ब्रिटेन: 70 विवि के नियम बदले, भारतीयों को फायदा
भारतीय छात्रों की संख्या में कमी के कारण उन्हें लगभग 500 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा था।
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ब्रिटेन 70 विवि के नियम बदले, भारतीयों को फायदा
Britain Rules of 70 universities changed Indians benefit
कैंब्रिज व ऑक्सफर्ड समेत प्रतिष्ठित विवि ने सीट बढ़ाई, ग्रेड घटाई, 20 हजार भारतीयों को मिलेगा प्रवेश
भारतीय छात्रों से ब्रिटेन की इकोनॉमी को भी इजाफा हर्टफर्डशायर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. क्विंटिन मैककेलर ने बताया कि पीएम सुनक ने भले ही इमिग्रेशन को लेकर वीसा नियम सख्त किए हों, लेकिन वे भूल गए कि भारतीय छात्रों से इकोनॉमी को भी फायदा मिलता है। भारतीय आईटी और मेडिको छात्र पार्ट टाइम जॉब करते हैं। इससे ब्रिटेन के टैलेंट पूल में ही इजाफा होता है। आने वाले सत्र के लिए नए नियमों से भारतीय छात्रों की संख्या बढ़ेगी। ।
ब्रिटेन के कैंब्रिज, ऑक्सफर्ड और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स जैसी 70 प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों ने नियमों में बदलाव कर 20 हजार भारतीय छात्रों के लिए प्रवेश आसान कर दिया है। इन विश्वविद्यालयों ने अगस्त से शुरू होने वाले सत्र में भारतीय छात्रों के लिए सीटें बढ़ाने के साथ ग्रेडिंग में भी नरमी के नए नियम लागू किए हैं।
भारतीय छात्रों को अब 'बी' और 'सी' ग्रेड के साथ भी दाखिला मिल सकेगा। विश्वविद्यालयों ने ये कदम इसलिए उठाया है क्योंकि पिछले साल भारतीय छात्रों की संख्या में कमी के कारण उन्हें लगभग 500 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा था। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भारतीय छात्रों के लिए वीजा फीस में बढ़ोतरी और परिवार को नहीं लाने के सख्त नियम बनाए थे। इससे 2022 में 1.38 लाख भारतीय छात्रों ने आवेदन किया था वह 2023 में घटकर 1.28 लाख रह गया था। भारतीय छात्रों से ब्रिटेन की विश्वविद्यालयों को फीस के रूप में सबसे ज्यादा राजस्व मिलता है।
ब्रिटेन का छात्र फीस के रूप में सालाना 9.25 लाख रुपयेजबकि भारतीय छात्र लगभग 22 लाख रुपये चुकाते हैं। इसे देखते हुए इस बार ब्रिटेन की 70 विश्वविद्यालयों ने भारत में अपने एजेंट्स की संख्या 100 से बढ़ाकर 500 कर दी है। ये विश्वविद्यालय विदेशी छात्रों को लाने पर कमीशन भी देती हैं। पिछले साल डरहम विश्वविद्यालय ने एजुकेशन एजेंटों को सबसे ज्यादा लगभग 55 करोड़ रुपये कमीशन के रूप में दिए थे। इस बार ब्रिटिश विश्वविद्यालय ने भारत के पूर्वोत्तर और पश्चिमी राज्यों में अपने एजेंट्स बढ़ाए हैं।
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