ईवीएम पर किसी भी तरह का है संदेह तो चुनाव बाद भी कर सकेंगे जांच

चुनाव आयोग ने दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे प्रत्याशियों को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दी सुविधा नतीजों की घोषणा के सप्ताह भर के भीतर दर्ज करानी होगी आपत्ति, प्रति ईवीएम देने होंगे 40 हजार रुपये वीवीपैट पर्चियों से भी मतों का मिलान कराया जाएगा। इन दौरान उन्हें इस्तेमाल की गई किसी भी ईवीएम का चयन करने की छूट होगी। ईवीएम का चयन प्रत्याशी को ही करना होगा।

Jul 17, 2024 - 19:50
Jul 17, 2024 - 19:52
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ईवीएम पर किसी भी तरह का है संदेह तो चुनाव बाद भी कर सकेंगे जांच

ईवीएम पर किसी भी तरह का है संदेह तो चुनाव बाद भी कर सकेंगे जांच

चुनाव आयोग ने दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे प्रत्याशियों को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दी सुविधा
नतीजों की घोषणा के सप्ताह भर के भीतर दर्ज करानी होगी आपत्ति, प्रति ईवीएम देने होंगे 40 हजार रुपये

लोकसभा व विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद भी इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर उठते सवालों के मद्देनजर चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर प्रत्याशियों को चुनाव बाद भी उनके निर्वाचन क्षेत्र में इस्तेमाल में लाई गईं ईवीएम को परखने की अनुमति दी है। प्रत्याशी यह परख सकेंगे कि जिस ईवीएम से उनकी सीट पर वोटिंग हुई, वह सही है या नहीं। ऐसा तो नहीं कि वोट किसी को डाले जाएं और वह खाते में किसी और के जाएं। दरअसल ऐसे आरोप विपक्षी दलों की ओर से लगाए जाते रहे हैं। हालांकि ऐसी मांग सिर्फ चुनाव में दूसरे व तीसरे स्थान पर रहे प्रत्याशी ही कर सकेंगे। वह भी उन्हें चुनाव के परिणाम घोषित होने के हफ्ते भर के अंदर करनी होगी। आयोग ने इसके लिए मंगलवार को नियम-कायदे जारी किए।

आयोग के पास फिलहाल अब तक ईवीएम को फिर से जांचने से जुड़े 11 आवेदन आ चुके हैं, इनमें आठ लोस  चुनाव और तीन विस चुनाव से जुड़े हैं। आयोग के मुताबिक, 19 अगस्त के बाद इससे जुड़ी प्रकिया शुरू होगी। जिन-जिन निर्वाचन क्षेत्रों से ईवीएम को परखने की मांग की गई है, वहां जिला निर्वाचन अधिकारी की देखरेख में पूरी प्रक्रिया संचालित की जाएगी। इस दौरान प्रत्याशियों को इसकी छूट रहेगी कि वह निर्वाचन क्षेत्रों में प्रयोग में लाई गई ईवीएम में से कोई भी पांच प्रतिशत ईवीएम की जांच कर सकेंगे।

हालांकि इसके लिए उन्हें प्रति ईवीएम 40 हजार रुपए चुकाने होंगे। इसके तहत उन्हें माक पोल की इजाजत रहेगी, जिसमें वह अधिकतम 14 सौ वोट डाल सकेंगे। बाद में इसकी गिनती उनके सामने की जाएगी। साथ ही वीवीपैट पर्चियों से भी मतों का मिलान कराया जाएगा। इन दौरान उन्हें इस्तेमाल की गई किसी भी ईवीएम का चयन करने की छूट होगी। ईवीएम का चयन प्रत्याशी को ही करना होगा। वह किसी एक सेट की जगह अलग- अलग मशीनों से अलग-अलग बैलेट यूनिट, कंट्रोल यूनिट और वीवीपैट का भी इस्तेमाल कर सकेंगे।


आयोग के अनुसार, वैसे चुनाव में प्रयुक्त इन सभी ईवीएम की मतदान से पहले भी प्रत्याशियों या फिर उनके प्रतिनिधियों की मौजूदगी में परख की जाती है। इसके तहत माक पोल कराया जाता है। चुनाव में ईवीएम के आवंटन के पूर्व भी इसे लेकर माक पोल आयोजित होता है, पर चुनाव के बाद भी प्रत्याशियों की ओर से हारने के बाद ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर सवाल खड़े किए जाते रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में आए ऐसे सभी मामलों में आयोग से इन्हें फिर से ईवीएम की परख कराने के निर्देश दिए हैं ताकि प्रत्याशियों में ईवीएम को लेकर किसी भी तरह शंका न पैदा हो पाए।

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