मुझे लगता है कि धौनी और श्रीनिवासन एक ही व्यक्ति हैं: अश्विन

भारत के अनुभवी आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन धर्मशाला में 100वां टेस्ट खेल सकते हैं। उनका मानना है कि सभी क्रिकेटरों को

Mar 3, 2024 - 23:45
Mar 4, 2024 - 12:06
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मुझे लगता है कि धौनी और श्रीनिवासन एक ही व्यक्ति हैं: अश्विन

मुझे लगता है कि धौनी और श्रीनिवासन एक ही व्यक्ति हैं: अश्विन

भारत के अनुभवी आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन धर्मशाला में 100वां टेस्ट खेल सकते हैं। उनका मानना है कि सभी क्रिकेटरों को

एक ओवर में छह गेंद होती है तो वो छह लोग कौन हैं जिनका आपके जीवन में प्रभाव रहा है? - मेरे पापा, मां, पत्नी, डब्ल्यूची रमन जिन्हें मैं बहुत धन्यवाद देना चाहता हूं। जब मैंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलना शुरू किया उस वक्त जब रमन गर बात करते थे तो लगता था कि बहुत कठोर हैं क्योंकि वह दबाव डालते थे। मैं आज जो कुछ भी कर रहा हूं उनकी वजह से ही कर रहा हूं। उन्होंने यह नहीं कहा कि ऐसा करो वैसा करो। उन्होंने मुझे मेरी गलतियां समझाई। उन्होंने मुझे हमेशा गाइड किया और कहा कि मुझे भरोसा है कि आप भारत के लिए खेलोगे। वह हमेशा ऐसे ही ईमानदारी से बात करते हैं। हाल ही में जब चेन्नई में हम खेले थे तब भी मैंने उनसे सलाह ली थी। रमन के अलावा मैं सुब्रहमण्यम बद्रीनाथ को भी धन्यवाद देना चाहता हूं। मेरे दिल में हमेशा उनके लिए विशेष स्थान रहेगा क्योंकि वह प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में मेरे पहले कप्तान थे। मेरे बचपन के कोच हैं चंद्र शेखर राव को आंध्र प्रदेश के हैं उनका भी काफी योगदान रहा। एक और कोच थे सीके विजय कुमार जिनके कारण मैंने आफ स्पिन करना शुरू किया। मैं बल्लेबाज के तौर पर खेलता था लेकिन उन्होंने मुझे कहा कि आफ स्पिन पर गंभीरता से कार्य करें और एक दिन तुम आफ स्पिनर के तौर पर भारत के लिए खेलोगे। मुझे आश्चर्य लगा, लेकिन उन्होंने मुझे कहा था कि लिखकर देता हूं कि आप भारत के लिए स्पिनर के तौर पर ही खेलोगे। भारतीय टीम की बात करूं तो मैं महेंद्र सिंह धौनी को धन्यवाद दूंगा। आइ‌पीएल में चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए खेलते हुए कोलकाता नाइटराइडर्स के विरुद्ध मैच था। उस मैच ने मेरी जिंदगी बदली। यह मैच 2010 का है। धौनी ने मेरा साथ दिया और मैं एन श्रीनिवासन का भी आभारी हूं जिन्होंने मेरा समर्थन किया। जब मुझे सीएसके में एकादश में जगह नहीं मिलती थी तो यह बोलते थे कि इसको खिलाओ। मुझे लगता है कि धौनी और श्रीनिवासन एक ही व्यक्ति हैं और दोनों काफी करीब भी हैं।करिश्माई कप्तान धोनी ने आखिर तक दिखाया जज्बा - dhoni tries till the last -

वर्ष 2010-11 आपके जीवन के लिए महत्वपूर्ण रहा। हरभजन के होने के

बावजूद विश्व कप टीम में आपको जगह मिली। इसे लेकर क्या कहेंगे? -2009 से 2011 के बीच इतना कुछ मिला कि मुझे पीछे मुड़कर देखने का समय भी नहीं मिला। 2009 में मैं अइपीएल के लिए काफी कोशिश रहा था और 2010 में बेहतर किया। चैंपियंस ट्राफी में प्लेयर आफ द टूनर्मिट रहा। 2009 से 2010 तक टीम में था, लेकिन अवसर नहीं मिले। चैलेंजर ट्राफी के दौरान युवराज सिंह की कप्तानी में खेला। उन्होंने भी मेरा समर्थन किया और वह हमेशा मेरी तारीफ करते थे। जहां मैंने एक मैच में पांच विकेट लिए, जिससे मेरा चयन टेस्ट टीम के लिए हुआ। विश्व कप में वेस्टइंडीज के विरुद्ध मौका दिया और फिर सीधे क्वार्टर फाइनल में नई गेंद से अवसर दिया गया। धौनी ने मुझसे

कहा कि इसी के लिए आपको टीम

में लाया गया था और अब फाइनल तक आप ही लेकर जाओगे। मुझे दबाव अच्छा लगता है। पाकिस्तान के विरुद्ध सेमीफाइनल मैच से पहले भी धौनी ने मेरे साथ चर्चा की थी। ओस के बारे में पूछा था और उस वक्त मुझे लगा कि धौनी ने मेरे ऊपर भरोसा किया है तो मुझे कुछ करके देना है। पहले विश्व कप में ही विजेता बनना सबके भाम्य में नहीं होता। सचिन पाजी छठी बार में ऐसा कर सके। इस बार 2023 विश्व कप में जो अहसास था वो 2011 की तरह ही था। हम भी अच्छा खेल रहे थे। 2011 में दक्षिण अफ्रीका से हारे थे, जबकि

इंग्लैंड के विरुद्ध मैच ड्रा रहा था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ।

जीवनसाथी का प्रभाव से ज्यादा खिलाडी के लिए साथ कैसा होता है?

मेरी पत्नी भी काफी संतुलित हैं। जबसे हमारी शादी हुई है वो कभी गुस्सा नहीं हुई। मैंने उसे कभी निराश नहीं देखा। मेरा भी ऐसा ही है। खेलने के दौरान मैं कभी गुस्सा नहीं होता क्योंकि मैं इस खेल से प्यार

करता हूं और जब क्रिकेट खेल रहा होता हूं तो मन अधिकार है और इस पर टिप्पणी

करने से पहले देखना चाहिए कि बीसीसीआइ ने खिलाड़ियों से क्या कहा है, लेकिन अगर आप क्रिकेट नहीं खेलोगे तो खेल कैसे आगे बढ़ेगा। मैं यह नहीं कह रहा कि बाप प्रथम श्रेणी खेली, आप क्लब क्रिकेट खेलो। आजकल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट इतना हो रहा है कि आपको अपने में सुधार लाने का अवसर नहीं मिल रहा है और घरेलू क्रिकेट स्खेलकर आप ऐसा कर सकते हो। आइपीएल एक अच्छा प्लेटफार्म है, लेकिन प्रथम श्रेणी आपके उतार चढ़ाव में मदद करता है और इसरो सीख मिलती है। इसमें ज्यादा भीड़ नहीं होती इसलिए कोई भी खिलाड़ी आराम से बिना किसी दबाव के खेल सकता है। घरेलू क्रिकेट में आप अपने क्रिकेट संघ के लिए खेलते हैं और आप जो भी हो वो अपने संघ के कारण ही हो। यह खेल ऐसा है कि ये आगे बढ़ता जाएगा। अब बैजबालहो रहा है, आस्ट्रेलिया ने भी खेल में बदलाव

आपके करियर के वादगार पल कौन से रहे है?

सीएसके और केकेआर के बीच मैच में जब क्रिस गेल मेरी गेंद नहीं खेल सके वो करियर का पहला यादगार पल रहा। वो पल में कभी नहीं भूलूगा। 2019-20 का सिडनी टेस्ट भी मेरे लिए यादगार रहा था। बेगलुरु में 2016-17 में टेस्ट मैच जीतना भी खास रहा। इंग्लैंड के विरुद्ध चेन्नई टेस्ट में शतक जड़ना काफी विशेष था क्योंकि में अपने घरेलू मैदान पर खेल रहा था। किया है तो हमें भी कुछ करना होगा। यह स्टाक मार्केट की तरह ही है जिसमें आप अच्छा स्टाक लेकर खेलोगे तो आपको डिविडेंड मिलेगा ही। बीसीसीआइ ने कुछ निर्देश दिए हैं तो मुझे लगता है सभी को उस निर्णय का सम्मान करना चाहिए। अपने अब तक के सफर के बारे में क्या कहेंगे?

एक चार में क्लब क्रिकेट का मैच खेल रहा था, यह उस समय की बात है जब मेरे नाम 350 विकेट हो चुके थे। वहां मेरे बारे में ऐसी बात चल रही थी कि मैं बहुत ऊंचा उठने के बारे में सोच रहा था इसलिए सभी ने नीचे करवा दिया। यह मेरे लिए काफी पीड़ादायक था, लेकिन थोड़ी देर बाद जिसने ऐसा कहा वो मेरे पास आया और मेरी तारीफ करने लगा। मैं हमेशा से जानता था कि लोग आपके सामने और पीछे अलग तरह का रवैया रखते हैं, लेकिन उस दिन मैंने यह सामने से देखा। मैंने उससे कहा कि तुमने जो भी मेरे बारे में कहा मैंने सुना और में कहना चाहता हूं कि हां में उड़ने लगा हूं क्योंकि मुझे उस ऊंचाइयों तक जाना है। मैं उधर तक जाऊंगा और गिर जाऊंगा, लेकिन मुझे पता चलेगा कि मैं वहां जाने लायक हूं या नहीं। वो भी एक आम क्रिकेटर हो था और

मैंने उससे कहा कि कम से कम तुम कोशिश तो करो कि वहां तक ना भी सकते हो या नहीं। 2008 और 2024 के अश्विन में वही अंतर है कि अब मैं यह नहीं पूछता कि क्या गलत है। मैं किसी को स्पष्टीकरण क्यों दू। मैं मानता हूं कि जीवन रेस नहीं है, लेकिन अगर आप उसमें भाग रहे हो तो अच्छे से भागो।

आपके करियर के वादगार पल कौन से रहे है?

सीएसके और केकेआर के बीच मैच में जब क्रिस गेल मेरी गेंद नहीं खेल सके वो करियर का पहला यादगार पल रहा। वो पल में कभी नहीं भूलूगा। 2019-20 का सिडनी टेस्ट भी मेरे लिए यादगार रहा था। बेगलुरु में 2016-17 में टेस्ट मैच जीतना भी खास रहा। इंग्लैंड के विरुद्ध चेन्नई टेस्ट में शतक जड़ना काफी विशेष था क्योंकि में अपने घरेलू मैदान पर खेल रहा था।

विफलता से सीखकर आगे बढ़ सकते है, क्योंकि कई लोग सफलता पचा नहीं पाते?

विराट कोहली लंबे समय से भारत के सफल खिलाड़ी हैं और उन्हें सफलता पसंद है। उसने अपनी सफलता का पूरा फायदा उठाया, लेकिन अपनी क्षमता पर काम भी किया। जब तक ऐसा रवैया रहता है तब तक सही रहता है।

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