गलती विश्वविद्यालय की, खामियाजा भुगत रहे छात्र
डीएसईयू में हर साल 10 प्रतिशत फीस बढ़ोतरी के नियम लाए गए हैं। आर्किटेक्ट डिप्लोमा की फीस निजी संस्थानों से भी अधिक पहुंच गई। छात्रों के एक समूह आवाज के पदाधिकारियों ने कहा कि सामान्य छात्रों
गलती विश्वविद्यालय की, खामियाजा भुगत रहे छात्र
दिल्ली कौशल एवं उद्यमिता विश्वविद्यालय (डीएसईयू) में विश्वविद्यालय की गलती का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। प्रवेश लेते वक्त प्रास्पेक्टस में जो फीस बताई गई थी, अब नवीन सत्र में द्वितीय व तृतीय वर्ष में छात्रों से बढ़ी हुई फीस मांगी जा रही है।
विश्वविद्यालय का कहना है कि पहले निर्णय नियम से नहीं लिया गया था, उसमें बदलाव कर दिया गया है। उसी के तहत बढ़ी फीस ली जा रही है।
डीएसईयू में हर साल 10 प्रतिशत फीस बढ़ोतरी के नियम लाए गए हैं। आर्किटेक्ट डिप्लोमा की फीस निजी संस्थानों से भी अधिक पहुंच गई। छात्रों के एक समूह आवाज के पदाधिकारियों ने कहा कि सामान्य छात्रों के लिए बीसीए की फीस 39 हजार 700 रुपये है। इसे बढ़ाकर 48 हजार रुपये कर दिया गया है।
अब छात्रों से 24 हजार रुपये एक सेमेस्टर की फीस मांगी जा रही है। छात्रों को मेल भेजा गया है। उन्होंने कहा कि पहले इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। अब एकाएक मेल भेजा गया है और छात्र इससे परेशान हैं।
कुछ आरक्षित वर्ग के छात्र शिकायत कर रहे हैं कि उनको मिलने वाली 20 प्रतिशत रियायत खत्म कर दी गई है। डीएसईयू प्रशासन का कहना है कि पिछले साल तत्कालीन कुलपति ने 10 प्रतिशत फीस कटौती को प्रोस्पेक्टस में मान्य किया था। जबकि यह वित्तीय समिति से पास नहीं हुआ था। प्रास्पेक्टस समिति इसकी जांच नहीं कर सकी।
What's Your Reaction?