मध्य प्रदेश: अपनी ही पार्टी के खिलाफ बोल रहे BJP विधायक चिंतामणि मालवीय, पार्टी ने अब मांग लिया जवाब

मध्य प्रदेश के बीजेपी विधायक चिंतामणि मालवीय को भाजपा कार्यालय की तरफ से नोटिस जारी की गई है. अपने ही पार्टी के विधायक के खिलाफ पार्टी ने नोटिस भेजकर 7 दिनों में जवाब मांगा है. हाल ही में विधायक चिंतामणि ने किसानों की जमीन का मुद्दा विधानसभा में उठाया. उन्होंने कहा कि कंक्रीट की बिल्डिंग बनाकर स्पिरिचुअल सिटी नहीं बनाई जा सकती.

Mar 24, 2025 - 06:59
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मध्य प्रदेश: अपनी ही पार्टी के खिलाफ बोल रहे BJP विधायक चिंतामणि मालवीय, पार्टी ने अब मांग लिया जवाब
मध्य प्रदेश: अपनी ही पार्टी के खिलाफ बोल रहे BJP विधायक चिंतामणि मालवीय, पार्टी ने अब मांग लिया जवाब

भाजपा विधायक को अपने ही संगठन से कारण बताओ नोटिस भेजा गया है. इसको लेकर उनसे 7 दिन में ही जवाब भी मांगा गया है. अपनी ही सरकार को घेरने पर की वजह से संगठन नाराज है. मध्य प्रदेश भाजपा ने बीजेपी विधायक चिंतामणि मालवीय को नोटिस जारी किया है.

दरअसल, भाजपा उज्जैन सिहंस्थ 2028 को लेकर किसानों की ज़मीन अधिग्रहण का मुद्दा विधानसभा में उठाया था. उन्होंने विधानसभा में अपनी ही सरकार पर आरोप लगाया था कि उज्जैन का किसान डरा हुआ है. अनुशासनहीनता के चलते उन्हें नोटिस दिया गया है. वहीं भाजपा नेता से सात दिन के अंदर जवाब तलब किया है.

शोकॉज नोटिस जारी किया गया

नोटिस में कहा गया कि चिंतामणि मालवीय के ताजा बयानों की वजह से पार्टी और सरकार की छवि प्रभावित हो रही है. विधायक चिंतामणि मालवीय को 7 दिनों में शोकॉज नोटिस का जवाब देना होगा.

जमीन के स्थाई अधिग्रहण का नोटिस

मध्य प्रदेश के विधानसभा सत्र के दौरान चिंतामणि ने कहा कि उज्जैन के किसान का पक्ष सदन में रखा. उन्होंने कहा कि क्या हम सिंहस्थ के लिए दी जाने वाली जमीन को हमेशा के लिए सौंप दें? उन्होंने कहा कि सिंहस्थ 2028 के लिए जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है.

ऐसे में पहले यहां के किसानों की जमीन को 3-6 महीने के लिए अधिग्रहित किया जा रहा था, लेकिन अब इसके स्थाई अधिग्रहण की बात की जा रही है. साथ ही किसानों को इसका नोटिस भी जारी कर दिया गया है.

भू-माफियाओं की साजिश

उन्होंने भू-माफियाओं के साजिश का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि इनकी साजिश की वजह से किसानों को अपनी ही जमीन से बेदखल किया जा रहा है. सालों से यहां भूमि का अधिग्रहण कुछ ही महीनों के लिए होता था, लेकिन स्थाई तौर पर कब्जा सही नहीं है. इसकी वजह से इलाके के किसान सहमे हुएं हैं. उनमें अपनी जमीन देने का डर बढ़ता जा रहा है.

उन्होंने कहा कि ये आध्यात्मिक नगरी बनाए जाने का आइडिया पता नहीं किस अधिकारी की ओर से दिया गया है. मैं बताना चाहता हूं कि आध्यात्मिकता किसी शहर में नहीं रहती, यह त्याग करने वाले संतों और तपस्वियों में बसती है. कंक्रीट की बिल्डिंग बनाकर स्पिरिचुअल सिटी नहीं बनाई जा सकती.

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,