में जिस तरह से लोगों का धर्म पूछकर उनकी जान ली गई, उससे मैं स्तब्ध हूं। मैं अब तक जानता था कि आतंकियों का कोई धर्म नहीं होता। वे बिना सोचे हत्या करते हैं, लेकिन पहलगाम की घटना ने दिखाया है कि उनका भी धर्म होता है।


उन्होंने पोस्ट में कहा, एक शिक्षक के तौर पर मैं इस घटना को लेकर बहुत शर्मिंदगी महसूस कर रहा हूं, इसीलिए इस तरह का कठिन निर्णय लेने को बाध्य हुआ हूं। मेरा किसी भी धर्म को अपमानित करने और समाज में किसी तरह का विद्वेष फैलाने का कोई उद्देश्य नहीं है। धर्म त्याग के लिए आगे मैं कानूनी प्रक्रिया में जाऊंगा।' साबिर ने यह स्पष्ट किया कि उन्होंने किसी के दबाव में आकर यह निर्णय नहीं लिया है। उन्होंने स्पष्ट नहीं किया कि वह किस धर्म में शामिल होंगे।

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