सामाजिक सदभाव बढ़ाने के लिए काम कर रहा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ : कृपा शंकर

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, सामाजिक सदभाव बढ़ाने के लिए काम कर रहा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ : कृपा शंकर

Sep 26, 2023 - 21:29
Mar 18, 2024 - 11:15
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सामाजिक सदभाव बढ़ाने के लिए काम कर रहा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ : कृपा शंकर

लखनऊ:- सामाजिक सदभाव के अभाव में राष्ट्र व समाज कमजोर हो जाता है। समाज में समरसता व सामाजिक सदभाव बना रहे यह हम सबकी जिम्मेदारी है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सामाजिक सदभाव बढ़ाने के लिए काम कर रहा है। यह बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संयुक्त क्षेत्र प्रचार प्रमुख (उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड) कृपा शंकर ने कही। वह रविवार को विश्व संवाद केन्द्र के अधीश सभागार में सामाजिक सदभाव विभाग की ओर से ‘राष्ट्रीयता— सामाजिक सदभाव— विमर्श’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। 

कृपाशंकर ने कहा कि राष्ट्रीयता कमजोर होती है तो क्षेत्रवाद,प्रान्तवाद,जातिवाद,परिवारवाद व व्यक्तिवाद पनपता है। अगर समाज में राष्ट्रीयता का भाव प्रबल होता है तो राष्ट्र की जय—जयकार होती है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति के जीवन में सदभाव आना चाहिए। सामाजिक समरसता के अभाव में समाज में कुरीतियां बढ़ीं। संघ ने सम्पूर्ण समाज से आहवान किया है कि मंदिर, शमशान व कुंआ सबके लिए एक होने चाहिए।

संघ के क्षेत्र प्रचार प्रमुख नरेन्द्र सिंह ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि समाज का पारस्परिक सदभाव बिगड़ा है। समाज में सदभाव बनाने और समाज में आई विकृतियों को दूर करने के लिए चिंतन मनन करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र विरोधी शक्तियों को ईश्वर,धर्म और परिवार इन तीन शब्दों से नफरत है। सामाजिक सदभाव बनाने में हमारे परिवार की महती भूमिका है। 

विश्व संवाद केन्द्र के अध्यक्ष नरेन्द्र भदौरिया ने कहा कि एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीन दयाल उपाध्याय ने अन्त्योदय का विचार दिया था। समाज के अंतिम पंक्ति में बैठे व्यक्ति का उत्थान हो वह यह चाहते थे। बाबा साहब डा. भीमराव आम्बेडकर ने भी अंतिम व्यक्ति के उत्थान में अपना जीवन लगाया। आम्बेडकर ने सामाजिक सदभाव स्थापित करने के लिए काम किया। उन्होंने कहा कि हमारा समाज हमारी संस्कृति एक है। सामाजिक सदभाव ही हमारी सोच है। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राष्ट्रीय भागीदारी आन्दोलन के प्रमुख पीसी कुरील ने कहा कि समाज में सदभाव बना रहे बहुत जरूरी है। आज कई राज्यों में विघटनकारी शक्तियां प्रबल हो रही हैं। इसलिए सामाजिक सदभाव बिगड़ने न पाये इसके लिए हम सब को सचेत रहने की आवश्यकता है। 

संगोष्ठी को बौद्ध भिक्षु सुमित पाल, राष्ट्रधर्म पत्रिका के प्रभारी सर्वेश द्विवेदी, अमृता यादव, सुलोचना मौर्या और एडवोकेट ज्योत्सना श्रीवास्तव ने भी संबोधित किया। 

कार्यक्रम का संचालन सामाजिक सदभाव के प्रान्त संयोजक राजेन्द कुमार ने किया। आभार ज्ञापन भंते अरूण कुमार ने किया। 

इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह प्रान्त सेवा प्रमुख तेजभान सिंह, बाल संरक्षण आयोग के सदस्य श्याम त्रिपाठी, विश्व संवाद केन्द्र के सचिव अशोक सिन्हा, सामाजिक सदभाव लखनऊ विभाग के संयोजक सुशील कुमार जैन, बृज नंदन राजू, अरविंद त्रिपाठी और डा. राजीव पटेल प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार