अब विदेशी नंबरों से आनलाइन सट्टेबाजी का खेल

पैनल आपरेटरों को लोटस-365 के नाम से आइडी दी जा रही है। इसमें मध्य अफ्रीका के कैमरून जैसे देशों के नंबरों का प्रयोग किया जा रहा है। लोटस-365 महादेव एप से जुड़ा हुआ है

अब विदेशी नंबरों से आनलाइन सट्टेबाजी का खेल

अब विदेशी नंबरों से आनलाइन सट्टेबाजी का खेल

छह हजार करोड़ रुपये से  अधिक के महादेव सट्टा एप घोटाले के मुख्य संचालक सौरभ चंद्राकर की दुबई में गिरफ्तारी हो चुकी है, पर आनलाइन सट्टेबाजी का काला धंधा बेधड़क चल रहा है। पुलिस व जांच एजेंसी की नजरों से बचने के लिए ठगों ने विदेशी नंबरों से सट्टेबाजी शुरू की है। महादेव एप का हेल्पलाइन नंबर पहले भारत का था, जो अब बदलकर ब्रिटेन का कर दिया गया है। ज्ञात हो, नईदुनिया का सहयोगी प्रकाशन दैनिक जागरण अवैध आनलाइन सट्टेबाजी के खिलाफ छेड़ी मुहिम में लगातार बता रहा है कि कैसे प्रभावी नियम-कानून के अभाव में यह धंधा वसूली का हथियार बनता जा रहा है।


सूत्र का दावा है कि एप के माध्यम से जारी सट्टेबाजी के तहत अब बदले नाम से आनलाइन आइडी बांटी जा रही है। पैनल आपरेटरों को लोटस-365 के नाम से आइडी दी जा रही है। इसमें मध्य अफ्रीका के कैमरून जैसे देशों के नंबरों का प्रयोग किया जा रहा है। लोटस-365 महादेव एप से जुड़ा हुआ है, पर दिखावे के तौर पर इसके प्रमोटर अलग दिख रहे हैं। महादेव एप के एजेंट रायपुर, दुर्ग- भिलाई, बिलासपुर, रायगढ़, अंबिकापुर, राजनांदगांव, कवर्धा व अन्य जिलों में सक्रिय हैं और नेटवर्क काली कमाई कर रही है। महाराष्ट्र व दिल्ली में बैठे इसके पैनल आपरेटर इन एजेंटों को दो से पांच लाख रुपये में विदेशी नंबरों से आनलाइन आइडी देने का काम कर रहे हैं।


एसएसपी रायपुर संतोष सिंह ने कहा कि पुलिस को भी पुख्ता जानकारी मिली है कि लोटस-365 से जुड़े सटोरिए महादेव एप के पुराने एजेंटों के माध्यम से आइडी बांट रहे है। रायपुर, दुर्ग के रहने वाले ज्यादातर बड़े पैनल आपरेटर पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए आसपास के राज्यों में बैठकर यह काम कर रहे हैं। पुलिस को यह भी पता चला है कि महादेव एप से ही नहीं, अन्य कई आनलाइन एप और साइबर ठगी में भी विदेशी नंबरों का इस्तेमाल अपराधी कर रहे हैं। इसे रोकने के लिए टेलीकाम कंपनियों के साथ केंद्र सरकार को पत्र लिखा जाएगा। कंपनियां इन नंबरों को ब्लाक कर दें तो सट्टेबाजी के साथ साइबर ठगी भी बंद हो जाएगी।