वंचित छात्रों के लिए ऑनलाइन मंच शुरू करेंगे आनंद
सुपर 30 ने मुझे गरीबों की जिंदगी बदलने की आकांक्षाओं को बढ़ाने में मदद की और उत्तीर्ण हुए कई छात्रों ने शिक्षा की शक्ति से एक पीढ़ीगत बदलाव लाई।
वंचित छात्रों के लिए ऑनलाइन मंच शुरू करेंगे आनंद
हर वंचित छात्र को शिक्षित देखना सपना
हर वंचित छात्र को शिक्षित देखना आनंद कुमार का सपना है। उन्होंने कहा कि सबसे गरीब भी अच्छी शिक्षा पाने के हकदार हैं। अब समय आ गया है कि लैब्स से बाहर निकलकर उन देशों और गांवों की गरीबी का एहसास किया जाए, जहां लोगों को बिजली, साफ पानी और उचित भोजन तक नहीं मिलता है।
सुपर 30 के संस्थापक और गणितज्ञ व गरीब छात्रों के मसीहा आनंद कुमार ने भारत में वंचित छात्रों के भविष्य के लिए दरवाजे खोले। आनंद कुमार जल्द ही नया ऑनलाइन शैक्षिक मंच शुरू करेंगे, जो भारत में गरीब एवं वंचित छात्रों को अपना भविष्य रचने का मौका मिलेगा। सुपर 30 के संस्थापक और गणितज्ञ आनंद कुमार ने रविवार को नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के केलॉग स्कूल ऑफ मैनेजमेंट द्वारा आयोजित रीइमैजिनिंग इंडियाः शेपिंग द ग्लोबल इकोनॉमिक लैंडस्केप विषय पर '2024 केलॉग इंडिया बिजनेस कॉन्फ्रेंस' में अपना संबोधन में कही है। उन्होंने इस बात की घोषणा की है कि वह गरीबों के लिए ऑनलाइन शैक्षिक मंच शुरू करेंगे, जो सुपर 30 की अगली सीरीज होगी। अमेरिका के शिकागो से अपने संबोधन में आनंद कुमार ने कहा 'अधिक से अधिक छात्रों तक पहुंचने के लिए उपलब्ध प्रौद्योगिकी को अपनाने का समय आ गया है।
सुपर 30 ने मुझे गरीबों की जिंदगी बदलने की आकांक्षाओं को बढ़ाने में मदद की और उत्तीर्ण हुए कई छात्रों ने शिक्षा की शक्ति से एक पीढ़ीगत बदलाव लाई। उन्होंने कहा कि शिक्षा को गरीबों के दरवाजे तक ले जाने के लिए जल्द ही एक नया ऑनलाइन शैक्षिक मंच शुरू किया जाएगा, जो उनकी सुपर 30 पहल का एक विस्तारित संस्करण होगा। आनंद कुमान ने कहा कि कोविड महामारी ने उन्हें बहुत कुछ सिखाया, जैसे कि सोशल मीडिया के माध्यम से घर में फंसे छात्रों से जुड़ना। कुमार ने कहा कि कोई भी व्यक्ति प्रतिकूल परिस्थितियों से बहुत कुछ सीख सकता है। दुनिया प्रतिभाशाली लोगों से भरी हुई है। इस समय भी गरीबी के कारण बहुत सारे बच्चे दुनिया की नजरों से दूर हैं। उनमें भी न्यूटन और रामानुजन बनने की क्षमता होगी, लेकिन कम अवसर के कारण उनकी प्रतिभा कहीं खो जाती है। मेरी ऑनलाइन पहल का उद्देश्य उन्हें उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए मंच देना है।
आनंद कुमार ने अपने संबोधन को खत्म करते हुए एक बहुत अच्छी बात कहीं। उन्होंने कहा कि मैं कोई बहुत बड़ी हस्ती नहीं हूं, एक साधारण शिक्षक हूं लेकिन आज मैं आपको अपने दिल की गहराई से एक बात कहना चाहूंगा कि अगर आपका मन किसी लक्ष्य पर निधर्धारित है और आप कड़ी मेहनत करते रहते हैं तो आप एक दिन जरूर सफल होंगे। हालांकि, इसे पाने में भले ही ज्यादा समय लगे, जितना आपने सोचा था शायद उससे ज्यादा ही समय लगे, लेकिन सफलता जरूर मिलेगी।
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