तीन तलाक व हलाला से आहत निशा ने राजेश संग लिए सात फेरे
- नया नाम राधिका रखा, कहा-सनातन में होता है महिलाओं का सम्मान
- गंगाजल से शुद्धिकरण के बाद आश्रम में पूरी की विवाह की रस्म
इस्लाम में महिलाओं की उपेक्षा से आहत निशा ने नाम बदलकर प्रेमी राजेश के साथ शादी के बंधन में बंध गई। विवाह के बाद निशा ने अपना नया नाम राधिका रखा। राधिका का कहना है कि इस्लाम में महिलाओं की कोई इज्जत नहीं है। तीन भाइयों में इकलौती होने के बाद भी परिवार में कोई इज्जत नहीं थी।
पिता ने कहा हिन्दू धर्म में महिलाओं की इज्जत
पिता कहते थे कि तुम्हारी शादी के लिए वह पैसा कहां से आएगा? इस्लाम में तीन तलाक, हलाला जैसी तमाम कुरीतियां व्याप्त हैं, इसीलिए सनातन धर्म को स्वीकार किया। सनातन धर्म में महिलाओं की इज्जत है। उनका पूरा सम्मान होता है।
बिजनौर निवासी निशा की मुलाकात पांच वर्ष पूर्व राजेश से हुई थी। धीरे-धीरे बातचीत का दौर शुरू हुआ और एक-दूसरे को दिल दे बैठे। इस बीच निशा के स्वजन को संबंधों की जानकारी हो गई तो उन्होंने विरोध किया। उत्पीड़न से तंग निशा 7 मई को घर छोड़कर राजेश संग चली आई।
इसके बाद बरेली के मढ़ीनाथ स्थित अगस्त्य मुनि आश्रम के आचार्य केके शंखधार से मिले और उन्हें बालिक होने के प्रपत्र दिखाए। रविवार को गंगाजल पिलाकर निशा का शुद्धिकरण करा आचार्य ने विवाह की रस्म पूरी कराई। राजेश हरिद्वार में एक बिजली फैक्ट्री में नौकरी करते हैं। विवाह के बाद दंपति का एक साथ नृत्य करते वीडियो भी इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुआ है।